भेड़ की इस TOP 4 नस्ल का पालन करेंगे तो बदल जाएगी किस्मत और हो जाएंगे मालामाल

WhatsApp Group (Join Now) Join Now
Telegram Group (Join Now) Join Now
Rate this post
Bhed Ki Top 4 Nasle

भेड़ की टॉप 4 नस्ल (Bhed Ki Top 4 Nasle) : दोस्तों भेड़ पालन की शरुआत करने से पहले उसकी सही नस्लों का चुनाव करना बेहद जरुरी है। कई ऐसी नस्ले है, जिनका पालन कर के आप भी अच्छा मुनाफा कमा सकते है। दोस्तों आज हम भेड़ की नस्ल के बारेमे बताने वाले है। जिन्हे पालकर पशुपालक अधिकतम लाभ ले सकता है।

ग्रामीण क्षेत्रो में भेड़ पालन (भेड़ की नस्ल) किसानो के लिए बेहद फायदेमंद व्यवसाय बनता जा रहा है। भेड़ों का इस्तेमाल मटन, ऊन, खाद, दूध और चमड़ा ऐसे कई सारे उत्पादन बनाने में भेड़ का इस्तेमाल होता है। भारत में भेड़ की नस्ल की बात करे तो जैसलमेरी, मालपुरा, मारवाड़ी, मैरिनो और बीकानेरी जैसी नस्ल के भेड़ों के पालन किया जाता है।

भेड़ की टॉप 4 नस्ल (Bhed Ki Top 4 Nasle)

भेड़ की नस्ल हमारे देश भारत में कई सारी है पर इन में से यह भेड़ की नस्ले अधिक लोकप्रिय है और इन का पालन भी अधिक होता है। भेड़ पालन से दूध उत्पादन के साथ उन (बाल) भी अधिक कीमत पर बेच शकते है और अच्छा मुनाफा प्राप्त कर शकते है। इन के अलावा आप खाद, भी बेच के अच्छी कमाई कर शकते है। भेड़ की टॉप नस्ले में जैसलमेरी, मालपुरा, मारवाड़ी मेरिनो, बीकानेरी, रामबुतु आदि नस्ले लोकप्रिय है।

जैसलमेरी भेड़ की नस्ल राजस्थान

दोस्तों जैसलमेरी भेड़ राजस्थान में पाई जाने वाली भेड़ों में प्रमुख भेड़ है। यह नस्ल जैसलमेर की है, इसीलिए इसका नाम भी ‘जैसलमेरी भेड़’ पड़ गया। जैसलमेरी नस्ल की भेड़ मुख्यत्वे मांस के उत्पादन के लिए पाली जाती हैं। जैसलमेर के बहुत ज्यादा ये भेड़ जोधपुर में भी बहुत पाली जाती है। इस नस्ल की भेड़ का शरीर भारी, मुँह काला और गहरे रंग का होता है। इस भेड़ की लम्बी पूँछ इसकी ख़ास पहचान है।

मालपुरा भेड़ बादल और भेड़ प्रीमियम

मालपुरा भेड़ की नस्ल राजस्थान के अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौढ़गढ़, बूंदी और कोटा जिले की मूल निवासी है। इसका नाम राजस्थान में टोंक जिले के नाम से जानी जाती है। इसका चेहरा हलके भूरे रंग का, छोटे और नलीदार कान, लम्बी और पतली पूंछ और सफेद, मोटे और बालों वाली ऊन होती है। मालपुरा भेड़ का दूध 500 ग्राम से 1 लीटर प्रति दिन है। नर भेड़ का वजन 50 से 55 किलोग्राम और मादा भेड़ का वजन लगभग 40 से 45 किलोग्राम होता है। मालपुरा भेड़ की ऊन उत्पादन 1.08 किलोग्राम है।

मारवाड़ी भेड़ की नस्ल

मारवाड़ी भेड़ राजस्थान में सर्वाधिक जोधपुर, दौसा, जयपुर, पाली, बाड़मेर, नागौर, सिरोही, अजमेर और उदयपुर आदि ज़िलों में पाई जाती है। राजस्थान में पाई जाने वाली कुल भेड़ों में मारवाड़ी भेड़ का प्रतिशत लगभग 45% है। यह भेड़ अच्छी रोग-निरोधक क्षमता वाली है, इसीलिए मारवाड़ी भेड़ को राजस्थान में सर्वाधिक पाली जाती है।

मेरिनो भेड़

ये भेड़ मुख्य रूप से स्पेन की है। भारत में ये भेड़ बड़े पैमाने पर पाई जाती है। ये विपरीत जलवायु में जीवन यापन कर लेती है। मेरिनो नस्ल के नर भेड़ में घुमावदार सींग होते हैं तो वहीं मादा भेड़ों में सींग नहीं होते हैं। अधिक ऊन उत्पादन के लिए ये सबसे बेहतर नस्ल मानी जाती है। इस नस्ल के एक भेड़ से प्रतिवर्ष 5 से 9 किलोग्राम ऊन प्राप्त होती है।

अन्य भी पढ़े :

आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को भेड़ की टॉप 4 नस्ल (Bhed Ki Top 4 Nasle) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।

हमारे इस ब्लॉग ikhedutputra.com पर हर हमेेश किसान को खेती की विविध फसल के उन्नत बीज से लेकर उत्पादन और इन से होने वाली कमाई और मुनाफा तक की सारी बात बताई जाती है। इन के अलावा जो किसान के हित में सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली विविध योजना और खेती के नई तौर तरीके के बारे में भी बहुत कुछ जानने को मिलेगा।

इन सब की मदद से किसान खेतीबाड़ी से अच्छी इनकम कर सकता है। इस लिया आप हमारी यह वेबसाईट आईखेडूतपुत्रा को सब्सक्राब करे ताकि आप को अपने मोबाईल में रोजाना नई आर्टिकल की नोटिफिकेशन मिलती रहे। इस आर्टिकल के अंत तक हमारे साथ बने रहने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद।

इस लेख को किसान के साथ शेयर करे...

Leave a Comment

buttom-ads (1)