अगेती तरबूज की खेती कौन से महीने में करें (Ageti Tarbuj Ki Kheti Konse Mahine Me Kare) : हमारे देश भारत में गर्मी के मौसम में किसान तरबूज की खेती बड़े पैमाने में करते है। और तरबूज के फल की मांग गर्मी के दिनों में बाजार में भी बहुत रहती है। इस लिए अगेती तरबूज की खेती (Watermelon Cultivation) कर के किसान कम समय में अधिक उत्पादन के साथ अधिक कमाई कर के बंपर मुनाफा प्राप्त कर शकते है।
हमारे देश भारत में तरबूज की खेती (Tarbooj Ki Kheti) इन राज्य में बहुत किसान करते है। जे से की गुजरात, राजस्थान, कर्णाटक, पंजाब, मध्य प्रदेश, हरियाणा आदि राज्य में तरबूज की खेती होती है। तरबूज की खेती में अन्य फसल के सामने लागत भी कम होती है। इन्हे खाद की भी जरूरत कम होती है। तरबूज की खेती से अधिक उत्पादन प्राप्त करना है तो किसान को तरबूज के उन्नत किस्में और कुछ तौरतरीके से करनी चाहिए।
अगेती तरबूज की खेती कौन से महीने में करें (Ageti Tarbuj Ki Kheti Konse Mahine Me Kare)
तरबूज की खेती (Watermelon Cultivation) हमारे देश में विविध जलवायु और मिट्टी में विविध समय पर किसान करते है। किसान मैदानी विस्तार में इन की खेती फरवरी महीने में से मार्च महीने में करते है और नदियों के किनारा वाले विस्तार में नवंबर से मार्च महीने में होती है। पर पहाड़ी विस्तार में मार्च महीने से लेकर अप्रैल महीने तक किसान तरबूज की खेती करते है।
तरबूज की खेती के लिए मिट्टी कैसी होनी चाहिए? (Watermelon Farming)
तरबूज की फसल की अच्छी विकास और अधिक उत्पादन के लिए इन की खेती आप रेतीली मिट्टी में या दोमट रेतीली या कांकरेज मिट्टी में सब से अच्छी होती है। और मिट्टी के पी.एच. मान की बात करे तो 5.5 से लेकर 7.5 के बिच का अच्छा माना जाता है। और खेत तैयारी में अच्छे से गहरी जुताई कर के गोबर की खाद मिट्टी में अच्छे से मिला देनी चाहिए।
तापमान और जलवायु
तरबूज की फसल गर्म और ठंड दोनों जलवायु को सहजता से सहन कर शक्ति है। पर शर्दी के मौसम में पड़ने वाला पाला इन को हानि पंहुचा शकता है। इन की खेती में न्यूतम तापमान 20℃ तक का और अधिकतम तापमान 35℃ तक का अच्छा माना जाता है। पर 30℃ से अधिक तापमान फल और पौधे दोनों को नुकशान होता है।
तरबूज की उन्नत किस्में (वैराइटी)
तरबूज की उन्नत किस्में हाल के समय में बहुत मौजूद है। पर इन की खेती से अधिक पैदावार और अच्छी कमाई करने के लिए उत्तम वैराइटी के बीज का चयन करना चाहिए।
प्रसिद्ध वैराइटी | बुवाई के बाद तैयार होने का समय | एक हैक्टर में से उत्पादन |
अर्का मानिक | 110 से लेकर 115 दिन में | 60 टन तक का एक हैक्टर से उत्पादन प्राप्त होता है |
पूसा बेदाना | 85 से लेकर 90 दिन में | 290 क्विंटल एक हैक्टर से उत्पादन प्राप्त होता है |
काशी पितांबर | 90 से लेकर 100 दिन में | 250 क्विंटल एक एकड़ से उत्पादन प्राप्त होता है |
अर्का ज्योति | 90 से लेकर 100 दिन में | 350 क्विंटल एक हैक्टर से उत्पादन प्राप्त होता है |
डब्लू 19 | 85 से लेकर 90 दिन में | 50 से 55 टन तक का एक हैक्टर से उत्पादन प्राप्त होता है |
अलका आकाश | 80 से लेकर 90 दिन में | 35 से लेकर 40 टन तक का एक एकड़ से उत्पादन प्राप्त होता है |
आशायी यामातो | 80 से लेकर 85 दिन में | 360 क्विंटल एक हैक्टर से उत्पादन प्राप्त होता है |
दुर्गापुरा केसर | 85 से लेकर 90 दिन में | 320 क्विंटल एक हैक्टर से उत्पादन प्राप्त होता है |
शुगर बेबी | 85 से लेकर 95 दिन में | 340 क्विंटल एक हैक्टर से उत्पादन प्राप्त होता है |
तरबूज की उन्नत किस्में के बीज बुवाई का सही तरीका
तरबूज की खेती अलग अलग तरीके से किसान करते है। मैदानी विस्तार में इन की खेती डौलियों में की जाती है। और पहाड़ी विस्तार में क्यारिया तैयार कर के तो कई किसान बेड और मल्चिंग पैपर का भी इस्तेमाल करते है।
खाद और सिंचाई
तरबूज की खेती में खेत तैयारी साथ एक हैक्टर के हिसाब से 13 से 15 टन अच्छे से सड़ी गोबर की खाद मिट्टी में मिला दीजिए। अलावा रासायनिक खाद की बात करे तो नाट्रोजन 80 किलोग्राम, फास्फोरस 50 किलोग्राम, और पोटाश 60 किलोग्राम के दर से खेत तैयारी के साथ आधी मात्रा डाले और बाकि बची मात्रा फसल जब 20 से 25 दिन की हो जाए तब डालनी चाहिए।
तरबूज की खेती में खाद आप जमीन की उर्वरक शक्ति पर डाले जो जमीन की उर्वरक शक्ति अधिक है तो कम खाद की जरूरत होगी। और सिंचाई की बात करे तो बीज बुवाई के बाद 10 से 15 दिन बाद एक सिंचाई करनी चाहिए। पर जो इन की खेती नदियों के किनारे पर करे तो सिंचाई की कम जरूरत होती है।
तरबूज की तुड़ाई और उत्पादन से होने वाला लाभ
तरबूज की खेती में फलो की तुड़ाई आप 3 से लेकर 3.5 महीने बाद जब फल अच्छे से बड़े हो जाए और पक जाए तब इन की तुड़ाई कर लेनी चाहिए। इन की तुड़ाई आप आकर देख के कर शकते है। इन के फल तुड़ाई के लिए आप चाकू का इस्तेमाल कर शकते है।
तरबूज की खेती में उत्पादन की बात करे तो विविध किस्में की उत्पादन कम और ज्यादा होती है। तरबूज की खेती हैक्टर में किसान बंधू ने की है तो कम से कम 400 से 450 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है।
तरबूज के बीज का बाजारी भाव जान के आप के होसउड़ जाएंगे। एक क्विंटल तरबूज के बीज का बाजारी भाव 10000 रुपए तक के होते है। पर 35 क्विंटल बीज उत्पादन पर 350000 रुपए की कमाई होती है। इन में आप 16500 खर्च निकले तब भी 333500 रुपए की कमाई होती है।
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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को अगेती तरबूज की खेती कौन से महीने में करें (Ageti Tarbuj Ki Kheti Konse Mahine Me Kare) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।
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