भैंस की टॉप 6 नस्ल जो अधिक दूध देती है और सबसे ज्यादा दूध देने वाली भैंस के नाम से जानी जाती है

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नमस्ते किसान बंधू हमारे इस ब्लॉग ikhedutputra में आप सभी किसान भाई का स्वागत है और आज के इस आर्टिकल में हम आप को भैंस की टॉप 6 नस्ल जो अधिक दूध देती है (Bhains Ki Top 6 Nasl Jo Adhik Dudh Deti Hai) के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्रदान करेंगे।

Bhains Ki Top 6 Nasl Jo Adhik Dudh Deti Hai

किसान को खेती बाड़ी के अलावा पशुपालन एक अच्छी कमाई का जरिया है। पशुपालन की मदद से किसान अच्छा मुनाफा कर शकते है। जो किसान पशुपालन करते है इन्हे दूध बेचकर तो कमाई होती ही है पर गाय, भैंस, बकरी, पालन कर के किसान देशी खाद भी तैयार करते है और इन खाद को खेत में फसल को डालते है और किसी भी फसल का उत्पादन भी अधिक प्राप्त करते है इस लिए किसान के लिए पशुपालन एक वरदान रूप साबित होता है।

किसान को अच्छी कमाई और दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए यह टॉप 6 नस्ले की भैंस का पालन करना चाहिए। जो ज्यादा दूध देने के लिए जानी जाती है। इस नस्ले की भैंस का पालन कर के किसान अपनी आय में बड़ोतरी कर शकते है।

भैंस की ये टॉप 6 नस्ल जो अधिक दूध देने के लिए जानी जाती है

आम तो हमारे देश भारत में भैंस की लगभग 26 नस्लें है। पर इन में से कुछ नस्ले ऐसी है जो ज्यादा दूध देती है। और पुरे विश्व की बात करे तब भी हमारा देश भारत में भैंस की ज्यादा आबादी है। फिर भी बहुत कम लोग जानते है की भैंस की कौन सी नस्ले है जो अधिक दूध देती है।

भैंस की विविध नस्ले के नाम कुछ इस प्रकार के है। मुर्रा, नीलीरावी, कुट्टांड, जाफराबादी, मेहसाणा, जेरंगी, संभलपुरी, कन्नारा, सुर्ती, तोड़ा, नागपुरी, गोदावरी, पंढरपुरी, चिल्का, कालाहांडी, बन्नी, भदावरी, देशिला, धारावी, तराई, इन से भी अधिक नस्ले की भैंस हमारे देश भारत में किसान पालते है।

हमारे भारत देश के उतर प्रदेश राज्य में सब से ज्यादा भैंस का पालन किया जाता है इन के अलावा राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार आदि राज्य में भी भैंस का पालन कर के अधिक दूध उत्पादन प्राप्त किया जाता है।

भुर्रा भैंस : पशुपालन में जब अधिक दूध देने वाली भैंस की बात करे तो भुर्रा भैंस का नाम सब से पहले लिया जाता है। यह भुर्रा भैंस की ज्यादा आबादी हरियाणा और पंजाब राज्य में पाई जाती है। पर आज के ज़माने में यह भुर्रा भैंस को कई सारे राज्य में किसान पालते है और अधिक दूध उत्पादन करते है। इस नस्ल की भैंस का रंग गहरा कला होता है। और इस का सींग छोटा और पैर एवं पूंछ के निचला हिच्छा में सफ़ेद धब्बे होते है।

इस नस्ल की भैंस की पहेली ब्यात 46 से 48 महीने में होती है इन के बाद अगली ब्यात 15 से 17 महीने के बिच में होती है। एक ब्यात में 5500 से 6000 लीटर तक का दूध उत्पादन होता है। ब्यात के शुरुआती महीनो में एक दिन में 70 से 80 लीटर दूध देती है। और इन के दूध की वसा की बात करे तो 7 से 7.5 के बिच में रहता है जो अन्य भैंस के दूध से ज्यादा है।

सुर्ती भैंस : भैंस की यह नस्ल ज्यादातर गुजरात के बड़ोदरा और खेड़ा जिले में पाई जाती है। इस नस्ल के भैंस का रंग सिल्वर स्लेटी, और काले और भूरे रंग होते है। इस नस्ल के भैंस के धड़ नुकीला और माध्यम आकर के होते है। इन का सींग लंबा होता है। इस नस्ले की भैंस एक ब्यात में 1000 से 1250 लीटर दूध देती है। इस के दूध में वसा की मात्रा 8 से 10 के बिच में रहती है।

जाफराबादी भैंस : भैंस की यह नस्ल सब से मजबूत कद वाली है। इस नस्ल की भैंस ज्यादातर गुजरात के जूनागढ़ और गिर जंगली विस्तार में पाई जाती है। पर इन को जामनगर जिले और कच्छ के कुछ विस्तार में भी पालन करते है। इस नस्ल के भैंस की गर्दन एवं सिर का आकर भारीखम होता है। इन का माथा चौड़ा और सींग बहुत बड़े और सींग पीछे की तरफ मुड़े होते है। इन का रंग काला होता है। इस नस्ल के भैंस का दूध उत्पादन एक ब्यात का 1400 से 1700 लीटर का होता है।

नीली रावी नस्ल भैंस : भैंस की इस नस्ल को ज्यादातर पंजाब के सतलज की घाटी में पाई जाती है। इस नस्ल की भैंस को उतर प्रदेश राज्य के बरेली, रामपुर आदि जिले में अधिक संख्या में किया जाता है। यह नस्ल की भैंस सेहद में भी बहुत मजबूत होती है। यह भैंस देखने में सुन्दर होती है यह भैंस एक ब्यात में अधिकतम 2500 से 5000 तक का दूध देती है और वसा की बात करे तो 8 से 10 के बिच में रहता है।

भदावरी भैंस : यह भैंस का मूल स्थान मदावार विस्तार है और यह विस्तार आगरा, जनपत, मुरैना, ग्वालियर, इन सभी के विस्तार को मिला कर बना है। इन के अलावा चंबल और यमुना नदी के आस पास के इलाके में देखि जाती है। इस नस्ल की भैंस के शरीर पर कम बाल होते है और इन का रंग ताबिया और पैर छोटे एवं पैर के निचले हिच्चे में सफ़ेद धब्बे होते है। इन के सींग तलवार के आकर के होते है। यह नस्ल की भैंस एक ब्यात में 1500 से 1700 लीटर दूध देती है और वासा भी अधिक होता है।

गोदावरी भैंस : भैंस की यह नस्ल ज्यादातर आंध्रप्रदेश राज्य में दिखाई देती है। भैंस की यह प्रजाति गोदावरी जिले में से बाकि के जिलों में बहुची है। इस भैंस की एक और खाशियत है इन्हे रोग कम होते है क्यों की इन की रोग प्रतिरोधक शक्ति अधिक होती है। इस भैंस के शरीर का रंग काला, भूरा, और सिलेटी होता है। इस के दूध की मात्रा अच्छी होती है एक ब्यात में 1500 से 2000 के बिच में रहती है और दूध में वसा भी अच्छा होता है।

आप की जानकारी के लिए हम आप को बता दे की इन में से सब से महंगी भुर्रा भैंस है। इस भैंस की बोली पुष्कर के मेले में लगाई गई थी लाखो रुपिए में उस भैंस का वजन 1500 किलोग्राम और इन की लम्बाई 13 फिट और उचाई की बात करे तो 6 फिट की थी। इस भुर्रा भैंस को खरीदने के लिए कई सारे लोग आई थे और इन का दाम भी लाखो रुपिए में बोले गई थे

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आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम ने आप को भैंस की टॉप 6 नस्ल जो अधिक दूध देती है (Bhains Ki Top 6 Nasl Jo Adhik Dudh Deti Hai) इन के बारे में बहुत कुछ बताया है।

यह आर्टिकल आप को पशुपालन के लिए बहुत हेल्प फूल होगा यह आर्टिकल आप को बहुत पसंद आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है और यह आर्टिकल आप अपने मित्रो और किसान भाई जो पशुपालन करते है इनको जरूर शेयर करे।

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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