मक्का की फसल में इस रोग का करें जल्द से जल्द नियंत्रण, नहीं तो 80 प्रतिशत उत्पादन कम होगा

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Makka Ke Pramukh Rog Ka Niyantran

मक्का में प्रमुख रोग का नियंत्रण (Makka Ke Pramukh Rog Ka Niyantran) : मक्का की खेती हमारे देश में कई राज्य के किसान बड़े पैमाने पे करते है। पर कई बार मक्का की फसल किसी रोग से प्रभावित हो जाती है तब उत्पादन 80 से 90 प्रतिशत तक उत्पादन कम प्राप्त होता है और किसान को बड़ा नुकशान हो जाता है।

मक्का को सभी अनाज की रानी मानी जाती है और मक्का की खेती अधिक किसान करे इस लिए सरकार भी बीज खरीदी के लिए सब्सिडी भी दे रही है। इस से कई किसान भाई मक्का की खेती के लिए जागृत हो रहे है पर मक्का की खेती में कुछ रोग ऐसे भी है जो किसान को बहुत परेशान करते है। इन रोग का सही समय पर नियंत्रण करना चाहिए नहीं तो उत्पादन बहुत कम प्राप्त होता है और नुकशान अधिक होता है।

आज के इस ikhedutputra.Com के इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेंगे की मक्का की खेती में अधिक नुकशान करने काले प्रमुख रोग कौन कौन से है और इन रोग का नियंत्रण कैसे करे ताकि किसान को मक्का की खेती से अधिक उत्पादन प्राप्त हो शके और बंपर कमाई के साथ अधिक मुनाफा हो शके।

मक्का में प्रमुख रोग का नियंत्रण (Makka Ke Pramukh Rog Ka Niyantran)

मक्का की फसल में इस प्रकार के प्रमुख रोग लगते है जैसे की झुलसा या टर्सिकम लीफ ब्लाइट, तना सड़न, रतुआ, इस प्रकार के रोग मक्का की फसल में ज्यादातर अटैक करते है और इन से मक्का की फसल से उत्पादन भी बहुत कम प्राप्त होता है।

झुलसा या टर्सिकम लीफ ब्लाइट : मक्का की फसल में यह रोग पौधे की पत्तियों पर देखने को मिलता है। इस रोग से प्रभावित मक्का के पौधे की पत्तीया शुरूआती समय में निचे से सूखने लगती है। और पतों पर लंबे और भूरे आकार के धब्बे दिखाई देते है। इस रोग से प्रभावित पौधे की ऊपरी पतिया भी धीरे धीरे सूखने लगती है। जब पौधे की पतिया सूखने लगती है तब पौधे का अच्छे से विकास नहीं होता है।

तना सड़न : मक्का की फसल में यह रोग लगने का मुख्य कारण जल भराव है। जब पौधे की पास अधिक जल भराव होता है तब तना सड़न रोग लगता है। यह रोग पौधे पर पहली गांठ से अटैक करता है। इस रोग से संक्रमित पौधे जल्द सूखने लगते है और पौधे की पतिया पीले रंग की होकर सूखने लगती है।

रतुआ : मक्का की फसल में यह रोग का अटैक पहले पतियों पर देखा जाता है। इस रोग से संक्रमित पौधे की पतियों पर छोटे लाल रंग के और भूरे रंग के ऊपर उभरे हुए धब्बे दिखाई देते है। इन पत्तो का पर्स करने से हाथ पर पावडर चिपक जाता है। मक्का की फसल में यह रोग फैलने का मुख्य कारण है मिट्टी की अधिक नमी होना।

मक्का की फसल में रोग नियंत्रण

  • मक्का के बीज बुवाई से पहले उपचारित करना चाहिए।
  • मक्का की फसल को खरपतवार से मुक्त रखे।
  • मक्का की खेत तैयारी के समय अच्छे से गहरी जुताई करें और कुछ दिन तेज धुप में खेत को खुला छोड़ दे।
  • मक्का की खेती में एक एकड़ जमीन में आप बायोवेल का जैविक कवकनाशी बायो ट्रूपर की 500 मि.ली. का प्रयोग करें।
  • इन के अलाव आप मैंकोजेब 0.25 प्रतिशत व कॉर्बेंडैजिम का अच्छे से छिड़काव कर के भी इस सभी रोगो से मक्का की फसल को बचा शकते है। और अधिक उत्पादन प्राप्त कर के अच्छी कमाई के साथ अधिक मुनाफा प्राप्त कर शकते है।

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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को मक्का में प्रमुख रोग का नियंत्रण (Makka Ke Pramukh Rog Ka Niyantran) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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