नमस्ते किसान बंधू हमारे इस वेबसाइट ikhedutputra.com पर आप सभी का तहेदिल से स्वागत करता हु और इस आर्टिकल के माध्यम से हम आप को गेंहू की टॉप 5 नई उन्नत किस्मे (Gehu Ki Top 5 New Unnat Kisme) के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और इस किस्में की बुवाई से लेकर कटाई तक की सम्पूर्ण जानकारी देंगे।
गेंहू की बेस्ट किस्म DBW 327
इस किस्में की बुवाई एक एकड़ जमीन में किसान करेंगे तो 35 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त कर शकता है। खेतीबाड़ी की सभी फसल की उत्पादन मात्रा बढ़ने के लिए हमारे कृषि वैज्ञानिक निरंतर प्रयास कर रहे है। हाल ही हमारे देश भारत के कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक ने नई गेंहू की बेस्ट 5 किस्में को तैयार किया है। और इस किस्में की बुवाई कर के किसान अधिक उपज ले सकते है।
और इस किस्में के गेंहू के बुवाई में मौसम का कोई प्रभाव नहीं पड़ता जैसे की अधिक बारिश, अधिक ठंड, या अधिक धूप आदि का असर नहीं होता है। इस गेंहू की किस्में का उत्पादन हर मौसम में समान रहेगा।
गेंहू की यह उन्नत किस्में का नाम है DBW 327, है। गेंहू की यह किस्में को सब से अच्छा बताया गया है। इस किस्म का एक और खास बात है की इस पर कोई रोग, या बीमारी भी नही लगेंगी, इस खाद किस्में की बुवाई एक हैक्टर जमीन पर की जाए तो उपज के रूप में 70 से 80 क्विंटल तक की पैदावार प्राप्त कर सकते है। यह किस्म गेंहू की अन्य किस्में अधिक उत्पादन देती है।
गेंहू की यह किस्में को हमारे देश के गेंहू अनुसंधान संस्थान करनाल के कृषि वैज्ञानिको ने तैयार की है इन के अलावा कई तरह की कृषि तकनीको के वृद्धि के लिए हमारे राष्ट्रीय गेंहू और अनुसंधान संस्थान के करनाल को राष्ट्रीय पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया है।
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गेंहू की उन्नत किस्में DBW 327 किस्में की खासियत
गेंहू की इस उन्नत किस्में में अन्य गेंहू की किस्में से अधिक खासियत देखने को मिली है। गेंहू की यह किस्में हमारे कृषि वैज्ञानिक ने देखते ही इस किस्में के उपयोग पर अधिक भार दिया है। हमारे कृषि विश्वविद्यालय ने कहा है की इस खास गेंहू के बीज जल्द से जल्द किसान को मिल जानेंगे। इस गेंहू की खास फसल की विविधता इस तरह से है।
गेंहू की इस खास और उन्नत किस्में DBW 327 किस्में के ऊपर किसी मौसम का प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस फसल की बुवाई करने से खराब होने की कोई संभावना नहीं होगी। गेंहू की यह किस्में पर कोई प्रकार के रोग एवं कीट का प्रकोप भी नही देखा गया इस लिया यह किस्में रोग एवं कीट या बीमारी के सामने प्रतिरोधक है। किसान इस किस्में के गेंहू की बुवाई करेंगे तो गेंहू की बाकी किस्में से अधिक उत्पादन कर सकते है।
इस किस्में की बुवाई किसान एक हैक्टर में करे तो किसान कोन 80 क्विंटल तक की उपज मिल शक्ति है। और एक एकड़ जमीन में इन की खेती करेंगे तो 35 क्विंटल तक की उपज मिलती है।
गेंहू की इस उन्नत किस्में की बुवाई हमारे देश के हरियाणा, पंजाब, उतार प्रदेश, और दिल्ली के विस्तार के लिए अनुकूल और सफलता के लिए बताई है।
गेंहू की DBW 327 किस्में के फायदे क्या क्या है।
गेंहू की यह उन्नत किस्में DBW 327 में रोग प्रतिरोधक शक्ति अधिक होती हेनिस लिया इस फसल में कोई रोग एवं कीट अटैक नही कर सकता इस लिया इस किस्में की बुवाई करे से कोई रासायनिक दवाई का छिड़काव करने की कोई जरूरत नहीं होती है। इन के अलावा इस किस्में में कोई मौसम का भी प्रभाव नहीं पड़ेगा इसी लिया किसान को इस की देखभाल भी कम करनी होगी। इस गेंहू की उन्नत किस्में से किसान को पैदावार भी अच्छी प्राप्त होगी। और अधिक पैदावार से किसान को मुनाफा भी अधिक होगा
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गेंहू की DBW 327 गेंहू की उन्नत किस्में के अलावा भी मुख्य 4 किस्में प्रसिद्ध है।
हमारे देश भारत के गेंहू अनुसंधान संस्थान करनाल के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया है की इस साल गेंहू की टॉप 5 उन्नत किस्में तैयार की है जिन के नाम कुछ इस प्रकार के है DBW 370, DBW 371, DBW 372, DBW 316, DBW 55 D, इस साल बाजार में उपलब्ध किया जाएगा। हमारे निदेशक ने बताया है की तीसरे अनुमान के अनुसार भारत देश में 12 मिलियन टन से भी ज्यादा उत्पादन हुआ था।
गेंहू की DBW 370 उन्नत किस्में की विशेषता
गेंहू की यह उन्नत किस्में DBW 370 ज्यादा उत्पादन देने वाली उन्नत किस्में है। इस किस्में की बुवाई किसान एक हैक्टर जमीन में करते है तो 87 क्विंटल तक की उपज प्राप्त कर सकते है। और इन की कमसेकम 75 क्विंटल तक की उपज प्राप्त होती है। गेंहू की यह किस्में बुवाई के बाद 145 से 155 दिन में पक के कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
गेंहू की उन्नत किस्में DBW 371 की खास विशेषता
गेंहू की यह उन्नत किस्में DBW 371 सिंचित विस्तार में और गेंहू की अगेती बुवाई के लिए तैयार की गई है। इस किस्में की बुवाई किसान एक हैक्टर जमीन में करते हैं तो 85 से 88 क्विंटल तक की पैदावार कर सकते है। और इन की कम से कम 75 से 76 क्विंटल तक की पैदावार प्राप्त होती है।
इस किस्में की खेती भारत के पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, राज्य में किसान बड़े पैमाने में कर सकते है। इन के अलावा उत्तराखंड में तराई विस्तार में जम्मू कश्मीर के जम्मू एवं कठुआ के विस्तार में और हिमाचल प्रदेश के ऊना के विस्तार में कर सकते है। इस किस्में की बुवाई के बाद ठीक 145 से 150 दिन में पक के कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
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गेंहू की उन्नत किस्में DBW 372 की विशेषता
गेंहू की यह उन्नत किस्में DBW 372 की बुवाई करे तो अधिक उपज 80 से 85 क्विंटल तक की होती है। और कम से कम 70 से 75 क्विंटल तक की होती है। गेंहू की यह उन्नत किस्में की बुवाई किसान एक हैक्टर जमीन में करते है इस प्रकार से पैदावार प्राप्त कर सकते है और बुवाई के बाद 145 से 150 दिन में पक के कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
गेंहू की बुवाई करने का सही तरीका और सही समय
गेंहू की फसल में बुवाई करने का सही तरीका वर्गाकार विधि है। इस विधि से गेंहू की बुवाई कर के पंक्ति से पंक्ति के बीच का फासला 8 से 10 इंच रखा जाता है। इस वर्गाकार विधि से गेंहू की बुवाई करने से उपज अधिक मिलती है। जब आप गेंहू की बुवाई कमजोर भूमि में करते है तब इस बात का ध्यान रखे की दूरी कम रखनी है।
पर जमीन अधिक उपजाब और अच्छी है तो दूरी ज्यादा रखे क्यों की गेंहू की फसल अच्छे से विकास कर सके और अधिक उत्पादन दे सके। गेंहू की खेती के लिए 20°C से 25°C तक के तापमान में अच्छे से विकास होता है। और अधिक 30°C तक का तापमान सहन कर सकते है इन से ऊपर का तापमान गेंहू की फसल को नुकशान कर्क होता है।