जाने सोयाबीन की कौन सी वैरायटी किस राज्य में अधिक उत्पादन देती है : Soyabean Ki Kheti Kaha Hoti Hai

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Soyabean Ki Kheti Kaha Hoti Hai

सोयाबीन की खेती कहा होती है (Soyabean Ki Kheti Kaha Hoti Hai) : सोयाबीन की खेती हमारे देश के कई राज्य में विविध जलवायु और मिट्टी के हिसाब से सोयाबीन की अलग अलग उन्नत किस्में के बीज की बुवाई बड़े पैमाने में करते है और अधिक उत्पादन के साथ बंपर कमाई करते है।

सोयाबीन की खेती हमारे देश के कई राज्य में जैसे की गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, बिहार, कर्णाटक, झारखंड, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उतर प्रदेश, छत्तीसगढ़, आदि राज्य में किसान सोयाबीन की खेती करते है।

आज के इस ikhedutputra.Com के इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेंगे की हमारे देश में सोयाबीन की खेती किस राज्य में अधिक होती है और कौन कौन सी उन्नत वैरायटी के बीज की बुवाई किसान करते है।

सोयाबीन की खेती कहा होती है (Soyabean Ki Kheti Kaha Hoti Hai)

सोयाबीन उत्पादन में पुरे विश्व की बात करें तो सब से अधिक सोयाबीन उत्पादन में प्रथम स्थान पर अमरीका है। पर हमारे देश भारत के विविध राज्य में से महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के इंदौर में सोयाबीन का अधिक उत्पादन लिए जाता है। इन के अलावा भी इन राज्य में सोयाबीन की खेती होती है।

राज्य उचित किस्में
गुजरातएनआरसी-86 (अहिल्या-6), जेएस 93-05, जेएस 335, जेएस 80-21
राजस्थानआरकेएस-24, आरकेएस-45 प्रताप सोया 45), जेएस-20-34, एनआरसी-86 (अहिल्या-6), राज सोया-24
पंजाबपीएस 1347, एसएल 688, एसएल 744पीके 416, पूसा 16, पंत सोयाबीन 564, पंत सोयाबीन 1024,
हरियाणापीएस 1347, एसएल 688, पंजाब-1, पीके 416, पूसा 16, पंत सोयाबीन 564, पंत सोयाबीन 1024,
मध्य प्रदेशआरवीएस 2001-4, जेएस-20-29, जेएस-20-34, एनआरसी-86 (अहिल्या-6), राज सोया-24
बिहारपीएस 1347, एसएल 688
कर्णाटकएनआरसी-77, जीसी-00209-4-1-1 (करुने), डीएसबी-1, एमएसीएस-1188, एमएयूएस-2(पूजा), डीएसबी-21,
झारखंडबिरसा सफेद सोयाबीन-2, अहिल्या 1 (NRC 2), JS 80-21, समृद्धि (MAUS 71),
महाराष्ट्रएमएयूएस-158, एनआरसी-77, एमएसीएस-1188, जेएस-20-29, जेएस-20-34, एनआरसी-86 (अहिल्या-6), केपीएस-344
तमिलनाडुएनआरसी-77, एमएसीएस-1188, केपीएस-344, Co 1, Co सोया 2, ADT-1, MACS 124, MACS, 450,
उतर प्रदेशवीएल सोया 59, वीएल सोया 65, पूसा 97-12, पीएस-19, ​​वीएल सोया 77, पंत सोया-24, पंत सोया-21,

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एनआरसी-86 : सोयाबीन की यह उन्नत किस्म के बीज बुवाई के बाद 95 से 100 दिन में अच्छे से पक के तैयार हो जाती है और एक हेक्टर में से 20 से लेकर 25 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त होता है। सोयाबीन की यह उन्नत किस्में अधिक उत्पादन के लिए जानी जाती है।

जेएस 93-05 : सोयाबीन की यह उन्नत वैरायटी कम सिंचित विस्तार में भी अच्छा उत्पादन के लिए जानी जाती है। इन के उन्नत बीज की बुवाई करने के बाद 90 से 95 दिन में अच्छे से पक के तैयार हो जाती हैं। और इन की खेती एक हेक्टर जमीन में करने से 20 से लेकर 25 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त होता है।

जेएस 335 : सोयाबीन की यह उन्नत किस्में के बीज बुवाई के बाद 95 से लेकर 100 दिन में अच्छे से पक के तैयार हो जाती है। और इन के बीज की बुवाई किसान ने एक हेक्टर जमीन में की है तो 25 से लेकर 30 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है।

जेएस 80-21 : सोयाबीन की यह उन्नत किस्में की खेती खरीफ मौसम में अधिक किसान भाई करते है। और इन के बीज बुवाई के बाद 100 से 110 दिन में अच्छे से पक के तैयार हो जाती है और एक हेक्टर से 25 से 30 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त होता है।

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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को सोयाबीन की खेती कहा होती है (Soyabean Ki Kheti Kaha Hoti Hai) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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