जीरे की फसल में कोनसा खाद डालना चाहिए (Jeera Ki Fasal Me Konsa Khad Dalna Chahiye) : किसान भाई जीरे के वैश्विक उत्पादन में भारत का योगदान लगभग 70 प्रतिशत है। गुजरात और राजस्थान भारत में प्रमुख जीरा उत्पादक राज्य हैं। देश के कुल उत्पादन में इन दोनों राज्यों का योगदान 90 % है। देश में 2020 के दौरान 8.41 लाख हेक्टेयर में जीरा लगाया गया और 649 किग्रा प्रति हेक्टेयर उत्पादकता से कुल 5.46 लाख टन का उत्पादन प्राप्त हुआ।
गुजरात जीरा उत्पादकता में विश्व में अग्रणी है। साथ ही जीरे के निर्यात में भी गुजरात की हिस्सेदारी अहम है। गुजरात राज्य में जीरे की खेती मुख्य रूप से सुरेंद्रनगर, बनासकांठा, पाटन, कच्छ, अहमदाबाद, मोरबी, पोरबंदर आदि जिलों में की जाती है। कम पानी और उर्वरक की आवश्यकता और उच्च बाजार मूल्य के कारण जीरे की फसल की लाभप्रदता अन्य रवि फसलों की तुलना में अधिक है।
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जीरे में उर्वरक प्रणाली कौनसी करे?
किसान भाई जब जिरेकी फसल 30 दिन की हो जाए तो निराई-गुड़ाई के बाद नाइट्रोजन पूरक उर्वरक के रूप में प्रयोग करें। मिट्टी की तलहटी तक पहुंचने वाली नमी में पानी डालने के बाद शाम को पूरक उर्वरक देना चाहिए। किसान भाई जब जीरे की फसल में प्रति हेक्टेयर 30 कि.ग्रा, नाइट्रोजन एवं 15 कि.ग्रा, फॉस्फोरस की अनुशंसा की जाती है। जिसमें से 15 किग्रा, नाइट्रोजन एवं 15 कि.ग्रा, आधार उर्वरक के रूप में फास्फोरस एवं शेष 15 कि.ग्रा नाखना चाहिए।
भाल एवं तटीय कृषि जलवायु क्षेत्र में जीरे की खेती खेती विधि से की जाती है किसानों को अधिक उत्पादन एवं आय प्राप्त करने हेतु जीरे की फसल प्रति हेक्टेयर 30 किग्रा. नाइट्रोजन एवं 30 कि.ग्रा. आधार में फास्फोरस एवं 30 कि.ग्रा. बुआई के 30 दिन बाद नाइट्रोजन पूरक उर्वरक डालने की सलाह दी जाती है।
जीरे की जैविक खेती में रसायन
अगर किसान जीरे की जैविक खेती करना चहिते है तो इस प्रकार का खाद का प्रयोग कर शकते है। खाद के स्थान पर 6 टन छानी हुई खाद प्रति हेक्टेयर डालें और बुआई से पहले एज़ैटोबैक्टर (एबीए 1) और पीएसबी (पीएसबी 1) का बीजोपचार जरूर करें।
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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को घर के ऊपर फ्री में जीरे की फसल में कोनसा खाद डालना चाहिए (Jeera Ki Fasal Me Konsa Khad Dalna Chahiye) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।
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