आज के इस आर्टिकल में हम बरसात के मौसम में गेंदा फूल की खेती करने का बेस्ट तरीका (Barsat Ke Mosam Me Genda Phool Ki Kheti Karne Ka Best Trika) के बारे में विस्तार से जानेंगे और गेंदा फूल की उन्नत किस्में के बारे में भी अधिक जानकारी प्राप्त करेंगे।
गेंदा फूल की खेती व्यापक रूप से की जाती है। गेंदा फूल का इस्तेमाल हम धार्मिक कार्यों में मंदिर में और पूजा में इन के अलावा विविध त्योहार पर जैसे की दीपावली का त्योहार है और शादी जैसे सामाजिक कार्यों में इन फूलों का इस्तेमाल बहुत करते है।
हमारे देश भारत के कई राज्य में गेंदा फूल की खेती किसान बड़े पैमाने में करते है और अधिक उपज के साथ अच्छी कमाई भी करते है आम तो गेंदा फूल की खेती गर्मी के मौसम में सर्दी के मौसम में और बारिश के मौसम में आम तीनो मौसम में की जाती है।
भारत के गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, आदि राज्य में गेंदा फूल की उन्नत किस्में की खेती कर के अच्छा मुनाफा किसान प्राप्त करते है।
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गेंदा फूल की खेती कब करनी चाहिए
अगर आप को नहीं पता की गेंदा फूल की खेती कब करनी चाहिए तो हम आप को बतादे की गेंदा फूल की अधिक मांग विविध त्यौहार पर और धार्मिक कार्य में और शादी जैसे रश्म रिवाज में होती है इस लिया आप को इस समय पर गेंदा फूल की अधिक पैदावार मिले इस लिया आप को इस की नर्सरी जून महीने के 15 दिन बाद और जुलाई महीने के 5 दिन पहेले लगा देनी चाहिए।
गेंदा फूल की उन्नत किस्में के बीज की बुवाई के बाद 20 से 30 दिन के अंतर में इन के पौधे काफी बड़ा हो जाता है और इस पौधे को मुख्य खेत में लगा सकते है।
अगर आप हमे बताई समय पर यानी के 5 जुलाई से लेकर 30 जुलाई के अंतर में इस गेंदा फूल के पौधे को ट्रांसप्लांट या (मुख्य खेत) में लगा देते है तो हमे 50 से 55 दिन बाद इन मुख्य खेत में लगाई पौधे पर पहेली फूलो को कटाई कर शकते है। यानी की बुवाई के बाद ठीक 50 दिन बाद इस पौधे पर अच्छी पैदावार देखने को मिलेंगी। और इस के फूल आप को सितंबर महीने में प्राप्त हो सकते है।
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गेंदा फूल की खेती के लिए कोन सी किस्में के बीज का चुनाव करे
बाजार में इन गेंदा फूल की दो किस्में के बीज मिलते है इन के आकार और रंग के हिसाब से इन की मुख्य तवे बे वेराइटी मिलती है। एक किस्में के नाम है फ्रेंच गेंदा और दूसरे किस्में का नाम है अफ्रीकी गेंदा, इस प्रकार के दो किस्में है
इन दोनो किस्में के फूल अलग अलग रंग और साईज के होते है। अफ्रीकी गेंदा का पोधा बड़ा और फूल भी बड़ा होता है और फ्रेंच गेंदा का पौधा छोटा और फूल की साईज भी चोटी होती है। हमारे देश भारत में इन दोनो गेंदा फूल की किस्में में से अफ्रीकी गेंदा किस्में के फूलो की बाजारी मांग बहुत ज्यादा होती है।
अफ्रीकी गेंदा फूल की उन्नत किस्में के नाम कुछ इस प्रकार के है जैसे की मेरीगोल्ड, पूसा बसंती, पूसा नारंगी, डबल ओरेंज, आदि किस्में है और इस किस्में के नाम की तरह इन के फूल का रंग भी अलग अलग है के से की पीले रंग के फूल, नारंगी रंग के फूल, इस प्रकार के रंग के फूल होते है।
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