हमारे कृषि वैज्ञानिकों का काहेना है की हाल के समय के अनुसार सरसो की उन्नत किस्में की बुवाई हो रही है और यही समय सरसो की खेती के लिए उत्तम है। पर इस समय किसान डिएपी खाद की वजह सिंगल सुपर फास्फेट खाद का इस्तेमाल करेंगे तो उत्पादन तो अधिक मिलेगा पर दाने चमकीले और तेल की मात्रा भी बढ़ जाएगी। तो आई ए जानते है की सरसों में कौन सा खाद डालें (Sarso Ko Konsa Khad Dale) इन के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करेंगे।
हाल के समय में देश के कई राज्य में किसान सरसो की उन्नत किस्में के बीज की बुवाई कर रहे है और कई किसान बंधू ने सरसो की बुवाई कर दी है। पर सरसो की खेती से अधिक उत्पादन और दाने चमकीले और दाने में तेल की मात्रा बढ़ाने के लिए इस फसल को अच्छे से देखभाल और योग्य समय पर खाद भी डालनी चाहिए। तो आई ए जानते है की सरसो की फसल में कौन कौन सी खाद डालनी चाहिए (Sarso Ki Fasal Me Khad Kon Kon Si Deni Chahiye) बारीक़ से जानेगे।
सरसो की फसल में किसान डीएपी (DAP) खाद का इस्तेमाल करते है अपर इन के अलावा भी एक सब से अच्छा खाद है जीन का नाम है सिंगल सुपर फास्फेट जो सरसो की फसल के लिए बेहद जरुरी है। इस खाद का इस्तेमाल किसान सरसो की फसल में करते है तो लागत कम और उत्पादन क्षमता बढ़ जाएगी, देने में तेल की मात्रा अधिक और दाने चमकीले हो जाएगे। इस सिंगल सुपर फास्फेट में 16% फास्फोर और 12% सल्फर होता है। इन का मुख्य कार्य है पैदावार को बढ़ाना और डेन में मौजूद तेल की मात्रा भी बढ़ती है। और यह सिंगल सुपर फास्फेट डीएपी से सस्ता भी है। हाल के समय में कई किसान बंधू इस सिंगल सुपर फास्फेट का इस्तेमाल सरसो की फसल में कर रहे है और इन किसान को इस का फायदा भी मिल रहा है।
हमारे कृषि एक्सपर्ट का कहना है की तिलहनी फसल में डीएपी खाद की जगह सिंगल सुपर फास्फेट को यूरिया के साथ इस्तेमाल करे तो बहेतर रिजल्ट मिलेगा। हाल के समय में यानि की रबी फसल की बुवाई शुरू हो गई है और कई किसान इन की तैयारी भी कर रहे है। इन फसल में नाट्रोजन एवं फास्फोरस की पूर्ति के लिए किसान यूरिया और डीएपी दोनों खाद का इस्तेमाल करते है। पर तिलहनी फसल में उत्पादन बढ़ाने के लिए और को नाट्रोजन और फास्फोरस के अलावा गंधक तत्व की भी जरूरत होती है। और जो चूंकि सिंगल सुपर फास्फेट में गंधक भी मौजूद होता है। इसी लिए तो किसान को कृषि एक्सपर्ट इन की सलाह दे रहे है।
हमारे कृषि वैज्ञानिकों का कहेना है की सिंगल सुपर फास्फोर को यूरिया के साथ इस्तेमाल करे तो डीएपी से अच्छा रिजल्ट मिलेगा। क्योकि सिंगल सुपर फास्फेट में नाइट्रोजन की पूर्ति यूरिया से हो जाती है। इन के अलावा सल्फर और कैल्शियम भी पाया जाता है जो डीएपी में नहीं होता है। और सिंगल सुपर फास्फेट में नाट्रोजन जीरो (0%) होती है और डीएपी में 18% पाई जाती है। इसी लिए तो हमारे कृषि वैज्ञानिकों सिंगल सुपर फास्फेट का यूरिया के साथ प्रयोग करने का सुझाव देते है।
डीएपी में फास्फोरस 46% मौजूद होता है। और सिंगल सुपर फास्फेट में मात्र 16% ही होता है। डीएपी की बराबरी में सिंगल सुपर फास्फेट में 30% कम है। इस लिए जब भी आप सिंगल सुपर फास्फेट का इस्तेमाल करे तब डीएपी की बराबरी में तीन गुना अधिक होना बेहद जरुरी है। इन के अलावा यूरिया खाद का भी इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। इस खाद का इस प्रकार आप इस्तेमाल करेंगे तो सिंगल सुपर फास्फेट डीएपी से बेहतरीन साबित होगा।
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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को सरसों में कौन सा खाद डालें (Sarso Ko Konsa Khad Dale) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सरसो की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।
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