यह खास फसल 80 दिन में हो जाती है तैयार और औषधीय गुणों से भरपूर

WhatsApp Group (Join Now) Join Now
Telegram Group (Join Now) Join Now
Rate this post
Mote Anaj Ki Kheti Kaise Hoti Hai

मोटे अनाज की खेती कैसे होती है (Mote Anaj Ki Kheti Kaise Hoti Hai) : मोटे अनाज की खेती से किसान को अधिक उत्पादन और अच्छी कमाई होती है क्यों की यह मोटे अनाज की फसल बुवाई के बाद 80 दिन में अच्छे से पक के कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इस में कम सिंचाई और खाद की जरूरत होती है इस लिए किसान इस मोटे अनाज की खेती कर के मालामाल बन जाते है।

मोटे अनाज की खेती पहले हमारे देश में बहुत विस्तार में की जाती थी और वर्तमान समय में किसान मोटे अनाज की खेती की तरफ बढ़ रहे है। मोटे अनाज की खेती जायद और खरीफ दोनों मौसम में किसान के खेत में लहलहाती है। राजेन्द कौनि -1 कंगनी की यह बेस्ट किस्म किसान के लिए एक मोटी कमाई करने के लिए साबित हो रही है।

आज के इस ikhedutputra.Com के इस आर्टिकल में हम मोटे अनाज की खेती कैसे होती है (Mote Anaj Ki Kheti Kaise Hoti Hai) और इन की खेती से कितना मुनाफा हो शकता है इन सभी बाते पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे। इस लिए आप हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तक बने रहे।

मोटे अनाज की खेती कैसे होती है (Mote Anaj Ki Kheti Kaise Hoti Hai)

मोटे अनाज की फसल की अच्छी विकास और अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए आप इन की खेती हल्की दोमट मिट्टी में करे तो सब से अच्छा उत्पादन प्राप्त होता है। पर दोमट मिट्टी में इन की खेती करने से पहले पानी का निकास अच्छे से हो शके इस ऐसी तैयारी जरूर करें। बाद में इस दोमट मिट्टी में मोटे अनाज की खेती करेंगे।

मोटे अनाज के बीज की बुवाई कैसे करें ?

मोटे अनाज की खेती से अधिक उत्पादन और बंपर कमाई करने के लिए इन की खेती आप एक हैक्टर जमीन में कर रहे है तो आप को 5 से लेकर 6 किलोग्राम बीज की जरूरत होती है। और इन के बीज की बुवाई आप सीडड्रिल की मदद से कर शकते है। और बुवाई का सही समय मई महीने से जुलाई महीना है।

मोटे अनाज की फसल में सिंचाई और खाद

मोटे अनाज की खेती करने से पहले खेत तैयारी के समय आप एक हैक्टर के हिसाब से 13 से 15 टन अच्छे से सड़ी गोबर की खाद डेल और रासायनिक खाद की बात करें तो नाट्रोजन 40 किलोग्राम, फॉस्फोरस 20 किलोग्राम, पोटाश 20 किलोग्राम एक हैक्टर के दर से देना चाहिए। इन में नाट्रोजन की चौथाई मात्रा बुवाई के बाद 30 दिन के बाद और चौथाई मात्रा 50 दिन के बाद खड़ी फसल में छिड़काव करना है। यह नाट्रोजन का इस्तेमाल आप सिंचाई कर के या तो बारिश हो जाने के बाद करे ।

यह फसल बारिश आधारित है इस लिए आप को इस फसल ने बहुत सिंचाई नहीं करनी है। पर बारिश नहीं होती है तो आप को दो सिंचाई करनी होगी एक फसल जब 25 से 30 दिन की हो जाये और दूसरी सिंचाई 45 से 50 दिन की हो जाने के बाद करनी है। इन की फसल में निदाई गुड़ाई बीज बुवाई के बाद 20 दिन बाद एक करनी चाहिए। मोटे अनाज की खेती में लागत कम और मुनाफा अधिक है इस लिए किसान इन की खेती से लाखो रूपए की कमाई करते है।

अन्य भी पढ़े :

आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को मोटे अनाज की खेती कैसे होती है (Mote Anaj Ki Kheti Kaise Hoti Hai) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।

हमारे इस ब्लॉग ikhedutputra.com पर हर हमेेश किसान को खेती की विविध फसल के उन्नत बीज से लेकर उत्पादन और इन से होने वाली कमाई और मुनाफा तक की सारी बात बताई जाती है। इन के अलावा जो किसान के हित में सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली विविध योजना और खेती के नई तौर तरीके के बारे में भी बहुत कुछ जानने को मिलेगा।

इन सब की मदद से किसान खेतीबाड़ी से अच्छी इनकम कर सकता है। इस लिया आप हमारी यह वेबसाईट आईखेडूतपुत्रा को सब्सक्राब करे ताकि आप को अपने मोबाईल में रोजाना नई आर्टिकल की नोटिफिकेशन मिलती रहे। इस आर्टिकल के अंत तक हमारे साथ बने रहने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद।

इस लेख को किसान के साथ शेयर करे...

नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

Leave a Comment

buttom-ads (1)