बाजरे की अधिक उत्पादन के लिए किसान इस तकनीक से बुवाई करे

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हमारे देश भारत में यह बाजरे की खेती कई सालो से किसान करते है। और बाजरे उत्पादन में हमारा देश एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आज के इस आर्टिकल में हम बाजरे की अधिक उत्पादन के लिए इस तकनीक से बुवाई करे (Bajre Ki Adhik Utpadan Ke Liye is Taknik Se Buvai Kare) के बारे में बहुत कुछ जानकारी हासिल करेंगे।

Bajre Ki Adhik Utpadan Ke Liye is Taknik Se Buvai Kare

बाजरे का उपयोग हम लोग खाने के लिए करते है और इन की रोटी गेहूं की रोटी से ज्यादा ताकत मानव शरीर को देती है। और यह बाजरे को पशु आहार में भी इस्तेमाल किया जाता है। भारत में इन की खेती गुजरात, राजस्थान, में सब से ज्यादा विस्तार में किसान करते है और अधिक उत्पादन के साथ अच्छा मुनाफा भी करते है।

बाजरे की खेती (Bajre Ki Kheti) दो मौसम में किसान करते है एक रबी फसल और खरीफ फसल इस प्रकार दो बार बाजरे की फसल की बुवाई की जाती है। बाजरे के दाने में विटामिन, प्रोटीन, ऊर्जा, वसा, कैल्शियम, केरोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आदि पोषक तत्व पाए जाते है। और खाध पदार्थ में बाजरा गेहूं, चावल, मक्का, आदि से महंगा बिकता है।

इन की खेती कर के किसान अच्छा उत्पादन के साथ अधिक कमाई कर कर शकते है। अगर आप भी बाजरे की खेती करना चाहते है तो आप सही आर्टिकल पर हो। आज के इस आर्टिकल में हम बाजरे की खेती किस तकनीक से करे तो अधिक उत्पादन और अच्छा मुनाफा मिले इन के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त करेंगे।

बाजरे की खेती से लेकर आप के मन में जो भी सवाल हे इन सारे सवाल के जवाब आप को इस आर्टिकल के अंत तक मिल जाएंगे। और आप बड़ी आसानी से बाजरे की खेती कर के अधिक उत्पादन प्राप्त कर शकेंगे। यह आर्टिकल की मदद से हम बाजरे की खेती को अनुरूप मिट्टी, तापमान और जलवायु, बाजरे की उन्नत किस्मे, बुवाई का सही समय और तकनीक आदि बातो पर विस्तार से बात सीट करेंगे।

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अधिक उत्पादन के लिए किसान को बाजरे की किस प्रकार बुवाई करनी चाहिए।

हमारे देश भारत में मानसून के आगमन के साथ ही किसान खरीफ मौसम की फसल की उन्नत बीजो की बुवाई करना शुरू कर सेती है। जब मानसून का आगमन होता है तब किसान अपनी जलवायु के अनुसार विविध फसल की खेती करने में लग जाते है। इसी वक्त कई विस्तार में बाजरे की खेती किसान करते है।

बाजरे की बुवाई करने से पहले किसान को अपनी खेत की अच्छे से तैयारी करे बाद में इन खेत में उन्नत किस्मे के बाजरे का बीज पसंद करे और इन्हे रोग और कीट से बचने के लिए योग्य दवाई से उपचारित करे। जमीन की जांच भी करवा लेनी चाहिए ताकि यह भी पता चल शके की इन में कौन कौन से तत्व की कमी है जो उर्वरक डाल के पूरा कर शके और बाजरे की खेती से अच्छी उपज प्राप्त हो शके।

बाजरे की खेत तैयारी कैसे करे?

बाजरे की खेती के लिए सब से अच्छी बलुई दोमट मिट्टी को माना जाता है और जल भराव ना हो ऐसी व्यवस्था जरूर करे। बाजरे की खेती में कोई खास प्रकार की खेत तैयारी करने की जरूरत नहीं है। बस दो बार अच्छे से गहरी जुताई कर के 13 से 15 टन अच्छे से सड़ी गोबर की खाद एक हैक्टर के हिसाब से डाले और एक जुताई कर के अच्छे से जमीं में वे खाद मिला दे बाद में पट्टा चलाके के जमीन को समतल करे। और सिंचाई की अच्छी व्यवस्था है तो एक सिंचाई भी कर ले बाद में उत्तम बाजरे का बीज पसंद कर के इन मिट्टी में बुवाई करे।

बाजरे के बीज को अंकुरित होने के लिए 25℃ तक के तापमान की जरूरत होती है और फसल की अच्छी विकास और अधिक उत्पादन के लिए 30℃  से 35℃ तक का तापमान चाहिए। पर जब तापमान 40℃ तक का हो जाता है तब भी बाजरे की फसल हनक कर लेता है और अच्छी पैदावार देता है।

बाजरे की खेती इस तकनी से करे

बाजरे की फसल से ज्यादा पैदावार प्राप्त करने के लिए आप को इन की उत्तम प्रकार के बीज को उचित समय और योग्य दुरी पर करनी चाहिए। बीज की मात्रा उस के आकर पर निर्भर रखता है। बाजरे की फसल की बुवाई एक हैक्टर में करनी है तो 4 से 5 किलोग्राम बीज की जरुरत होगी। बाजरे की फसल पंक्ति में करे और एक पंक्ति से पंक्ति की दुरी 45 से 50 सेमी की रखे और पोषे से पौधे की दुरी 10 से 15 सेमी की रखे। और जब बीजो की बुवाई करे तब इन बीजो को कार्बण्डाजिम 2 ग्राम का नाप लेकर बीजो को उपचार जरूर करे। ताकि पौधे जब अंकुरित होते है तब कोई रोग या कीट इन पर अटैक नहीं कर शकता है। और पौधे अच्छे से विकास करता है और अधिक उत्पादन प्राप्त होता है।

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बाजरे की प्रसिद्ध किस्मे कौन कौन सी है?

बाजरे की उन्नत किस्मे की बुवाई किसान करेगी तो अधिक उत्पादन होगा और बाजरे की प्रसिद्ध किस्मे कुछ इस प्रकार की है। जैसे की पायोनियर बजरी, पूसा 23, पूसा 415, एचएचबी 146 A, पूसा कम्पोजिट 234, पूसा 605, पूसा कम्पोजिट 383, पूसा 1201, एचएचबी 216, एचएचबी इम्प्रूव्ड, आदि बाजरे की उन्नत किस्मे है।

कैसे करे बाजरे की बुवाई?

बाजरे के बीज की बुवाई हमारे कृषि एक्सपर्ट का कहना है की इन की बुवाई जुलाई महीने में 10 से 15 दिन बाद करे और जो बारिश पहेले हो जाए तो जून महीने में भी कर शकते है। अगर किसान बाजरे की खेती एक हैक्टर में करना चाहता है तो 4 से 5 किलोग्राम बाजरे के बीज की जरूरत होगी। बुवाई से पहले इन बीजो को योग्य दवाई से उपचारित कर ले ताकि जब बीज अंकुरित हो तब कोई रोग या कीट इन पर अटैक ना कर शके और अच्छे से विकास कर शके।

बाजरे की फसल की सिंचाई

बाजरे की खेती एक ऐसे खेती है जो अधिक सिंचाई के खाद की जरुरत नहीं होती। इन की फसल अधिक गर्मी भी सहजता से सहन कर लेती है। इन की फसल में बुवाई के बाद तीन से चार सिंचाई की जरूरत होती है। इन की खेती अगर आप हरे चारे के लिए कर रहे है तो अधिक पानी की जरूरत होगी पर बाजरे की अच्छी उपज के लिए 10 से 15 दिन के अंतर में सिंचाई करे और गर्मी के दिनों में जमीन की नमी बनी रहे इस लिए योग्य समय पर सिंचाई करनी चाहिए।

बाजरे की फसल में खरपतवार नियंत्रण कैसे करे?

बाजरे की खेती हो या अन्य कोई फसल की खेती हो खरपतवार नियंत्रण रखना बेहद जरुरी है क्यों की जब खरपतवार नियंत्रण नहीं रखेंगे तो कई रोग और कीट इन फसल पर अटेक करते है और साडी फसल बर्बाद कर देती है। इन का नुकशान किसान को ही भुगतना पड़ता है। इस लिए जब बाजरे की खेती में खरपतवार नियंत्रण रखना बेहद जरुरी है। बाजरे की खेती में खरपतवार नियंत्रण दो तरीके से कर शकते है एक रसायनीक दवाई का इस्तेमाल कर के जैसे की एट्राजिन का योग्य नाप लेकर छिड़काव कर के और जब बाजरे के बीज की बुवाई के बाद जब पौधे 20 से 30 दिन के हो जाए तब एक निदाई गुड़ाई कर के खरपतवार नियंत्रण कर शकते है।

बाजरे के बीज बुवाई के समय कौन कौन से खाद और कितना देना चाहिए?

बाजरे की फसल में अधिक उत्पादन और पौधे की अच्छी विकास के लिए इस प्रकार की खाद देनी चाहिए। अगर एक हेक्टर जमीन में बाजरे की फसल करनी है तो नाइट्रोजन 80 किलोग्राम, पोटाश फास्फोरस 40 किलोग्राम, एवं जो आप ने देशी प्रजाति के बाजरे के बीज की बुवाई की है तो नाइट्रोजन 20 किलोग्राम, फास्फोरस 25 किलोग्राम, पोटाश 25 किलोग्राम की मात्रा से खाद देना चाहिए।

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बाजरे की फसल से उतपादन और लागत कितनी होगी?

बाजरे के बीज बुवाई के बाद लगभग 125 से 130 दिन में पक के कटाई के लिए तैयार हो जाती है। और जब फसल अच्छे से पक जाए तब ही कटाई करे। और कुछ समय तक इन को धुप में चुखा के यंत्र की मदद से साफ कर के बोरियो में भर के भंडारा कर शकते है। बाजरे की खेती अगर एक एकड़ जमीं में की है तो 15 से 20 क्विंटल तक की उपज प्राप्त होती है। और जो आप ने वैज्ञानिक तरीके से बाजरे की खेती की है तो आप को उपज के रूप में 30 से 35 क्विंटल तक की उपज प्राप्त होती है। और यह बाजरे का बजरी भाव भी अच्छा होता है इस लिए इन की खेती में कमाई अच्छी और मुनाफा अधिक होता है।

आज का यह आर्टिकल में हम ने आप को बाजरे की अधिक उत्पादन के लिए इस तकनीक से बुवाई करे (Bajre Ki Adhik Utpadan Ke Liye is Taknik Se Buvai Kare) इन के बारे में बहुत कुछ बताया है।

यह आर्टिकल आप को बाजरे की फसल के लिए बहुत ही हेल्प फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। यह आर्टिकल आप अपने मित्रो और किसान बंधू को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे।

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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