किसान मटर की इन किस्में की बुवाई आगेती करेंगे तो लाखो की कमाई होगी

WhatsApp Group (Join Now) Join Now
Telegram Group (Join Now) Join Now
Rate this post

हमारा देश भारत एक खेती प्रधान देश है और आज के समय में किसान सब्जी वर्गी फसल की खेती अधिक विस्तार में करता है और अच्छा मुनाफा प्राप्त करता है। आज के यह आर्टिकल में हम अगेती मटर की बेस्ट किस्में (Ageti Matar Ki Best Kism) मटर की कुछ ऐसी उन्नत किस्में के बारे में जानेंगे जो अधिक उपज के लिए जनि जाती है। और इन प्रसिद्ध किस्में की बुवाई किसान आगेती करेंगे तो बंपर मुनाफा प्राप्त करेंगे।

Ageti Matar Ki Best Kism

मटर की फसल मुख्य तवे सब्जी और दाल के लिए उगाई जाती है। मटर की खेती किसान को कम समय में अधिक मुनाफा देती है। किसान ने जिस जमीन पर मटर की फसल उगाई हे उस जमीन की उत्पादन शक्ति बढ़ जाती है और बाद में उस जमीन पर जो भी फसल की बुवाई करे उत्पादन अधिक मिलेगा। मटर में मौजूद राइजोबियम नामक जीवाणु जमीन की उपजाव शक्ति को बढ़ता है। मटर की कुछ ऐसी उन्नत किस्में है जो आगेती अक्टूबर महीना या नवंबर महीने में करे तो अधिक उपज के साथ ज्यादा कमाई और अच्छा मुनाफा कर शकते है।

अगर आप एक किसान है और आप भी मटर की आगेती किस्में के बारे में जानने के लिए उत्सुक है तो आप सही आर्टिकल पर है आज के इस आर्टिकल में हम मटर की आगेती उन्नतशील किस्में के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त करेंगे और खेती के बारे में आप के दिमाग में जो भी सवाल है इन सारे सवाल के जवाब आप को इस आर्टिकल के अंत तक मिल जाएगे।

मटर की खेती में अधिक उपज के लिए किसान को इन बातो का ध्यान देना चाहिए

मटर की खेती में पौधे की अच्छी वृद्धि के लिए आप को इन के बीज को मटियार दोमट, बलुई दोमट, या दोमट मिट्टी में बुवाई करना चाहिए और भूमि का पीएच मान 6 से लेकर 7.5 के बिचका होना सब से अच्छा माना जाता है।

मटर की फसल अक्टूबर महीना या तो नवंबर महीना सब से अच्छा माना जाता है। इन की खेती में न्यूतम तापमान 10℃ तक का और अधिकतम 20℃ तक का अच्छा माना जाता है। पर इन के बीज में से पौधे अंकुरित होने के लिए 25℃ तक का तापमान होना चाहिए क्यों की मटर के बीज या दाने थोड़े कठोर होते है।

मटर की आगेती फसल कैसे करे

अगर किसान मटर की फसल आगेती करना चाहते है और एक हैक्टर जमीन में करनी है तो आप को 100 किलोग्राम बीज की जरूरत पड़ेगी। और इन के बीज मुख्य खेत में बुवाई करने से पहले बीज को थीरम 2 ग्राम का नाप अथवा मैकोंजेब 3 ग्राम का नाप लेकर एक किलोग्राम बीज को उपचारित जरूर करे ताकि अंकुरित होने के साथ कोई रोग एवं कीट इन पर अटैक ना कर शके।

मटर के बीज को मुख्य खेत में बिवाई से पहले 12 घंटे तक पानी में भिगो कर बुवाई करे और इन के बीज की बुवाई के लिए आप ट्रेक्टर की मदद ले शकते है यतो देशी वावनि की मदद से बुवाई करे। और मटर के बीज को जमीन में 5 से लेकर 7 सेंमी की गहराई रखनी चाहिए। और यह गहराई जमीन की नमी पर निर्भर करती है।

मटर की उन्नत और आगेती किस्में

आम तो मटर की कई सारि उन्नत किस्में है जो अधिक उपज के लिए कृषि संस्थाये तैयार की है। इन उन्नत किस्में के बीज की बुवाई कर के किसान अच्छी पैदावार प्राप्त कर शकते है। और अधिक मुनाफा भी कर शकता है।

कशी नंदिनी : मटर की यह किस्में को वाराणसी के सब्जी अनुसंधान संस्थान ने तैयार की है। और इस किस्में के पौधे 45 से 50 सेमी की लम्बाई के होते है।

इन किस्में के बीज बुवाई के बाद पौधे में फूल अंकुरित होने में 30 दिन का समय लगता है। इन की हरी फलियों का उपयोग सब्जी बनाने के लिए किया जाता है और उत्पादन की बात करे तो एक एकड़ में से हरी फलिया 30 से 31 क्विंटल और फलियों के बीज 5 से 6 क्विंटल प्राप्त होते है।

कशी उदय : मटर की यह किस्में को वाराणसी के सब्जी अनुसंधान संस्थान ने तैयार की है। और इस किस्में के पौधे 58 से 60 सेमी की लम्बाई के होते है।

इन किस्में के बीज बुवाई के बाद पौधे में फूल अंकुरित होने में 35 दिन का समय लगता है। इन की हरी फलियों का उपयोग सब्जी बनाने के लिए किया जाता है। और उत्पादन की बात करे तो एक एकड़ में से हरी फलिया 35 से 40 क्विंटल और फलियों के बीज 5 से 6 क्विंटल प्राप्त होते है।

जवाहर मटर 3 : मटर की यह उन्नत किस्में जबलपुर में टी 19 व अर्ली बैजर के संकरण के बाद वरणों द्वारा तैयार की है। इन के पौधे माध्यम उचाई के होते है।

इस किस्में के पौधे से फलिया एवं दाने अधिक मात्रा में प्राप्त होता है और इन बीजो की बुवाई के बाद 45 से 50 दिन में पहेली तुड़ाई कर शकते है। और उपज की बात करे तो उपज भी बंपर होती है।

मटर अगेती ई 6 : मटर की यह उन्नत किस्में संकर मैसी जेम व हरे बोना से वंशावली वरण द्वारा लुधियाना में तैयार की गई है। और यह उन्नत किस्में अधिक उत्पादन के लिए जानी जाती है।

इस किस्में के बीज की बुवाई करने के बाद 50 से 55 दिन के बाद हरी फलियों की तुड़ाई कर शकते है। इस किस्में के पौधे अधिक तापमान सहन कर शकता है और उपज भी अधिक देता है।

कशी अगेती : मटर की यह भी उन्नत किस्में को वाराणसी अनुसंधान संस्थान ने तैयार की है। और इन बीज के पौधे की लम्बाई 45 से 50 सेमी के होते है।

इस किस्में के बीज की बुवाई के बाद 45 से 50 दिन में हरे फलियों की तुड़ाई कर शकते है और यह हरी फलिया एक एकड़ की फसल से 40 से 45 क्विंटल पैदावार प्राप्त होती है और दाने की बात करे तो 5 से 6 क्विंटल तक के प्राप्त होते है।

अन्य भी जरूर पढ़े :

मटर के यह उन्नत किस्में के बीज कहा से प्राप्त कर शकते है

किसान को यह मटर के बीज प्राप्त करने के लिए हमारे कृषि अनुसंधान संस्थान वाराणसी से प्राप्त कर शकते है और यह बीज ऑनलाइन बीज पोर्टल की मदद से भी अपने निवास स्थान पर मगवा शकते है। इस बीज का ऑनलाइन ऑडर के लिए आप को भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी के पोर्टल वेबसाईट https://iivr.icar.gov.in/ पर जाकर आप अपनी जमीन की पसंदगी कर के अधिक उपज वाले बीज मगवा शकते है।

मटर के इन उत्तम प्रकार के बीज की बुवाई कर के आप अधिक पैदावार के साथ बंपर मुनाफा प्राप्त कर शकते है। मटर की यही किस्में आप को अधिक उपज और अच्छी कमाई कर शकते है। और यह बात का भी ध्यान दे जब आप मटर की फसल करे तब पहले अपनी मिट्टी का जांच करे और इन मिट्टी को अनुरूप मटर की किस्में सुने और बीज की बुवाई करे।

आज के यह आर्टिकल में हमने आप को अगेती मटर की बेस्ट किस्में (Ageti Matar Ki Best Kism) के बारे में बहुत कुछ बताया है और इस प्रसिद्ध किस्में के बीज की बुवाई कर के किसान अच्छी कमाई कर शकता है।

यह आर्टिकल आप को मटर की खेती में बहुत हेल्प फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते और इस आर्टिकल को अपने किसान भाई को एवं मित्रो को जरूर शेयर करे।

इस प्रकार की खेती से जुडी सभी बातो की जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारे इस ब्लॉग Ikhedutputra.Com को सब्सक्राब करे ताकि आप को रोजाना खेती से जुडी बाते अपने फोन पर जानने को मिले और आप इस जानकारी से अच्छे से खेतीबाड़ी से कमाई कर शके। इस आर्टिकल के अंत तक हमारे साथ बने रहने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद।

इस लेख को किसान के साथ शेयर करे...

नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

Leave a Comment

buttom-ads (1)