कददू एक सब्जी वर्गी फसल है। इस की सब्जी में कई पोषक तत्व और विटामिन पाए जाते है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आप को विस्तार से बताएंगे की कददू की खेती कैसे और कब करे (Kaddu Ki Kheti Kese Aur Kab Kare) इस के बारे में बहुत कुछ जानेंगे।
आज के समय में सभी किसान कम समय में अधिक उपज देने वाली फसल की खेती करना चाहते है। इस लिए आज आप को हम कददू की खेती के बारे में विस्तार से बात करेने और यह कददू की खेती मात्र 90 से 100 दिन में पक के तैयार हो जाती है और इसे मार्किट में बेचकर किसान कम समय में अधिक मुनाफा कर शकते है।
कददू की फसल बेल वाली होती है और कच्चे कददू का रंग हरा और पक जाने पर हल्का पीला रंग हो जाता है। कददू के बीज भी कई मिठाई में उपयोग में लिया जाता है। कददू के पके फल में कैरोटीन अच्छी मात्रा में मौजूद होती है।
कददू का सेवन करने से इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते है इस के सेवन करने से कई बीमारी से रहत और छुटकारा भी पा शकते है जैसे की जुकाम, खासी, शर्दी, वायरल, इस से संक्रमण जल्द नहीं हो पता।
कददू की खेती कर के मात्र 90 से 110 दिन में किसान लाखो का मुनाफा कर शक्ति है तो आई ए जानते है की इस पम्पकिन फार्मिंग (Pumpkin Farming) कैसे और कब करे और इन की खेती जुडी सभी बाते विस्तार से जाने।
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कददू की फसल के लिए मिट्टी की पसंदगी
कददू की फसल की अच्छी विकास के लिए अधिक उपजाब और दोमट मिट्टी और बलुई दोमट मिट्टी में करे और जीस मिट्टी में कददू की खेती करे उस मिट्टी का पीएच मान 5.5 से 7.5 के बिच का अच्छा माना जाता है।
कददू की फसल में जल निकास की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। अधिक जल भराव से इन की फसल को हानि होती है और कददू के फल को भी नुकसान होता है।
जलवायु और तापमान
कददू की फसल अद्रा और गर्म जलवायु में अच्छे से वृद्धि करती है और शीतोष्ण और समशीतोष्ण जलवायु सब से अच्छा माना जाता है। और तापमान की बात करे तो बीज के अंकुरित होने के लिए सामान्य तापमान की जरूरत होती है पर फसल और फल की अच्छी विकास के लिए 20°C से 35°C तक का तापमान अच्छा रहता है।
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कददू की उन्नत किस्मे
कददू की फसल की अच्छी विकास और अधिक फल की प्राप्ति हेतु उत्तम किस्मे के बीज की बुवाई करनी चाहिए और आज के समय में हमारे कृषि संसधान ने कई उन्नत किस्मे के बीज तैयार किया है।
कददू को उन्नत किस्मे जैसे की काशी हरित, डी.ए.जी.एच. 16, पूसा विश्वास, नरेंद्र आभूषण, पूसा हाईब्रिड 1, काशी उज्जवल, काशी धवन, आदि उन्नत किस्मे बाजार में मौजूद है।
कददू की खेती में इस किस्मे की बुवाई करेंगे तो उपज अच्छी और पैदावार बंपर मिलेंगी और फल भी उत्तम प्रकार के और गुणवत्ता वाले प्राप्त होंगे इस लिए इस फल का बाजारी भाव भी अच्छा मिलेगा।
कददू की खेती में खेत तैयारी
कददू की खेती में खेत तैयारी में दो बार गहरी जुताई कर के जमीन को समतल करने के लिए पाटा चलाले और अच्छे से सड़ी गोबर की खाद एक हैक्टर के हिसाब से 12 से 15 टन डाले और मिट्टी में अच्छे से मिला देना चाहिए।
कददू की खेती के लिए आप क्यारी तैयार कर ले और बेड तैयार कर के भी कददू की खेती कर शकते है। कददू के बीज हाथ से रोपाई करे और पहाड़ी विस्तार में मार्च महीना या अप्रैल महीने में करे और सिंचाई कम कर शकते है ऐसे विस्तार में इन की खेती बारिश के मौसम में करे
कददू के बीज से बीज की दुरी 10 फिट से 15 फिट की रखे ताकि इन के बेल अच्छे से विकास कर शके और अधिक उत्पादन भी ले शके इस लिए पौधे से पौधे की दुरी रखनी चाहिए।
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कददू के फल की कटाई
कददू की फसल में फल की कटाई बुवाई के बाद 75 से 85 दिन में कच्चे फल की कटाई कर शकते है व्ही पके फल की कटाई के लिए आप को 100 से 110 दिन का इंतजार करना पड़ेगा।
कददू की खेती अगर किसान एक हैक्टर जमीन में करेंगे तो लगभग 350 से 400 क्विंटल तक की पैदावार प्राप्त होती है और कददू का बाजारी भाव अच्छा होता है इस लिए किसान कम समय में अधिक मुनाफा कर शकते है।
नमस्ते किसान भाई यो आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम ने आप को कददू की खेती कैसे और कब करे (Kaddu Ki Kheti Kese Aur Kab Kare) इन के बारे में बहुत कुछ बताया है।
अगर आप कददू की खेती करना चाहते है तो यह आर्टिकल आप को कददू की खेती में बहुत ही हेल्प फूल होगा और इस प्रकार की खेती से जुडी सारी बाते जानने के लिए आप को हमारी वेबसाइट ikhedutputra.com को सब्सक्राब करे।
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