गेहूं की ये उन्नत किस्में एक हैक्टर में से 80 क्विंटल तक पैदावार देती है

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गेहूं की ये उन्नत किस्में एक हैक्टर में से 80 क्विंटल तक पैदावार देती है। हमारे देश में बहुत सारे किसान रबी मौसम में सब से ज्यादा गेहूं की उन्नत किस्में की बुवाई करते है। मूंफली, धान, तिल आदि फसल की कटाई कर के किसान गेहूं की फसल की तैयारी में लग जाते है। ऐसे ही आज के इस आर्टिकल में हम गेहूं की अधिक उत्पादन देने वाली किस्में (High yielding Varieties Of Wheat) के बारे में बात सीत करेंगे।

गेहूं की अधिक उत्पादन के लिए जानी जाती है यह गेहूं की उन्नत किस्में हैक्टर में से 80 क्विंटल

High yielding Varieties Of Wheat

गेहूं की फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए हमारे किसान भाई और हमारे कृषि वैज्ञानिकों बहुत महेनत कर रहे है। हमारे कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं की कई सारी उन्नत किस्में तैयार की है जो अधिक उत्पादन के लिए जानी जाती है। गेहूं की खेती से अधिक उत्पादन के लिए आप इन किस्में के बीज की बुवाई करे तो उत्पादन अच्छा मिलेगा।

गेहूं की कई ऐसी उन्नत किस्में है जो 80 क्विंटल से भी अधिक उत्पादन देती है। गेहूं की मांग साल भर बाजार में बनी रहती है। इस लिए इन की फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त कर के किसान अच्छी कमाई के साथ अथिक मुनाफा कर शकता है। तो आई ए ज्यादा देरी किए बिना गेहूं की उन्नत किस्में के बारे में जाने की वे कौन सी किस्में है जो आधी उत्पादन के लिए जनि जाती है।

गेहूं की अधिक उत्पादन देने वाली उन्नत किस्में

आम तो गेहूं की कई सारी उन्नत किस्में हमारे कृषि संस्थान ने तैयार की है पर इन में से कुछ किस्में ऐसी है जो अधिक उत्पादन के लिए जानी जाती है। जैसे की डीबीडब्ल्यू 371, डीबीडब्ल्यू 372, करण नरेन्द्, डीबीडब्ल्यू 187, करन वंदना, डीबीडब्ल्यू 370, इन से भी गेहूं की अधिक उन्नत किस्में है जो बंपर उपज के लिए जानी जाती है।

डीबीडब्ल्यू 371 : गेहूं की यह उन्नत किस्में की बुवाई हमारे देश के हरियाणा, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली आदि राज्य में किसान बड़े पैमाने में इस किस्में के गेहूं की बुवाई करते है। और यह किस्में अगेती बुवाई के लिए सही है। यह किस्में की बुवाई के बाद 150 से 155 दिन में पक के कटाई के लिए तैयार हो जाती है। और इस का उत्पादन की बात करे तो एक हैक्टर मे से अधिकतम 86 क्विंटल तक का प्राप्त होता है और न्यूतम उत्पादन 76 क्विंटल तक का प्राप्त होता है

डीबीडब्ल्यू 372 : गेहूं की यह किस्में पर मौसम का प्रभाव कम पड़ता है इस लिए फसल ख़राब नहीं होती। इस में कई सारि बीमारी भी नहीं लगती। और इस किस्में की बुवाई पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, आदि राज्य में इन की फसल बहुत किसान करते है। इन के उत्पादन की बात करे तो एक हैक्टर में से 81 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है।

करण नरेन्द् : गेहूं की यह उन्नत किस्में की बुवाई किसान अक्टूबर महीने में या नवंबर महीने में कर शकते है। और इन की फसल में 4 से 5 सिंचाई की जरूरत होती है। यह किस्में की फसल बुवाई के बाद 140 से 145 दिन में पक के कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इन का उत्पादन एक हैक्टर में से 75 से 80 क्विंटल तक का प्राप्त होता है।

डीबीडब्ल्यू 187 : गेहूं की यह उन्नत किस्में की फसल में पीला रतुआ एवं ब्लास्ट आदि बीमारी नहीं लगती है। इस गेहूं की उन्नत किस्में की बुवाई हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली और जम्मू यह राज्य में सब से अधिक यही गेहूं की किस्में की बुवाई किसान करते है। और बुवाई के बाद 145 से 150 दिन में अच्छे से पक के कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इन का एक हैक्टर से 80 से 95 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है।

करन वंदना : गेहूं की यह उन्नत किस्में की बुवाई गंगा तटीय विस्तार में बहुत किसान करते है और अच्छा उत्पादन प्राप्त करते है। इस किस्में में पीला रतुआ और ब्लास्ट बीमारी नहीं लगती। इन किस्में की बुवाई के बाद 120 से 125 दिन में पक के कटाई के लिए तैयार हो जाती है। और एक हैक्टर में से 75 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है।

डीबीडब्ल्यू 370 : गेहूं की यह उन्नत किस्में बुवाई के बाद 145 से 150 दिन में पक के कटाई के लिए तैयार हो जाती है। और यह किस्में अधिक उत्पादन के लिए जानी जाती है। जो एक हैक्टर मे से अधिकतम 85 क्विंटल से भी अधिक उत्पादन देती है और न्यूतम उत्पादन की बात करे तो 75 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त होता है।

Gehu Ki Buvai Kaise Kare

गेहूं की उन्नत किस्में की बुवाई करने का सही समय और तरीका

गेहूं की फसल का बुवाई करने का सही समय अक्टूबर महीने में या नवंबर महीना सब से अच्छा माना जाता है। इन की बुवाई करने के लिए पहले खेत अच्छे से तैयार करे बाद में इन की बुवाई पंक्ति में की जाती है। और पंक्ति से पंक्ति की दुरी 8 से 10 इंच की रखनी चाहिए। इस प्रकार गेहूं के पौधे से पौधे की दुरी 7 से 9 इंच की रखे ताकि अच्छे से पौधा वृद्धि कर शके और अधिक उत्पादन प्राप्त हो शके। इस प्रकार वर्गाकार रूप से गेहूं की बुवाई करने से अच्छा उत्पादन मिलता है। गेहूं की खेती अगर किसान उपजाव मिट्टी में कर रहे है तो पौधे से पौधे की दुरी ज्यादा रखनी चाहिए और कम उपजाव मिट्टी में पौधे से पौधे की दुरी कम रखनी चाहिए इन से किसान को उत्पादन में अच्छा लाभ होता है।

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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को गेहूं की अधिक उत्पादन देने वाली किस्में (High yielding Varieties Of Wheat) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को गेहूं की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।

हमारे इस ब्लॉग ikhedutputra.com पर हर हमेेश किसान को खेती की विविध फसल के उन्नत बीज से लेकर उत्पादन और इन से होने वाली कमाई और मुनाफा तक की सारी बात बताई जाती है। इन के अलावा जो किसान के हित में सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली विविध योजना और खेती के नई तौर तरीके के बारे में भी बहुत कुछ जानने को मिलेगा।

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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