मिर्ची के बारे में कुच्छ जानकरी
Mirch Ki Unnat Kisme Ki Kheti In Hindi की बात करे तो मिर्च एक मसाला हे और मिर्च को एक प्रमुख मसाला माना जाता है मिर्च में कैप्सेइसिन रसायन पाया जाता है वे मिर्च के स्वाद को तीखा बनाता है।
मिर्च में फॉस्फोरस, कैल्सियम, विटामिन ए, सी, के तत्व पाए जाते है भारत में आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र,तमिलनाडु, गुजरात, राजस्तान, उड़ीसा एवम विविध (अन्य ) राज्य में भी मिर्च की खेती की जाती है और अधिक मात्रामे ऊपज भी किसान करते है।
मिर्च की खेती आप भी करना चाहते है और अच्छी मात्रा में मुनाफा करना चाहते है तो ए आर्टिकल आप को मिर्च की खेती में बहुत हेल्पफुल होगा।
Mirch Ki Unnat Kisme Ki Kheti In Hindi मिर्ची का पाक एक मसाला वर्ग का पाक है। भारत में मिर्च की खेती दो तरह से होती है। एक हरी मिर्च की खेती ओर एक सूखी लाल मिर्च की खेती होती है।
भारत में कुल 1040000टन ओर 38% पुरी दुनिया में सूखी लाल मिर्च की हिस्सेदारी की है। इस लिए भारत मिर्ची की खेती में नंबर वन पर है। भारत 30% मिर्च की एक्सपोर्ट विविध देश में करता है।
हाल में देखे तो भारत सुखी लाल मिर्च की एक्सपोर्ट श्रीलंका, वियतनाम,और थाईलैंड में करता है। भारत में सबसे ज्यादा मिर्च की खेती “तेलंगाना “राज्य के “वारंगल,खामम,भदरादेजि काठगुडेल” जीलेमें होती है।
तेलंगाना में कूल भारत के 340000 टन और 33% उत्पादन होता है।इसके अलावा “कर्णाटका,मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात इत्यादि राज्य में सूखी लाल मिर्च की खेती होती है।ओर हरी मिर्च की खेती में “केपसीकम,जी-4,होटपेपर, घोलर”इत्यादि होती हैं। मिर्च की खेती 2023
मिर्च की खेती 2023मिर्च की खेती 2023 दोस्तों इस आर्टिकल के माध्यम से आपको मिर्ची की खेती कब और कैसे करे, मिर्ची की खेती कर के बंपर ऊपज कैसे करे, मिर्ची की खेती के लिए के सी जमीन पसंद करे।
हाइब्रिड मिर्च के बीज कौन कौन से है, मिर्ची के पोधे पे कौन कौन से रोग लगते है, मिर्ची के पौधे की देख भाल कैसे करे जलवायु,मिटटी, खेत की जुताई,मिर्च की किसमें, बुवाई, खाद,खरपतवार,सिंचाई ऐसी बहोत सारी जानकारी इस आर्टिकल के माध्यम से दी गई है
मिर्च की खेती 2023 | Mirch Ki Kheti In Hindi | Rajsthan me mirch ki Kheti | मिर्च में फल-फूल की दवा | सर्दी में मिर्च की खेती | हाइब्रिड मिर्च की खेती | हाइब्रिड मिर्च की किस्में | मिर्च की खेती में कौन सा खाद डालें | मिर्च की उन्नत किस्में | मिर्च की खेती 2023
मिर्च की खेती 2023 (Mirch Ki Unnat Kisme Ki Kheti In Hindi) Overview
पोस्ट नाम | मिर्च की खेती |
इस लेख का उदेश्य | किशान भाई ओ को मिर्च की खेती में मदद मिले |
मिर्च की कौन कौन सी वेराइटी | “US Sw407” / “US-702” / “Green Thunder(2006)” / “Swati Resam” / “US-730” |
मिर्च की बुवाई कब करे | जून से जुलाई में |
तापमान एवं वातावरण | 25°C से 30°C के बिच्च का होना चाहिए |
कौन कौन सा खाद डाले | देशी खाद में सड़ी हुई गोबर |
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मिर्च के लिए कौन सी जलवायु उपयुक्त है?
मिर्च की खेती 2023 मिर्च के पौधे को आरम्भ में अंकुरित होने के लिए सामान्य तापमान की जरुरत होती है सामान्य तापमान मिर्ची के पौधे बहुत अच्छे से वृद्धि करते है मिर्च का पौधा बहुत नाजुक पौधा है।
मिर्ची की खेती में असा उपज के लिए किशान को बहुत सावधानी से मिर्च के पौधे की देखभाल रखनी चाहिए मिर्चकी खेती के लिए 10डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 30डिग्री सेल्सियस तापमान उत्तम माना जाता है।
मिर्च की फसल को ज्यादा बारीस या ज्यादा गरमी ओर ज्यादा शर्दी के मौसम में मिर्च की खेती को हानिकारक है मिर्च की खेती के लिए आद्र शुष्क जलवायु को उत्तम माना जाता है और सर्दी के मौसम में ओस जब गिरता हे तब मिर्च के पौधे की पतियों पे कला धब्ब दिखता हेभारत का जलवायु मिर्च की खेती के लिए अच्छा है।
मिर्च को कौन सी मिट्टी पसंद है?
मिर्च की खेती में मिट्टी यानि के (भूमि) का बहुत महत्त्व हे इसकी खेती में भूमि का P.H. माप 5.5 से 7.5 के बिचका होना चाहिए मिर्च के खेती के लिए कार्बनिक पदार्थ वाली काली मिट्टी बहुत अच्छी मानी जाती है।
और उचित जल निकासी यानि की जलभराव जमीन नहीं होनी चाहिए। जब मिर्ची के पौधे की आस पास बहुत जल भरा रहता हे तब मिर्च के पौधे पर कई सारे रोग लगते हे और पौधा रोग ग्रस्त हो जाता है इस लिए मिर्च के खेत के लिए अच्छी मिट्टी की पसंदगी करे
मिर्च की खेत कैसे तैयार करे?
मिर्च की खेती 2023 मिर्च की अच्छी खेती या अच्छी पैदावार के लिए खेत की अच्छी तरह से जुताई कर नी चाहिए उचित मात्रा में उवर्रक देनी चाहिए।
मिर्च के खेत के लिए जमीन की तैयारी 4-5 गहरी जुताई करे क्योकि गहरी जुताई करने से जो पुराने अवशेष पूरी तरी के से नष्ट हो जाते है। गहरी जुताई कर के जमीं को समतल कर लेना चाहिए।
आखरी जुताई से पहेले 12 से 15 टन अच्छे से सड़ी गोबर की खाद डाल देनी चाहिए। और जो आपने खाद डाले वोह अच्छे से सड़ी होनी चाहिए वर्ना मिर्ची के पोधो पे दीमक लगने का खतरा रहता है।
मिर्च के पौधे को नाइट्रोजन की बहुत जरुरत होती हे नाइट्रोजन 130 से 160 किलोग्राम हेक्टर पर देनी चाहिए इसके अलावा फोरफर्स 50 से 60 किलोग्राम एवं पोटाष 70 से 80 किलोग्राम देनी चाहिए और सल्फर 65% डाले 25 किलोग्राम पर हेक्टर एवं मल्टी जिंक 25 किलोग्राम पर हेक्टर देनी चाहिए।
मिर्च की कितनी किस्में होती हैं?
मिर्चकी खेती के लिए उन्नत किसमें टोप पांच वेराईटी। मिर्च की कुछ प्रचलित उन्नत और संकर किस्मे इस प्रकार है निचे दिए गई मिर्च की हायब्रिड जातीय है वे सब मिर्च की खेती कर के किशान असी मात्रामा उपज एवं मुनाफा कर शकते है मिर्च की खेती 2023
- (1) US Sw407 यह वेराईटी तिखी ओर पतले किसम की है।ओर उत्पादन के मामले मे बम्पर उत्पादन देती है।
- यह वेराईटी हरी मिर्च बेचने ओर सूखी लाल मिर्च पाउडर करने में बहुत अच्छा मुनाफा देती है।
- यह वेराईटी वाइरस ओर कोकडवा रोग के सामने सहनशील है।
- यह वेराईटी एक हैक्टर मे हरी मिर्च एक तोडाई में 72 से 80क्विंटल उत्पादन देती है।ओर सूखी लाल मिर्च 36से40 क्विंटल उत्पादन देती है।
- (2) US-702 यह वेराईटी BASFकंपनी की आती है।यह वेराईटी भी पतली ओर उत्पादन देनेमे अच्छी है।वाइरस,फंगस,कोकडवा,सामने सहनशिल है।यह वेराईटी हरी मिर्च एक हैक्टर में 65से70क्विंटल ओर सूखी लाल मिर्च 30से 35 क्विंटल उत्पादन देती है।
- (3) Green Thunder(2006) यह वेराईटी शकाटा कंपनी की आती है।यह वेराईटी भी पतले ओर उत्पादन देनेमे अच्छी-खासी है।कोकडवा वाइरस के सामने सहनशिल है।यह वेराईटी हरी मिर्च बेचने पर ज्यादा मुनाफा देती है ओर इस वेराईटी के फल हल्के हरा होनेकी वजह से बाजार भाव अच्छा मिलता है।एक हैक्टर में 80से90 क्विंटल एक तोडाई से उत्पादन देती है।
- (4) Swati Resam यह वेराईटी हल्के हरे रंग की ओर बड़े यानी घोलर फल देती है।यह वेराईटी तापमान के मोसम में अच्छी ओर सहनशिल है कोकडवा, वाइरस के सामने सहनशिल है यह वेराईटी एक हैक्टर मेंसे 80से 100क्विंटल उत्पादन देती है
इसकी ज्यादा मांग मिर्च के पकोड़े बनाने में होती है उस वजह से बाजार भाव अच्छा मिलता है । - (5) US-730 यह वेराईटी BASFकंपनी की आती है
यह वेराईटी हल्के हरे रंग की ओर बड़े यानी घोलर फल देती है।यह वेराईटी तापमान के मोसम में अच्छी ओर सहनशिल है कोकडवा, वाइरस के सामने सहनशिल है यह वेराईटी एक हैक्टर मेंसे 80से 100क्विंटल उत्पादन देती है
इसकी ज्यादा मांग मिर्च के पकोड़े बनाने में होती है उस वजह से बाजार भाव अच्छा मिलता है ।
मिर्च का पौधा कब लगाया जाता है?
मिर्च के बीज की बुवाई के ठीक 30 से 35 दिन बाद मिर्च का पौधा एक जगह से दूसरी जगह बुवाई के लिए तैयार किया जाता है मिर्च की खेती आम तोर पर जून से जुलाई मास के बिच्छ की जाती है।
मिर्च का पौधा सितंबर से लेकर अक्तूबर तक मिर्च का पौधा मुख्य खेत में बुवाई करते है। इसी समय में पौधे की बुवाई करने से पौधे का विकास बहुत तेजी से होता है। क्योकि इसी समय तापमान मिर्च के पौधे को बहुत अनुकूल होता है।
हमने देखा है कही किशान भाई जुलाई से अगस्त महीने में पौधे की बुवाई कर देते है मिर्च की खेती 2023 में देखा जाये तो इस समय तापमान एवं बारिश बहुत पौधे को मिलता हे और पौधे में गुर्चा रोग वायरस जैसे रोग लग जाता हे।
इस लिए पौधे का विकाश भी रूक जाता है इस लिए मिर्च के पौधे की बुवाई अनुकूल वातावरण में ही करनी चाहिए। और मुख्य खेतमे मिर्च बुवाई के ठीक 60 से 65 दिन में मिर्च के पोधो पर मिर्च की तुड़ाई प्रारंभ हो जाती है।
उसी वक्त किशान की कमाई शुरू हो जाती हे मिर्च के पौधे की विविध वेराइटी की बुवाई भी विविध प्रकार की जाती हे इस लिए आपने कोनसी वेराइटी पसंद की हे कमेंट जरुर करे।
मिर्च के पौधे की बुवाई करने के लिए समतल जमीन की 10 फिट भूमि की क्यारी करे इन क्यारी में कम से कम ढाई से तीन फिट की दुरी रखे क्यों की पौधे जब बड़े हो जाये ताम पोधो को फैलने के लिए पर्यापत जगा भी होनी चाहिए
मिर्च के पौधे के लिए कौन सी खाद सबसे अच्छी होती है?
मिर्च के पौधों को स्वस्थ रखने एवं अधिक उपज लेने के लिए मिर्च की खेती में अच्छी या संतुलित मात्रा में समय सर खाद देना अति आवश्यक है मिर्च की खेत की तयारी से पहले गहरी जुताई करनी चाहिए।
गहरी जुताई के बाद देशी खाद में सड़ी हुई गोबर भरपूर मात्रा में जमीन में मिला देनी चाहिए और इसे जमीन भुरभुरी बन जाती है मिर्च की खेती 2023 और बाद में मिर्च के पौधे की बुवाई करे मुख्य खेत में बुवाई करने के बाद सिचाई भी करनी चाहिए।
मिर्च के पोषे की रोपाई के ठीक 20 दिन बाद प्रति पौधे 20 ग्राम DAP पौधे की चारे और डालनी चाहिए और खुरपी से हलकी मिट्टी भी सढ़ा देनी चाहिए क्यों इसका लाभ बहुत होताहै पौधे के जड़ो को मजबूत करने केलिए माइकोरिजा और ह्यूमिक एसिड का उपयोग किया जा शकता है
मिर्च की खेती में खरपतवार का प्रावधान
मिर्च की खेती में खरपतवार से 70% नुक्शानी आती है मिर्च की खेती में खरपतवार पहली निराई -गुड़ाई अपने हाथसे करे और 12 से 24 दिन के बाद फिरसे निराई -गुड़ाई हाथसे करे।
रासायनिक खरपतवार में ”पेंडीमिथइल 30%” पानीके साथ 70ml प्रति 20 लीटर पानीमें मिलकर छिड़काव जमीं पर करना चाहिए। मिर्च की खेती में सकड़ी पत्ती वाली खरपतवार केलिए ”targasupar ”का अच्छा रिजल्ट मिलता है।
वे भी इस त माल कर शकते है अगर हो शके तो मिर्च की फसल में खरपतवार का नियंत्रण हाथ से ही करना चाहिए और गहरी जोताई से भी खरपतवार कम किया जा शकता है।
मिर्च के पौधे को कितना पानी चाहिए?
मिर्च की खेती 2023 मिर्च के पौधे को सिंचाई की जरूरत बहुत है क्यों की मिर्च के पौधे का तंतु बहोत नाजुक होताहै मिर्च की बुवाई होजाने के बाद तुरंत सिंचाई करनी चाहिए।
मिर्च के पौधा अच्छे से ज़मीन के साथ जुड़ जाये और जब गर्मी के मौसम में मिर्च के पौधे को 1से 7 दिन के बाद सिंचाई करनी चाहिए और जब शर्दी के मौसम चल रहे हे तब 7 दिन से लेकर 14 दिन के बाद करनी चाहिए।
बात करे तो जब बारिश आती है तब जरुरत पड़ने के बाद ही करे वार्ना मिर्च के पौधे में गुर्चा रोग लगने की संभावना बढ़ जाती है जब मिर्च के पौधे पर फल फूल आने लगते हे तब जरूर सिंचाई करे ताकि फल कुल कच्छा जमींन पे न गिर जाये। और अच्छे से अंकुरित हो शके
मिर्च में देखभाल कैसे करें
मिर्च के पौधे की देखभाल बहुत अच्छे से करनी चाहिए वार्ना किशान की सारी फसल में भारी नुकसान भुगतना पड़ता है इसी लिए जो मिर्च की खेत करते हे उसे मिर्ची की अच्छे से निगरानी रखनी चाहिए।
मिर्च की देख भाल में जब पौधा जमीन के साथ अच्छे से जुड़ जाये तब जैसे पौधे पर कोई रोग या वाइरस का अटेक हो तब रोग या वाइरस की अच्छी दवाई या किट नाचक का छिटकाव करके पौधे को रोग या वाइरस मुक्त कीजिए।
ताकि उपज में भी किशान भाई ओ को बहुत लाभ मिले जब पौधे पर छोटी छोटी हरी मिर्च एते है तब 13.0.45 खाद सिंचाई के साथ मिलाके सिंचाई कीजिए ताकि मिर्च जल्द ही बड़ी और जमीन पर कच्चे गिर जाने की अवस्य्ता कम हो जाती है।
मिर्ची की फसल में प्रमुख रोग कौन से हैं उनके नियंत्रण के उपाय बताएं?
मिर्च की खेती में लगने वाले रोग : मिर्च की खेत में मुख्य तवे लगने वाले रोग “जड़ गलन “( से मूल का विकास रूक जाता है ) “पति गलन”( से मिर्च के पौधे की पटिया गिरने लगती है )
“निमोटेड “( से पौधे की जड़ो में छोटी छोटी गाठे देखनी मिलेगी और पौधा दिन प्रति दिन मुरझाने लगता है और उपज में भारी नुकसान आता है “बैक्ट्रियल विल्ट “( इस रोग से पौधा जमीन से खोराक नहीं ले पता बादमे पौधा सुख जाता हे )
“लिफ़ ब्लाइट”( से पौधे के पान बीचमे से सुख जाते है और वातावरण में से प्रकाश संस्लेषण रूक जाता है “ऐंथरैकनोज”( से रोग लगने से फल पर छोटे छोटे काले धब्बे दिख ने लगते है )
“छछिया रोगी “( से पौधे के पति पर सफेद रंग का तरल जमजाता है और पौधे की पति बरछट हो जाती है )
मिर्च की खेत में लगने वाले किट : मिर्च की खेती में पौधे पर लगाने वाले किट निचे लिस्ट में दिए गई है
- माहु किट जब पौधे पर दिखे तब पौधे का विकास रुक जाता है और पौधे पर महुके मलकी वजेसे पौधा चिकना हो जाता है
- हरी तेला इस किट की वजसे पौधे की पत्ती मुड़ने लगाती हे और धीरे धीरे पौधा वाइरस ग्रस्त हो जाता है
- थ्रिप्स इस किट की वजेसे पौधे की पत्ती जमीन की तरफ मुड़ने लगती है
- सफेद मक्खी इस किट की वजेसे पौधे में कोकडवा रोग अत है और ए रोग एक पौधे से दूसरे पौधे पर लगता है
- चिटको इस किट की वजसे पौधे पार सफ़ेद रंग का टपके दिखने मिलेंगे
- पान कथिरी इस किट की वजसे पौधे की पत्ती के निचले हीचे में पान कथीरी दिखती है और पौधे की पत्ती कोकड़वा ने लगते है
- हरी इली इस किट की वजसे बहुत नुकसान किसान भाई ओ को भुक्ताना पड़ता है क्यों की हरी इली पौधे पर लगाने से पौधे के फल और फूल दोनोको कहती है और बाद में उपज में भरी गिरावट हो जाती हे तो हरी इली आने से पहले किशान को बहुत सावधानी से पौधे की देख भाल करनी चाहिए
मिर्ची में वायरस के लिए कौन सी दवाई दी जाती है?
मिर्च के खेत में जब रोग या वाइरस दिखने लगे तब समय सर किटनाचक एवं फफूंद नाचक दवा का छिटकाव करना बेहद जरूरी है
- जड़ गलन इस रोग नियंतरण के लिए कॉपर ऑक्सी क्लोराइड 50% WP एक हेक्टर दीठ एक किलोग्राम 400 लीटर पानीके साथ घोल मिलके पर एक पौधे पीर 50मिली ग्राम पोधेकी जाड़मे सिंचाई कीजिए
- निमोटेड इस रोग नियंतरण के लिए बयार कंपनी नु वेलम प्राइम और फ़लुओपीरूम 34.48% SC पानीके साथ मिलाके एक हेक्टर में एक लीटर टपक सिचाई करे
- बैक्ट्रियल विल्ट इस रोग नियंतरण के लिए बायो स्टेट कंपनी का रोको फंगीसाइड थायोफिनैत मिथाइल 70% WP 400 लीटर पानीके साथ एक किलोग्राम मिलके पौधे की जड़ो में प्रति पौधे पे 50मिली ग्राम सिचाई कीजिए
- लिफ़ ब्लाइट इस रोग नियंतरण के लिए सिजेंटा कंपनी का ऐमिस्टर टॉप फंगीसाइड अजॉक्सी स्ट्रोबिन 18.2% + डाइफेनकोनाज़ोल 11.4% SC 16 लीटर पानी के साथ 20मिली ग्राम मिलके पौधे पे छिटकाव करे और 15 में दो बार छिटकाव करे
- छछिया रोगी और एन्थ्रक्नोज इस रोग नियंतरण के लिए सिजेंटा कंपनी का कवच फलो क्लोरोथालोनिल 40.0% W/W + डाइफेनकोनाज़ोल 4.0% W/WSC 16 लीटर पानीके साथ 25मिलीग्राम मिलाके अच्छे से 15 दिन के अंदर दो बार छिटकाव करे
- माहु इस रोग नियंतरण के लिए टाटा कंपनी का एपलोड बूप्रोफेज़िन 25% SC 16लीटर पानी में 35 मिलीग्राम मिलाके छिड़काव 15 दिन के अंतराल में दो बार छिड़काव कीजिए।
- हरा तेला इस रोग नियंतरण के लिए यूपीएल कम्पनीका उलाला फलेको मिड 50% SG 16 लीटर पानी के साथ 8 ग्राम कर के 15 दिन में दो छिटकाव करे
- थ्रिप्स इस रोग नियंतरण के लिए बयार कंपनी का रीजैंट थिप्रोनिल 5% और पीआई कम्पनी का कोलफोर्स और इथियोन 40% + साईपर मेथिरिन 4%EC 16 लीटर पानी के साथ 35 मिलीग्राम
- पान कथिरी इस रोग नियंतरण के जीवाग्रो मिटिगेट 5% EC और नागार्जुन का मेन्टल फिप्रोनील 7% + हेक्सीथाएजोक्स 2% SC 16 लीटर पानी के साथ 25 मिलीग्राम मिलके छिटकाव करे
- सफेद मक्खी इस रोग नियंतरण के लिए बीएसेफ कंपनी का सैफीना एफीडोपायरोपेन 50% L DC 16 लीटर पानीके साथ 40 मिलीग्राम मिलाके छिटकाव कीजिए
मिर्च की उपज कितनी होती है?
मिर्च की खेती 2023 मिर्च की तुड़ाई मिर्च की विविध वेराइटी पर मुख्य तवे आधार रखती है आप चाहे तो हरी मिर्च और सुखी लाल मिर्च दो तरीके से तुड़ाई कर शकते है मिर्च की कही वेराइटी ऐसी हे की वे 50 से 60 दिन के बाद पहेली तोड़ाई करनी चाहिए।
बाद में 8 से 10 दिन बाद बाकी की तोड़ाई करनी चाहिए अगर आप लाल मिर्च की तुड़ाई करना चाहते हे तो जब पौधे पर हरे से लाल रंग का मिर्च होने में कम से कम 100 से 120 दिन लगते है।
मिर्च के हाईब्रिड वेराइटी में उपज अच्छी किशान को मिलता है “Us Sw407” वेराइटी हेक्टर में 180 ग्राम बीज की बुवाई की जाती है और उपज हेक्टर में 72 से 80क्विंटल हरे मिर्च का उत्पादन मिलता हैं।
सूखे लाल मिर्च की उपज 36 से 40 क्विंटल उत्पादन हेक्टर में मिलता है। “Us730” वेराइटी हेक्टर में 230 ग्राम बीज की बुवाई कर शकते है और उपज इस वेराइटी की 80से 100क्विंटल हरी मिर्च का उत्पादन मिलता है ऐसे ही मिर्च की विविध वेराइटी में अलग अलग उपज मिलती है
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सारांश
नमस्ते मेरे प्यारे किशान भाई ओ इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको मिर्च की खेती के बारे में सम्पूर्ण च्छोट जानकारी दी गई हे | और हाईब्रीड वेराइटी से लेकर मिर्च की खेती में आने वाले रोग एवं किट नाचक दवाई की भी जानकारी मिल जाएगी।
मिर्च में रोग नियंत्रण, तोड़ाई एवं उपज की भी बाद की है हमारा ए आर्टिकल आपको पसंद आया होगा इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा अपने किशान भाई औ को शयेर करे धन्यवाद
FAQ’s
Q-1. मिर्च का पौधा कितने दिन में फल देने लगता है ?
Answer : मिर्च का पौधा बुवाई के ठीक 50 से 60 दिन में फल देने लगता है
Q-2. मिर्च की कौन कौन सी वेराइटी बहुत अच्छी है ?
Answer : मिर्च की “ग्रीन थंडर” “US Sw407” “US-702” “Swati Resam” “US-730” वेराइटी बहुत अच्छी है
Q-3. मिर्च की खेती कब करनी चाहिए ?
Answer : मिर्च की खेती जून मास से जुलाई मास में करनी चाहिए तबका वातावरण मिर्च के खेती के लिए बहुत अनुकूल है
Q-4. मिर्च के पौधे का फल फूल कब गिरने लगते है ?
Answer : मिर्च के पौधे का फल फूल गिरने का मुख्य कारण बोरोन उनप और ज्यादा तापमान एवं ज्यादा शर्दी के मौसम में गिरने लगते है
Q-5. मिर्च के पौधे में कौन कौन सा किट सब से ज्यादा लगते है ?
Answer : मिर्च के पौधे पे मुख्य त्वे सफ़ेद मक्खी, थ्रिप्स, और पान कथेरी ए से किट सब से ज्यादा लगते है
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