अनानास की खेती कर के किसान कम समय में लखपति बन शकता है जाने अनानास की खेती का सही तरीका

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हाल के समय में किसान परंपरागत खेती को छोड़कर फलो की खेती तरफ ज्यादा ध्यान दे रहे है। ऐसे में आज कल अनानास की खेती की चर्चा बहुत करते है। क्यों की इस खेती में समय कम एवं लगत भी कम होती है और मुनाफा अधिक होता है। तो आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम अनानास की खेती करने का सही तरीका (Ananas Ki Kheti Karne Ka Sahi Tarika) के बारे में अधिक से अधिक जानकारी हासिल करेंगे और इस खेती से किसान को कैसे लाखो रुपए का मुनाफा हो इन के बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त करेंगे।

अनानास की खेती कर के किसान कर शकता है लाखो रुपए की कमाई जाने कैसे करे खेती

Ananas Ki Kheti Karne Ka Sahi Tarika

आज के समय में किसान फलो और सब्जी की खेती कर के अच्छी कमाई कर रहे है। और फलो की बात करे तो अनानास की खेती में किसान कम समय में लखपति बन शकते है। क्यों की अनानास के फल की बाजारी मांग पुरे साल भर रहती है। और इन का बाजारी दाम भी अच्छा मिलता है। इस लिए अनानास की खेती (Pineapple Farming) किसान के लिए फायदे का सौदा है।

अनानास के फल में कई सारे विटामिन और पोषक तत्व मोजूद होते है जैसे विटामिन सी, फायबर मेग्नेशियम, कार्बोहाइड्रेट्स, कैलोरी, फैट, पोटैशियम, फोलेट, थाइमिन, आदि पोषक तत्व और विटामिन पाए जाते है। और यह विटामिन और पोषक तत्व मानव शरीर के लिए बहुत लाभदायक होते है।

अनानास की खेती हमारे देश भारत के कई राज्य में किसान बड़े पैमाने में करते है जैसे की पश्चिम बंगाल, केरल, आंध्र प्रदेश, असम, आदि राज्य के इलाके में किसान करते है। इन के अलावा भी मध्यप्रदेश, उतर प्रदेश, और बिहार के कुछ विस्तार में अनानास की खेती किसान करते है।

आज के इस आर्टिकल में हम आप को अनानास की खेती कब और कैसे करते है (Ananas Ki Kheti Kab Aur Kaise Karte Hai) अनानास की खेती के लिए मिट्टी की आवश्यकता, तापमान और जलवायु इन की उन्नत किस्में कौन कौन सी है और पाइनएप्पल की फसल में लगाने वाले रोग एवं कीट, अनानास की फसल एक हैक्टर जमीन में करे तो कितना हो शकता है उत्पादन और कमाई, बात करे तो आज के इस आर्टिकल में हम अनानास की खेती की सम्पूर्ण जानकारी देंगे पर इस के लिए आप को हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तक बने रहना होगा।

अनानास की खेती को अनुरूप मिट्टी

अनानास के पौधे की अच्छी विकास और अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए इन के उन्नत किस्में को जीवांश वाली मिट्टी, में और बलुई दोमट एवं रेतीली मिट्टी में इन की खेती सफलता पूर्वक की जाती है। अनानास की खेती अधिक जल भराव वाली मिट्टी में ना के बराबर की जाती है। इन की फसल जीस जमीन में करे उस ज़मीन का पी.एच मान 5 से लेकर 6 बिच का होना बेहद जरुरी है।

तापमान और जलवायु

अनानास की फसल में नम (उष्णकटिबंधीय) जलवायु की जरूरत होती है। साथ ही साथ ज्यादा बारिश की भी जरूरत होती है। पर शर्दी के मौसम में पड़ने वाला पला और बारिश के मौसम में ज्यादा जलभरा होने से इन की फसल को बहुत नुकशान होता है। इस लिए जीस जमीन में अनानास के पौधे लगाई उस जमीन की जल निकासी अच्छी होनी चाहिए।

अनानास की फसल में तापमान की बात करे तो न्यूतम तापमान 20℃ तक का और अधिकतम तापमान 31℃ तक का अच्छा माना जाता है इन के ऊपर का तापमान फसल को प्रभावित कर शकता है।

अनानास (पाइनएप्पल) खेत तैयारी कैसे करनी चाहिए?

अनानास की खेत तैयारी में जमीन की दो से तीन बार गहरी जुताई करे और हैक्टर के हिसाब से 13 से 15 सड़ी गोबर की खाद डाले बाद में एक जुताई कर के इन गोबर की खाद को अच्छे से मिट्टी में मिलादे और पाटा चला के जमीन को समतल करले ताकि बाद में सिंचाई में कोई दिकत का सामना ना करना पड़े। और जल भराव की समस्या भी टल जाए।

अनानास की खेती का सहि समय

अनानास की खेती पुरे साल में दो बार की जाती है तो कई हमारे देश के ऐसे भी इलाके हे जहा पर अनानास की खेती पुरे साल भर भी की जाती है। इन की खेती ज्यादातर किसान भाई जनवरी महीने में से मार्च महीने तक करते है और कई किसान मई महीने से लेकर जुलाई महीने तक करते है।

अनानास की उन्नत किस्में कौन कौन सी है?

अनानास की आम तो कई सारि उन्नत किस्में है पर ज्यादातर किसान भाई इन किस्में की रोपाई करते है। जैसे की जायनट क्यू, क्वीन, रैड स्पैनिश, मॉरिशस यह अनानास की उन्नत किस्में सब से ज्यादा उगाई जाने वाली किस्में है इन में से कई किस्मे ऐसी भी है जो कम समय में पक के कटाई के लिए तैयार हो जाती है तो कई किस्में ऐसी है जो पिछेती फसल के लिए रोपाई की जाती है। और कई किस्में के रोगप्रतिरोधक शक्ति अधिक होती है।

अनानास के पौधे को किस तरीके से रोपना चाहिए?

अनानास के पौधे की रोपाई जनवरी से मार्च एवं मई से जुलाई महीने में किसान करते है पर स्थिति के अनुसार यह रोपाई का समय बदला जा शकता है। जो बारिश अधिक हो तो इन के पौधे की रोपाई नहीं करनी चाहिए। खेत तैयारी के बाद 15 से 30 सै.मी गहरी खाई बनाले बाद में इन के सकर स्लिप या तो अनानास का ऊपरी हिच्छे की रोपाई करे। इन के यह हिच्चे को रोपाई से पहले डाईथेन एम 45 का योग्य माप लेकर पौधे को उपचारित जरूर करे। अनानास के पौधे से पौधे की दुरी 25 सै.मी की रखे और एक लाइन से लाइन की दुरी 60 सै.मी की रखनी चाहिए।

इन के आलावा मेड में भी इन के पौधे की रोपाई कर शकते है। और मेड़ से मेड़ की दुरी 2 से 3 फिट की रखनी चाहिए। इन के पौधे रोपाई के बाद तक़रीबन 17 से 21 महीने बाद फल पक के तुड़ाई के लिए तैयार हो जाता है।

अनानास की फसल में कौन सा खाद डाले

हम सब जानते ही है की किसी भी फसल की अच्छी उपज प्राप्त करनी है तो अच्छी मात्रा में इन फसल को जरूरी पोषक तत्व देना चाहिए। ऐसे ही अनानास की फसल में अच्छा उत्पादन लेना है तो एक हैक्टर के हिसाब से 13 से 15 अच्छे से सड़ी गोबर की खाद और बर्मीकम्पोस इन के अलावा रासायनिक खाद में फास्फोरस 341 किलोग्राम और पोटाश 381 किलोग्राम और अमोनियम 681 किलोग्राम साल में दो बार देना चाहिए इन से अनानास के पौधे की अच्छी वृद्धि होती है।

अनानास की फसल में सिंचाई कैसे करे

अनानास की खेती में आम तो ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं होती क्यों की इन के पौधे बारिश के मौसम में ही मुख्य खेत में लगाई जाते है पर जो बारिश सही समय पर ना हुई तो एक सिंचाई जरूर करे। इन की फसल खाई तैयार कर के और मेड़ तैयार कर के करते है इस लिए ड्रिप इरिगेशन विधि से सिंचाई करने में सरलता रहती है इन के पौधे अच्छे से अंकुरित हो जाने के बाद 10 से 15 दिन बात सिंचाई करते रहे।

अनानास की फसल में लगने वाले रोग एवं कीट

आम तो अनानास की फसल में रोग एवं कीट बहुत कम अटैक करते है फिर भी जो रोग और कीट ने अटैक कर दिया तो इन को योग्य दवाई का छिड़काव कर के इन अनानास के पौधे को इन रोग एवं कीट से मुक्त करे नहीं तो सारि फसल बर्बाद हो जाती है और किसान को इन का नुकशान भुगतना पड़ता है।

अनानास की खेती में ज्यादातर इस प्रकार के रोग एवं कीट अटैक करते है जैसे की शीर्ष विगलन,जड़ गलन, काला धब्बा, परजीवी नेमाटोड रूट, यह सब दिखाई देते है इन का उपचार योग्य दवाई का छिड़काव कर के कर शकते है।

अनानास की खेती से उत्पादन और लाभ

अनानास के पौधे की रोपाई मुख्य खेती में करने के बाद फल 18 से 20 महीने के बाद पक के तुड़ाई के लिए तैयार हो जाता है। अनानास को पौधे की पतिया हरे रंग से हल्के पीले रंग की दिखाई दे तब इन के फल की तुड़ाई कर शकते है। और इन के एक पौधे से एक ही फल मिलता है जो तुड़ाई के बाद जल्द से जल्द बाजार में बेच देना चाहिए।

अगर किसान ने एक हैक्टर जमीन में अनानास की खेती की है तो 16 से 17 हजार पौधे की रोपाई कर शकते है और इन पौधे की उत्पादन की बात करे तो 350 से लेकर 400 क्विंटल तक का उत्पादन होता है। और हमें भी पता है की अनानास के फल का पुरे साल भर बाजार में अच्छी मांग रहती है इस लिए बाजारी दाम भी अच्छा मिलता है इसी लिए अनानास की एक बार की खेती से बड़ी आसानी से किसान बंधू 5.5 से 6 लाख रुपए की कमाई कर शकते है।

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आज के इस ब्लॉग ikhedutputra.com के माध्यम से आप को अनानास की खेती करने का सही तरीका (Ananas Ki Kheti Karne Ka Sahi Tarika) के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्रदान की है।

यह आर्टिकल आप को अनानास की खेती में बहुत ही हेल्प फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है और ऐसे की खेती से जुडी विविध फसल के बारे में और किसान के हित में विविध सरकारी योजना के बारे में जानने के लिए आप इस ikhedutputra.com वेबसाईट को सब्सक्राब करे ताकि रोजाना आप को खेती से जुडी बाते और नई तोर तरीके बारे में सब से पहले नोटिफिकेशन मिलती रहे।

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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