घर के सामने किचन गार्डन बनाने का तरीका

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रसोई में उपयोगी सब्जी घर के सामने या घर के अगल बगल में उगाई जाती है इन को ही किचन गार्डन कहा जाता है। घर के पिछवाड़े या सामने अवस्थित खुली जगह पर विविध सब्जी ऊगा के परिवार को ताजा और स्वच्छ खिलाना चाहिए।

घर पर गमले में या छोटी छोटी क्यारी बना के विविध मौसम में विविध सब्जी ऊगा शकते है। और ए किचन गार्डन प्राचीन काल से ही बहुत लोग करते आरहे है।

Ghar Ke Samane Kitchen Garden Banane Ka Tarika

दोस्तों घर के सामने किचन गार्डन बनाने का तरीका (Ghar Ke Samane Kitchen Garden Banane Ka Tarika) बहोत सरल और कम लगत में बना शकते है। किचन गार्डन की बात करे तो किचन गार्डन का सिर्फ एक ध्येय होना चाहिए।

घर के आंगन में ताजा फल और सब्जी उगाइए और खाइए अपने शरीर को स्वस्थ रखिए। किचन गार्डन को छोटी जगह एवं घर के आंगन में अगल बगल खाली जमीन पर आप कर शकते हैं।

जमीन की बात करे तो अच्छी तरह से सूर्य प्रकाश गिरता हो और घर से पानी निकल ने की निक के पास निकलती ऐसी जमीन की पसंद कीजिए।

आजकल बढता शहरीकरण, ओद्योगीकरण के कारन, वस्तिगीचवाले रहना, हवा, पानी, और जमीन के प्रदुषण इत्यादि दिकतो से स्वच्छ हवा, पानी और खोराक न मिलने ने कारन बीमारी और मानव शरीर के स्वाथ्य को खतरा है। इसी लिए अच्छा आहार पाने के लिए किचन गार्डन जरुरी है।

बात करे कोविड 19 की तो शहर में सीटी एरिया में बड़े पैमाने में “किचन गार्डन” “टेरेस गार्डन” का क्रेज आया है। इस प्रयास से घरे के खर्च कम हुए है और ताजा सब्जी पुरे साल के लिए मिलती है।

किचन गार्डन का फायदा

घर के सामने किचन गार्डन लगाने से फालतू जमीन का उपयोग करके आप फालतू जमीन को स्वच्छ और दिखने में सूंदर बना सकते है। किचन गार्डन की शान बड़ा सकते है। घर के बिन जरुरी पानी का सही उपयोग कर शकते है।

किचन गार्डन से अपने परिवार की मनपसंद सब्जी और ऑर्गेनिक सब्जी उगाकर अपने खाने मै उपयोग कर सकते है। घर के आंगन में किचन गार्डन से बच्चों को सब्जी के पौधे, फशल की पहचान, खेती की तकनीक और खेती का उपयोग समजा शकते है।

सब्जी वर्गीय फसल में कार्बोहैड्रेड, प्रोटीन, खनिज तत्त्व, विटामिन्स अच्छी मात्रा में होनेके कारन तंदुरस्त खोराक में उपयोग अनिवार्य है। दूध एवं फल की तरह सब्जी का खोराक भी महत्व का खाना है।

मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया के हिसाब से हर एक व्यक्ति 190 ग्राम फल और 300 ग्राम हरी सब्जी तंदुरस्त शरीर के लिए आहार में लेने की आवश्यकता है। इसी लिए किचन गार्डन एक उत्तम उपाय है।

किचन गार्डन की योजना

जमीन के विस्तार के हिसाब से किचन गार्डन की योजना कीजिए। अपने पसंदीदा हरी सब्जि का चयन कीजिए और पर्याप्त सूरज की रोशनी वेशी खुल्ली जमीं का चयन कीजए।

किचन गार्डन का मौसम और जमीन के अनुकूल सब्जी वर्गीय फसल चुने।अपने परिवार के सदस्यों को पुरे साल हरी सब्जी मिलते रहे ऐसी योजना करनी चाहिए। ज्यादातर हरी सब्जी की योजना सब्जी वर्गीय फसल के कैलेंडर की शुचि को देखकर योजना बनाना चाहिए।

किचन गार्डन में इस प्रक्लर से सब्जी वर्गीय फसल की बुवाई की जाती है

क्रम मौसम बुवाई समयसब्जी वर्गीय फसल
1 सर्दी ओक्टोबेर से नवम्बर पापड़ी, तुवर मेथी, पालक, शकरकंद, धनिया, मटर, वैल, गाजर, पत्तागोभी, मिर्च, टमाटर, लहसुन, प्याज और मूली इत्यादि।
2 गर्मी फरवरी से मार्च भिंडी, ग्वार, चोली, करेला, लौकी,तोराय, गलका घिलौड़ा, मूंगा, खीरा, तरबूज,शकरकंद, मेथी, धनिया, बैंगन इत्यादि।
3 मानसूनजून से जुलाई पपड़ी, भिंडी, तुवर, ग्वार, मेथी, चोली, पालक, करेला, शककरकंद, लौकी, तोराय, गलकि, धनिया, पत्तागोभी, बैगनऔर प्याज इत्यादि।

किचन गार्डन में जरुरी साधन

दोस्तों घर के सामने किचन गार्डन में अलग अलग प्रकार के उपयोगी साधनो निचे दिए गए है।

  • कुदाल
  • फावड़ा
  • कैंची
  • तगारा
  • प्लास्टिक पाइप
  • ज़ारो
  • हेंड स्प्रे पंप

किचन गार्डन केलिए बीज एवं उर्वरक

पापड़ी, तुवर मेथी, पालक, शकरकंद, धनिया, मटर, वैल, गाजर, पत्तागोभी, मिर्च, टमाटर, लहसुन, प्याज और मूली इत्यादि।
सब्जि के बीज की जरुरत पड़ती है। उर्वरक की बात करते तो अरंडी की खल,निम की खल, कोकोपिट,डी ए पी, यूरिया,इत्यादि खाद की जरुरत पड़ती है।

इस के आलावा घर के आंगन के बगीचे के बगल में छोटी सी कम्पोस्ट कीका गढ्ढा करके किचन गार्डन का कचरा और घर के रसोई से निकल ते कचरे को गढ्ढे में दाल के सड़ा के वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग कर शकते हैं।

किचन गार्डन में सब्जी वर्गीय फसल किस अंतर में बोनी चाहिए दोस्तों हमें किचन गार्डन की बुवाई (सोविंग एवं पेसिंग ) किस तरह से करनी चाहिए वह समाज ने केलिए निचे दिए गए चार्ट से समाज ते है।

क्रम फसल बुवाई अंतर (से.मी.)
1 मिर्ची 75 से 60 सेमी और 60 से 60 सेमी
2 प्याज 15 से 10 सेमी और 12 से 12 सेमी
3 टमाटर 90 से 80 सेमी और 65 से 65 सेमी
4 पत्तागोभी 35से 45 सेमी और 25 से 25 सेमी
5 भिंडी 96 से 116 सेमी और 80 से 85 सेमी
6 बैगन 80 से 75 सेमी और 75 से 75 सेमी

किचन गार्डन में जड़ी बूटी का बगीचा

घर के सामने किचन गार्डन में जड़ीबूटी का बगीचा बहोत ही जरुरी और फायदेमंद है। जैसे की बुखार, सरदर्द, खाशी, जैसी बीमारियों से बचने केलिए जड़ीबूटी वनस्पति का उपयोग कर शकते है।

दोस्तों जड़ीबूटी वनस्पति की बात कतरे तो”तुलसी, कुँवरपाठु, अरदूषि,हल्दी, अश्वगंधा, करियातु, शतावरी, जेठीमध,लेमनग्रास” इत्यादि घर के सामने किचन गार्डन के बगीचे में आप सभी पौधे को विकसित कर सकते है और अपनी सेहत को आप सवस्थ रख सकते है।

किचन गार्डन में पुष्प की फसल

दोस्तों घर के सामने किचन गार्डन में सब्जी वर्गीय फसल के आलावा आप पुष्प की फसल लगा के आप घर की शोभा बढ़ा शकते है।

पुष्प कि बात करे तो सभी प्रकार के पुष्प लगा शकते है जैसे की गुलाब, गेंदा फूल, मेरीगोल्ड, बारहमासी, चमेली, सेवंती इत्यादि पुष्प की फसल लगाकर घर की शोभा और वायुमंडल को सुगन्धित कर शकते है।

किचन गार्डन में फल की फसल

घर के सामने किचन गार्डन में सब्जी वर्गीय फसल के आलावा फल की भी फसल लगा शकते है फल की वेराइटी की बात करे तो पपया, आम, बनाना, चीकू, निम्बू, आंवला, स्ट्रॉबेरी, गौवा, जाम्बुन, अनार इत्यादि फल की फसल के पेड़ और पौधे लगा शकते है।

दोस्तों घर के सामने किचन गार्डन में मौसम के अनुसार फल के पेड़ या पौधे लगाके सवस्थ और पोषण युक्त फल आहार में ले शकते है।

किचन गार्डन में फसल सुरक्षा

घर के आंगन में किचन गार्डन की फसल सुरक्षा की बात करे तो किचन गार्डन में रोग, किट एवं फ़र्टिलाइज़र की बहोत आवश्यकता हे। पौधे को विकसित करने में और रोग एवं किट से बचने केलिए फंगीसाइड, पेस्टीसाइड एवं फ़र्टिलाइज़र का उपयोग हितावह है।

घर के आंगन में किचन गार्डन की सुरक्षा की बात करे तो पौधे के डाली, फूल, कली, एवं फल के ऊपर रोग और किट का प्रकोप ज्यादा दिखता है। इसी की सुरक्षा करनी जरुरी है।

किचन गार्डन में किट एवं रोग की बात करे तो हरा तेला, सफेदमख्खी,महू,और जड़ गलन, टिक्कारोग़,छछिया रोग, इत्यादि रोग एवं किट एते है।

किचन गार्डन में किट की बात करे तो हरतेला, महू, सफेदमख्खी के नियंत्रण की बात करे तो नीम की पत्तियों को मिक्चर बना के 10 दिन के अंतराल में दो बार छिड़काव कीजिए।इस के छिड़काव से की नपुंशक हो जायेगा और किट की बढ़ोतरी होने से रुक जाएगी।

इस के आलावा निम के बीज का पाउडर बना के छिड़काव कीजिए इस से भी किट पर अच्छा असर करता है नीम के बीज का पाउडर बी किट नियंत्रण केलिए भी अच्छा रिज़ल्ट देता है।

किचन गार्डन में रोग की बात करे तो जड़गलन,छछियारोग,टिक्करोग,का नियंत्रण केलिए। वेटेबल सल्फर 80% जड़ के पास और छिड़काव कीजिए।इस तरह रोग की रोकथाम की जाती है।

किचन गार्डन में रोग की रोकथाम दूसरे तरिके से बात करे तो कॉपर ऑक्सीक्लोरिएड 50% जड़ के पास पानी के साथ दीजीए और छिड़काव कीजिए। 15 दिन में दो बार जड़ के पास और छिड़काव कीजिए।

अन्य भी जरूज पढ़े

FAQ’s

किचन गार्डन में क्या उगाएं?

कीचन गार्डन में आप मिर्च, टमाटर, बैगन, तोरई, पत्तागोभी,मटर,करेला, इत्यादि सब्जी उगा शकते है।

किचन गार्डन का क्या महत्व है?

जहां आप सारी सब्जियां, जड़ी-बूटियां, फल उगाकर कर ताजी साग सब्जी मिलती रहे। इसलिए इसे किचन गार्डन करते हैं। किचन गार्डन का उद्देश्य आपके पोषण के स्तर को बढ़ाना है।

किचन गार्डन का मतलब क्या होता है?

किचन गार्डन का मतलब रोजा हरी ताजी सब्जी और जंतुनाशक रहित उस से स्वस्थ जीवनशैली के लिए अच्छा है।

सारांश

नमस्ते दोस्तों हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको घर के सामने किचन गार्डन बनाने का तरीका (Ghar Ke Samane Kitchen Garden Banane Ka Tarika) के महत्व समजाने की कोशिस की है।

घर के सामने किचन गार्डन बनाने का तरीका (Ghar Ke Samane Kitchen Garden Banane Ka Tarika) में आपको कैसे बनाये और पौधे की सुरक्षा बिना कीटनाशक दवाई के बिना कैसे करे उसकी माहिती दी गयी है।

हम अपनी तरफ से आपके परिवार के स्वास्थ्य सुधार ने की माहिती इस आर्टिकल में दी गई है। इस से आपको माहिती और आपके घर की खाली जमीन का उपयोग कर के किचन गार्डन कर ने में मदद मिलेंगी।

इसी लिए इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा अपने दोस्तों एवं किशान बंधू के साथ शेर करे।

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