वन करेला की खेती जायद मौसम में करेंगे तो एक एकड़ से 50 क्विंटल तक पैदावार होगी

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ककोड़ा की खेती कैसे करें (Kakoda Ki Kheti Kaise Karen) : वन करेला को कई लोग कांकोड़ा, कंटोला, काकोरा आदि नाम से जानते है। इन में कई विटामिन, पोषक तत्व पाए जाते है जो मानव शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होते है। कंकोड़ा एक औषोधिक से कम नहीं है।इन में कैल्शियम, जिंक, कॉपर, मैग्नेशियम, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन आदि पोषक तत्व भारी मात्रा में मोजूद होते है।

कंकोड़ा को वन करेला के नाम से भी जाना जाता है। करेला कड़वा होता है और वन करेला कड़वा नहीं होता है। करेला भी बेलदार पौधे पर लगते है और वन करेला भी बेलदार पौधे पर लगता है। इन का रंग हरा होता है और पूरी तरह से पकने पर हल्का पीला रंग का होता है। कंकोड़ा को औषोधिक भंडार भी कह सकते है। यह वन करेला बारिश के दिनो मे ज्यादा मार्केट में दिखाई देती है।

कंटोला हमारे देश के कई राज्य में उगाई जाते है। जैसे की मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, उतार प्रदेश, ओडिसा, छत्तीसगढ़, कर्नाटक आदि राज्य में कंकोड़ की खेती किसान करते है और इन की मांग भी बाजार में बहुत होने से इन की खेती से किसान को अच्छी कमाई भी होती है।

आज के इस ikhedutputra.Com के इस आर्टिकल के माध्यम से हम कंटोला या वन करेला की खेती कैसे करे या कंकोड़ा की खेती कैसे की जाती है? और अधिक उत्पादन के साथ अच्छी कमाई कैसे करते है। इन के बारे में बहुत कुछ जानेंगे इस लिए आप हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तक बने रहे।

ककोड़ा की खेती कैसे करें (Kakoda Ki Kheti Kaise Karen)

कंकोड़ा की खेती में आर्द्र जलवायु की जरूरत होती है। इन की खेती किसान ऐसे विस्तार में करते है जहा पर सालाना 1600 से 2400 मिली तक की बारिश होती है। इन की फसल को न्यूतम तापमान 20°C तक का और अधिकतम 30°Ç तक का सही रहता है। कंकोड़ा की खेती आप अभी प्रकार की मिट्टी में बड़ी आसानी से कर शकते है। पर कंटोला की फसल की अच्छी विकास और अधिक पैदावार के लिए इन्हे रेतीली मिट्टी में करनी चाहिए। और मिट्टी का पी.एच मान 6 से लेकर 7 के बीच का होना चाहिए।

कंटोला की खेती किसान खरीफ मौसम में और जायद मौसम में मुख्य खेत में लगाते है। इन की खेती मैदानी इलाकों में जनवरी महीने से फरवरी महीने तक लगा सकते है। और खरीफ के मौसम में इन्हे जून से जुलाई महीने तक लगा सकते है। इन की फसल किसान बीज, कंद, और कलम के द्वारा उगाई जाती है।

ककोड़ा का उत्पादन बढ़ाने के लिए आप को कंकोड़ा के फल की तुड़ाई समय सर करनी चाहिए। जब आप फल की तुड़ाई करते है तब इन बाद का ही ध्यान रखे की फल के साथ थोड़ा डठल रहने दे इन से फल कई दिनों तक ख़राब नहीं होता है और तजा ही रहता है। कंटोला की फसल से अधिक उत्पादन के लिए आप इन की बेल को किसी बांस, जाली, मेड का सहारा दे। इन से पौधे की विकास अधिक होती है और उत्पादन भी ज्यादा प्राप्त होता है।

कंकोड़ा की खेती में उत्पादन की बात करे तो किसान ने बीज बुवाई कर के ककोरा की खेती की है तो उत्पादन एक हैक्टर में से 20 से लेकर 25 क्विंटल तक मिलता है और जो कंद की रोपाई कर के कंकोड़ा की खेती की है तो एक हैक्टर जमीन में से 45 से 50 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है। और इन कंकोड़ा की खेती आप कंद की रोपाई कर के करे तो सब से बेस्ट रहेगा इन की बीज की बुवाई भी एक बार ही करनी पड़ती है फिर तो हर साल पौधे अंकुरित होता रहता है।

खाद और उर्वरक

ककोड़ा का खेती से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए आप कुछ खास खाद और उर्वरक का प्रयोग करें। ककोड़ा की खेती में खेत तैयारी के समय एक हैक्टर के हिसाब से 13 से 15 टन अच्छे से सड़ी गोबर की खाद डाले और मिट्टी में अच्छे से मिला दे। अलावा आप रासायनिक खाद का भी इस्तेमाल कर शकते है। इन में एक एक हैक्टर के हिसाब से यूरिया 65 किलोग्राम, एसएसपी 370 किलोग्राम, और एनपीके 60 किलोग्राम की दर से डाल शकते है।

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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को ककोड़ा की खेती कैसे करें (Kakoda Ki Kheti Kaise Karen) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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