गेहूं की यह उन्नत किस्में 120 दिन में पक के तैयार हो जाती है और उत्पादन में तहल का मचा देती है।

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गेहूं की खेती हमारे देश में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उतर प्रदेश झारखंड, आदि राज्य में किसान बड़े पैमाने में करते है और गेहूं की कुछ किस्में हमारे कृषि वैज्ञानिक ने कम समय में अच्छा उत्पादन वाली गेहूं की उन्नत किस्में (Kam Samay Me Accha Utpadan Wala Gehu Ki Unnat Kisme) तैयार की है। जो बुवाई के बाद मात्र 120 दिन में अच्छे से पक के कटाई के लिए तैयार हो जाती है और इन की एक और भी खासियत है की यह किस्में किसी भी मिट्टी में बोए उत्पादन अधिक ही मिलेगा। तो आइए जाने है गेहूं की कम समय में तैयार होने वाली उन्नत किस्में के बारे में।

Kam Samay Me Accha Utpadan Wala Gehu Ki Unnat Kisme

गेहूं की यह वैराइटी की बुवाई किसान पिछले कई सालो से करते है और उत्पादन में सब के रिकॉर्ड तोड़ दिए है। बहुत सारे किसान इस गेहूं की किस्म से अनजान है तो कई किसान बंधू इस वैराइटी को भलीभाती जानते है और हर साल इस किस्म के गेहूं के बीज को खरीद के बुवाई करते है। और तगड़ा उत्पादन प्राप्त कर के अच्छी कमाई के साथ अधिक मुनाफा करते है।

गेहूं की यह किस्म उत्पादन के मामले में सब से आगे है। इन की खासियत एक और भी है जो किसी भी प्रकार की मिट्टी में बुवाई करे उत्पादन अधिक ही मिलता है और यह कम समय में पक के कटाई के लिए तैयार हो जाती है। गेहूं की यह वैराइटी की बुवाई आप पिछेती भी कर शकते है और अगेती भी कर शकते है। फिर भी उत्पादन में कोई ज्यादा फर्क देखने को नहीं मिलेगा। इन के आलावा जब बहुत गर्मी पड़ती है तब भी उत्पादन में फर्क नहीं दिखाई देगा। गेहूं की यह उन्नत किस्म के दाने वजन में भरी और साइज में बड़े होते है। तो आइए जानते है गेहूं की इस वैराइटी के बारे में बहुत कुछ।

गेहूं की यह उन्नत किस्में की बुवाई कब करे

गेहूं की यह उन्नत किस्में के बीज की बुवाई आप अक्टूबर महीने के 15 दिन बाद से लेकर नवंबर महीने के लास्ट दिन यानिके 30 नवंबर तक कर शकते है। इस किस्में की बुवाई किसान अगेती करे तो एक एकड़ के हिसाब से 40 किलोग्राम बीज की मात्रा पूर्ति है और पिछेती बुवाई करे तो 45 किलोग्राम बीज की जरूरत होगी। इन के पौधे की उचाई 85 से 90 सैमी तक की होती है। इस किस्में की फसल में ब्राउन स्पॉट्स और ब्लास्ट रोग अटैक नहीं कर शकते है।

गेहूं की यह उन्नत वैराइटी बुवाई के बाद 85 से 90 दिन में बलिया निकल के तैयार हो जाती है। और यह बलिया 120 से 130 दिन में पूरी तरीके से पक के कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इस किस्म की फसल किसान ने एक हैक्टर जमीन में की है तो 70 से 80 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है जो गेहूं की अन्य किस्में के मुकाबले अच्छा है।

गेहूं की इस वैराइटी का नाम है श्रीराम (Shriram Super 303) गेहूं के इस वैराइटी के दाने में प्रोटीन की मात्रा भी अधिक होती है। इस लिए खाने के लिए इस वैराइटी बेस्ट है और बिन ने के लिए भी यह वैराइटी का चुनाव कर शकते है। इस समय यह श्रीराम (Shriram Super 303) गेहूं की किस्में सब से अच्छी मानी जाती है। इन दाने में वजन और प्रोटीन अधिक मात्रा में होते है।

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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को कम समय में अच्छा उत्पादन वाली गेहूं की उन्नत किस्में (Kam Samay Me Accha Utpadan Wala Gehu Ki Unnat Kisme) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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