मक्का की फसल में पहेला पानी कब दे यह कई किसान नहीं जानते

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Makka Ki Fasal Me Paheli Sinchai Kab Kare

मक्का की खेती में पहला पानी कब दे? (Makka Ki Kheti Mein Pahla Pani Kab De) : मक्का की खेती हमारे देश भारत में उतर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, जम्मू कश्मीर, गुजरात, कर्नाटक आदि राज्य में किसान करते है। और अच्छा उत्पादन भी प्राप्त करते है।

मक्का की खेती में पहला पानी कब दे? (Makka Ki Kheti Mein Pahla Pani Kab De)

मक्का की खेती में पहली सिंचाई कब करे इन की माहिती बहुत किसान भाई को पता नहीं है। आज के इस आर्टिकल के अंत तक हमारे साथ बने रहे आप को भी अच्छे से समज में आ जाएंगे की मक्का की फसल में पहेली सिंचाई कब करे (Makka Ki Fasal Me Paheli Sinchai Kab Kare) और कैसे करे।

कम्मका की फसल में अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए किसान को योग्य समय पर पानी देना चाहिए। जिन से मक्का के पौधे की अच्छी विकास होती है। और इन में लगने वाले डोडे की मात्रा में बड़ोतरी होती है और इन डोडो में दाने अधिक बनते है। तब इन की फसल से अधिक उपज किसान को मिलती है।

मक्का की खेती में पहली सिंचाई कब करे?

मक्के की खेती में पहले पानी सही समय पर देने से पौधे की वृद्धि अच्छी होती है। पर पहली सिंचाई सही समय पर नहीं करे तो पौधे की वृद्धि रूक जाती है और उत्पादन भी कम प्राप्त होता है। मक्के की उन्नत किस्में के बीज मुख्य खेत में लगाई 25 से 30 दिन हो चुके है और पौधे धुप में मुरझाने लगे है तो पहली सिंचाई करने का सही समय है। मक्का की फसल में सिंचाई मिट्टी की नमी देख के करे। ऐसा नहीं के बुवाई बाद फसल 25 से 30 दिन के बाद ही पहली सिंचाई करे। इन से पहले भी कर शकते है।

Makka Ki Fasal Me Paheli Sinchai Kab Kare

कौन सी मिट्टी में पानी की अधिक जरूरत होती है?

मक्के की खेती अगर किसान भाई ने रेतीली मिट्टी या रेतीली दोमट मिट्टी में हलकी मिट्टी में की है तो पहली पानी 20 से 25 दिन के अंतर में कर शकते है। पर मक्के के बीज की बुवाई भारी मिट्टी में जैसे की चिकनी मिट्टी, काली दोमट मिट्टी, अधिक जल संग्रह करने वाली मिट्टी में बीज बुवाई की है तो 25 से 30 दिन के अंतर में पहली सिंचाई कर देनी चाहिए। इन की खेती में पहेली सिंचाई मिट्टी और मिट्टी में मौजूद नमी को देख के की जाती है।

मक्का में पहली सिंचाई के साथ खाद कौन सा डाले?

मक्का की खेती में पहली सिंचाई के साथ कुछ खाद का प्रयोग करना चाहिए। ताकि उत्पादन में बड़ोतरी देखने को मिले। मक्का की फसल में जब पहली सिंचाई करे तब एक बीघा के हिसाब से यूरिया खाद 10 किलोग्राम देना चाहिए और मोनो जिंक 33 प्रतिशत वाला एक किलोग्राम को 15 लीटर पानी में 30 से 45 मिली का नाप लेकर अच्छे से घोल मिला के छिड़काव भी कर शकते है। मक्का की फसल में इन का रिजल्ट भी बढ़िया मिलेगा।

मक्का की फसल में खरपतवार नियंत्रण

मक्का की खेती में जब खरपरवार बहुत दिखाई देते है तब एक बार निदाई गुड़ाई जरूर करे। खरपतवार अधिक हो जाने से मक्का की फसल में कई सारे रोग एवं कीट अटैक करते है और फसल को बहुत नुकशान पहुचाते है। और खरपतवार का नियंत्रण करने के लिए आप खुरपी का इस्तेमाल करेंगे तो सब से बेहतर होगा। बाजार में खरपतवार नाशक दवाई बहुत सारी मिलती है पर इन का प्रयोग ना करे तो अच्छा है।

किसान ने किसीभी फसल की खेती की है पर रासायनि दवाई का इस्तेमाल कर के खरपतवार का नियंत्रण करेंगे तो जमीन की उपजाव शक्ति धीरे धीरे कम हो जाती है। और कुछ साल बाद किसी भी फसल की बुवाई करे पर उत्पादन कम प्राप्त होता है। इस लिए रासायनिक दवाई का इस्तेमाल कम करे तो अच्छा है।

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गेहूं की फसल में गेहूं के फुटाव बढ़ने के लिए और गेहूं के कल्ले बढ़ने के लिए इन तरीके का प्रयोग करे। ताकि गेहूं की फसल से अधिक उत्पादन होगा और किसान को अच्छी कमाई के साथ अधिक मुनाफा भी प्राप्त होगा।

आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को मक्का की खेती में पहला पानी कब दे? (Makka Ki Kheti Mein Pahla Pani Kab De) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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