अरहर की उन्नत किस्म (Arhar Ki Unnat Kisme) : अरहर एक दलहनी फसल है और इन का स्थान दलहनी फसल में कुछ खास है। अरहर को तुअर के नाम से भी जाना जाता है। किसान इन की खेती कर के अच्छी कमाई कर शकते है। पर तुअर की खेती आप उन्नत किस्म की करेंगे तो उत्पादन अधिक प्राप्त होगा।
अरहर की दाल में प्रोटीन, खनिज, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, लोहा आदि पोषक तत्व पाए जाते है। इन की खेती हमारे देश के कई राज्य में किसान करते है जैसे की गुजरात, महाराष्ट्र, उतर प्रदेश, कर्नाटक, बिहार आदि राज्य में अरहर की खेती किसान बड़े पैमाने में करते हैए और अच्छा उत्पादन भी प्राप्त करते है।
आज के इस ikhedutputra.Com के इस आर्टिकल के माध्यम से हम अरहर की उन्नत किस्म (Arhar Ki Unnat Kisme) और इन की खेती कैसे करनी चाहिए ताकि अधिक उत्पादन प्राप्त हो शके इन सभी बाते पर अधिक जानकारी प्राप्त करेंगे। इस लिए आप हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तक जरूर बने रहे।
अरहर की उन्नत किस्म (Arhar Ki Unnat Kisme)
अरहर की उन्नत किसमे तो हमारे देश भारत में कई सारी है पर इन में से आज हम अरहर की 4 किस्म के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे जैसे की पूसा अरहर 16 किस्म, नरेंद्र अरहर 2, अरहर की पूसा 992 किस्म, अरहर की आईपीए 203 किस्म,
पूसा अरहर 16 किस्म
अरहर की यह उन्नत किस्म बीज बुवाई के बाद 125 दिन में अच्छे से पक के तैयार हो जाती है। अरहर की इस किस्म की बुवाई बारिश के दिनों में अधिक होती है। इस किस्म को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा नई दिल्ली द्वारा विकसित किया गया है। अरहर की यह उन्नत किस्म के पौधे की उचाई कम और अधिक उत्पादन के लिए जानी जाती है। इन के पौधे की उचाई कम होती है इस लिए आधी तूफान में भी अच्छे से खाड़े रह जाते है। और एक हैक्टर से तक़रीबन 20 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है।
नरेंद्र अरहर 2 किस्म
अरहर की यह उन्नत किस्म देर से पकने वाली किस्म है। और इन के बीज की बुवाई जुलाई महीने में किसान बड़े पैमाने में करते है। इन के बीज मुख्य खेत में बुवाई के बाद 230 से 245 दिन में अच्छे से पक के तैयार हो जाती है और एक एकड़ जमीं में इन की खेती की है तो 13 से लेकर 15 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त होता है।
अरहर की पूसा 992 किस्म
अरहर की यह भी उन्नत वैरायटी कम समय और अधिक उत्पादन के लिए जानी जाती है। फिर भी उत्पादन अधिक प्राप्त होता है। इन के बीज की बुवाई मुख्य खेत में करने के बाद 125 से 130 दिन में अच्छे से पक के तैयार हो जाती है। इस किस्म के बीज की बुवाई करने का सही समय जुलाई महीना है। और अक्तूबर महीने में अच्छे से पक के तैयार हो जाती ही। एक एकड़ जमीन में से 8 से 10 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त होता है।
अरहर की आईपीए 203 किस्म
अरहर की यह उन्नत वैरायटी कुछ खास है। इस में बहुत कम यानि के ना के बराबर बीमारी लगती ही। इस लिए किसान अरहर की इस किस्म की बुवाई अधिक करते है और अच्छा उत्पादन प्राप्त होता है। इन की बुवाई एक एकड़ जमीन में की है तो आप को 19 से लेकर 20 क्विंटल तक प्राप्त होता है। और इन की बुवाई जून महीने में की जाती है।
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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को अरहर की उन्नत किस्म (Arhar Ki Unnat Kisme) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।
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