पत्तागोभी में रोग नियंत्रण (Disease Control In Cabbage) : पत्तागोभी (Cabbage) एक लोकप्रिय सब्जी है। पत्तागोभी को सभी लोग पसंद करते है, और इसे सब लोग मजे से खाते है। पत्ता गोभी की मांग पुरे विश्व में है। इसलिए इसकी खेती मोटे पैमाने पर होती है। लेकिन सभी विस्तारो में नहीं हो पाती, इसलिए इसकी मांग बहुत ज्यादा रहती है। पत्ता गोभी का मूल स्थान यूरोप को माना जाता है। हालाँकि पिछली सदियों के दौरान, दुनिया भर में पत्ता गोभी का उत्पादन लोकप्रिय हुआ है। वर्तमान में, यह मुख्य रूप से एशिया और दूसरे नंबर पर यूरोप में उगाया जाता है।
विश्व में हल 5 देश पत्तागोभीकी खेती (Cabbage Farming) करते है। जैसे की भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और रूस में पत्ता गोभी की खेती होती है। पत्तागोभी में विटमिन A और विटमिन C, खनिज जैसे की फासफोरस, पोटेशियम, कैल्शियम, सोडियम और लोहा भरपूर मात्रा में होते हैं। इसको कच्ची या पकाकर खाया जा सकता है।
भारत में पत्तागोभी आमतौर पर सर्दियों में मैदानी इलाकों में उगाई जाती है। आम तौर पर पत्तागोभी की खेती तीनो मौसम में की जा सकती है। पत्तागोभी में रोग और कीट का प्रकोप बहुत ज्यादा रहता है। इस लिए यह आर्टिकल में हम आपको बताने वाले है की पत्तागोभी में रोग और कीट का नियंत्रण कैसे करे इसकी पूरी जानकारी हम देने वाले है। इस लिए इस आर्टिकल के अंत तक बने रहे।
आज के इस ikhedutputra.Com के इस आर्टिकल के माध्यम से पत्तागोभी में रोग नियंत्रण (Disease Control In Cabbage) के बारे में जानेंगे और इन की खासियत क्या है इन के बारे में भी अधिक जानकारी प्राप्त करेंगे इस लिए आप को हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तन जरूर बने रहना है।
पत्तागोभी में रोग और कीट का नियंत्रण ऐसे करे किसान
किसान भाई आप जब पत्तागोभी की खेती करते है तो पत्तागोभी में कई सरे रोग और कीट का प्रकोप होता है। जैसे की गोभी तितली (कैबेज बटर फ्लाई), हीरक पतंगा किट (डायमंडबैक कीट), तम्बाकू की इल्ली (टोबैको कैटरपिलर), गोभी छेदक (कैबेज बोरर) यह पत्तेगोभी के प्रमुख रोग और कीट है। इसको नियंत्रण नहीं किया तो आपकी साडी फसल बर्बाद कर देते है। इस लिए यह आर्टिकल में पत्तागोभी में रोग और कीट को नियंत्रण करने वाले कई सरे नुस्के के बारे में बताने वाले है। इस लिए यह आर्टिकल के अंत तक बने रहे।
(1) गोभी तितली (कैबेज बटर फ्लाई)
कीट की इल्लिया सबसे पहले पौधों के पत्तो को खाती है। इल्लिया फूलो में घुस कर इन्हे अपने मैल से बर्बाद कर देती है।
गोभी तितली का नियंत्रण ऐसे करे : शुरू में अंड समूहों व इल्लियों के झुंडों वाले पत्तों को निकाल कर अपने खेत से दूर जाकर नष्ट कर दें। हीरक पतंगा कीट के इस्तेमाल किए जाने वाले कीटनाशियों का ही प्रयोग करें। इस प्रकार नियंत्रण नहीं हो रहा है तो अपने नजदीकी कृषि मंत्रालय में जाकर सलाह लीजिए।
(2) हीरक पतंगा किट (डायमंडबैक कीट)
किसान भाई हीरक पतंगा किट की इल्लियाँ पत्तों के हरे पदार्थ को खाती हैं। और खाई गई जगह पर केवल सफेद झिल्ली रह जाती है जो बाद में छेदों में बदल जाती है।
हीरक पतंगा किट का नियंत्रण ऐसे करे : हीरक पतंगा किट का नियंत्रण के लिए नीम बीज अर्क यानि बी.टी. 1 ग्राम प्रति लीटर और स्पिनोसिड 45 एस.सी. 1 मिली प्रति 4 लीटर पानिमे और एमामेक्टिन बेंजोएट 5 एस.सी. 1 ग्राम 2 पानी में और क्विनालफॉस 25 ई.सी. 3 मि.ली./लीटर और फेनवेलरेट 20 ई.सी. 1.5 मि.ली./2 ली. पानी का छिडक़ाव करें।
किसान भाई इस दवाई का छिड़काव तब करना जब धुप ना वरना दवाई का रिजल्ट नहीं मिल पायेगा। रिजल्ट नहीं मिलेगा तो पत्तागोभी में से इल्लिया नहीं जाएगी।
(3) तम्बाकू की इल्ली (टोबैको कैटरपिलर)
इस कीट की इल्लियाँ शुरु में झुंड में पत्तों को खाती है। और बाद में दूसरे पौधों पर भी फैल जाती है। फूलगोभी में इल्लियाँ फूलों में घुसकर इसे अपने मैले द्वारा बर्बाद कर देती है।
तम्बाकू की इल्ली का नियंत्रण ऐसे करे : तम्बाकू की इल्ली के अंडो को ढूंढ कर नष्ट कर दे। जरुरत पड़ऩे पर हीरक पतंगा कीट के अंतर्गत दर्शाए गए कीटनाशी प्रयोग में लाएं। पूरे खेत की बजाए इल्लियों के झुंडों पर छिडक़ाव काफी प्रभावी होता है।
(4) गोभी छेदक (कैबेज बोरर)
किसान भाई इस कीट की इल्लियाँ सुरंग बनाकर पत्तों को खाती हैं तथा बाद में फूल को भेदकर बर्बाद कर देती है। और आपकी पत्ता गोभी की फसल साडी नष्ट हो जाती है।
गोभी छेदक का नियंत्रण ऐसे करे : हीरक पतंगा किट का नियंत्रण के लिए नीम बीज अर्क यानि बी.टी. 1 ग्राम प्रति लीटर और स्पिनोसिड 45 एस.सी. 1 मिली प्रति 4 लीटर पानिमे और एमामेक्टिन बेंजोएट 5 एस.सी. 1 ग्राम 2 पानी में और क्विनालफॉस 25 ई.सी. 3 मि.ली./लीटर और फेनवेलरेट 20 ई.सी. 1.5 मि.ली./2 ली. पानी का छिडक़ाव करें।
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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को पत्तागोभी में रोग नियंत्रण (Disease Control In Cabbage) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।
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