गर्मी में मूंगफली की खेती कब करें (Garmi Me Mungfali Ki Kheti Kab Kare) : हमारे देश भारत में मूंगफली की फसल साल में दो बार किसान करते है। अधिकतम किसान भाई वर्षा ऋतु में मूंगफली की खेती करते है पर कई किसान गर्मी के मौसम में भी मूंगफली की खेती करते है और अच्छा उत्पादन प्राप्त करे है। मूंगफली कई इस्तेमाल ज्यातर तेल निकाल ने में किया जाता है।
मूंगफली का तेल की मांग साल भर रहती है इस लिए मूंगफली की खेती से किसान को अच्छा मुनाफा करने का मौका मिल जाता है। मूंगफली की खेती कम समय में अच्छे से पक के तैयार हो जाती है। मूंगफली की खेती से अधिक उत्पादन के लिए किसान वैज्ञानिक तकनीकों भी इस्तेमाल करते है। और अच्छा उत्पादन प्राप्त करते है।
गर्मी में मूंगफली की खेती कब करें (Garmi Me Mungfali Ki Kheti Kab Kare)
गर्मी के मौसम में या ग्रीष्मकालीन में मूंगफली की खेती कर शकते है। इस समय मूंगफली की फसल को सिंचाई की अधिक जरूरत होती है गर्मी के दिनों में मूंगफली की खेती में 6 से 7 सिंचाई की आवश्यकता होती है। यह सिंचाई आप की मिट्टी पर निर्भर है। गर्मी के दिनों में मूंगफली की खेती करने के लिए आप को खेत को अच्छे से गहरी जुताई कर के हो शके तो एक बार पलेवा भी कर दे बाद में मिट्टी को भुरभुरी कर के उन्नत किस्में के बीज की बुवाई कर शकते है।
गर्मी में मूंगफली की खेती कैसे करें
किसान ग्रीष्मकालीन ऋतु में रबी फसल की कटाई कर के खाली खेत में मूंगफली की खेती कर के अधिक कमाई कर सकते है। इस गर्मी के मौसम मौसम में किसान मूंग, उड़द, भिंडी, मिर्च, लौकी, करेला, कंटोला, आदि फसल की खेती करते है पर कई किसान इन सभी फसल की खेती की तरफ ध्यान नहीं देते और मूंगफली की खेती करते है।
मूंगफली की फसल की अच्छी विकास और अधिक पैदावार के लिए इन की खेती आप बलुई दोमट, या ककरीली मिट्टी, या तो हल्की दोमट मिट्टी सब से अच्छी मानी जाती है। मूंगफली की खेती ग्रीष्मकालीन में आप राई, गेहूं, मटर, आलू, सौंफ इन फसल का उत्पादन लेकर मूंगफली की खेती अच्छे से कर सकते है।
मूंगफली की उन्नत किस्म कौन सी है?
मूंगफली की उन्नत किस्में तो कई सारी है पर यह सभी किस्में विविध तापमान और जलवायु के अनुसार अच्छा उत्पादन देती है। पर कुछ मूंगफली की उन्नत किस्में की खेती किसान ग्रीष्मकालीन में करते है फिर भी अच्छे से बीज अंकुरित होकर अधिक उत्पादन देती है। जैसे की कौशल, टीजी-26, चंद्रा, डी.एच. 86, उत्कर्ष, टाइप-64, अम्बर, टीपीजी-1, टाईप-28, अवतार इन से भी अधिक किस्में हमारे कृषि वैज्ञानिकोंने ग्रीष्मकालीन के लिए तैयार की है।
ग्रीष्मकालीन मूंगफली की उन्नत किस्में के बीज अप्रैल महीने में 15 दिन बाद बुवाई कर सकते है। इन मूंगफली की खेती की अच्छे से देखभाल और समय सर सिंचाई कर के अगस्त महीने में या सितंबर महीने में अच्छे से पक के तैयार हो जाती है।
ग्रीष्मकालीन मूंगफली में कीट और रोग का उपचार
ग्रीष्मकालीन मूंगफली के उन्नत किस्में के बीज की बुवाई करने से पहले इन बीज को उपचार जरूर करें। बीज उपचार कर के बुवाई करने से मूंगफली की फसल में कई रोग और कीट के प्रकोप से बचाया जा सकता है। और अधिक उत्पादन प्राप्त होता है। मूंगफली के एक किलोग्राम बीज को आप थीरम 2.0 ग्राम और 1.0 ग्राम कार्बेंडाजिम 50% इन का अच्छे से घोल तैयार कर के कर सकते है। इन के अलावा आप थायोफिनेट मिथाइल 1.5 ग्राम एक किलोग्राम बीज को उपकार करें।
मूंगफली के बीज को बुवाई करने से पहले आप राइजोबियम कल्चर से भी उपाचारी कर शकते है। इन का एक पैकेज मूंगफली के 10 किलोग्राम बीज के लिए काफी है। इन कल्चर को बीज से अच्छे से मिलाने के लिए 1.5 लीटर पानी में 50 ग्राम गुड़ डाले और अच्छे से मिला देना चाहिए। इन के बाद फिर इन तैयार घोल में 250 ग्राम राइजोबियम कल्चर इन से बीज पर हल्की परत हो जाती है। इन उपचारित बीज को 3 घंटे तक छायादार जगह पर सूखने ने लिए रखे बाद में जब अच्छे से सुख जाए तब इन बीज की बुवाई करें।
मुगफली की फसल में खाद कब डाले?
मूंगफली की खेती में खाद और उर्वरक का इस्तेमाल आप मिट्टी के परीक्षण के बाद पता चल सकता है। अगर आप मूंगफली की खेती राई और मटर की खेती के बाद करनी है तो ग्रीष्मकालीन मूंगफली की खेती में आप एक हैक्टर के हिसाब से 13 से 15 टन अच्छे से सड़ी गोबर की खाद डालनी चाहिए। और मूंगफली की खेती करने से पहले आलू, की खेती में गोबर की खाद डाली है तो ग्रीष्मकालीन मूंगफली की खेती में खाद की कोई जरूरत नहीं है। ग्रीष्मकालीन मूंगफली की खेती में नाट्रोजन 40 किलोग्राम और फास्फोरस 55 से 60 किलोग्राम और पोटाश 35 से 40 किलोग्राम एक हैक्टर के हिसाब से देना चाहिए। इन के अलावा एक हैक्टर के 180 से 200 किलोग्राम जिप्सम भी डाल सकते है।
ग्रीष्मकालीन मूंगफली की खेती में नाट्रोजन का इस्तेमाल।ज्यादा ना करें। मूंगफली की फसल में अधिक नाट्रोजन का इस्तेमाल करने से फसल देरी से पक के तैयार होती है। मूंगफली की फसल में नाट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश की।पूरी मात्रा बीज बुवाई के समय और 2 से 3 सैमी गहरी डालनी चाहिए। और जिप्सम की आधी मात्रा मूंगफली के पौधे पर जब फूल खिलने लगे तब करनी चाहिए।
किसान इस प्रकार ग्रीष्मकालीन मूंगफली की खेती से अधिक उत्पादन प्राप्त कर के बंपर कमाई कर कहते है। और कम समय में मूंगफली का उत्पादन प्राप्त कर के बंपर कमाई कर शकते है।
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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को गर्मी में मूंगफली की खेती कब करें (Garmi Me Mungfali Ki Kheti Kab Kare) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।
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