Agriculture Tips : मिट्टी को उपजाऊ कैसे बनाएं, इसके कुस आसान तरीके, होगा बंपर उत्पादन

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Mitti Ko Upjau Kaise Banaye

मिट्टी को उपजाऊ कैसे बनाएं (Mitti Ko Upjau Kaise Banaye) : किसान इस समय भारत देश के ज्यादा तर राज्यों में रबी की फसलो की कटाई की जा रही है। इस समय आप अपनी मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढ़ा सकते है। इसका फ़ायदा किसान को अगली फसल में मिलेगा। इससे न केवल फसल की बेहतर पैदावार होगी बल्कि खेत की उपजाऊ क्षमता भी बनी रहेगी, यानी इससे आपको एक साथ दो तरीके से लाभ होगा।

किसान भाई ज्यादा तर किसान अपनी मिट्टी में पिछली फसल की कटाई करके इसके अवशेषों को जला देते हैं। ताकि वे अगले सीजन की बुवाई समय पर कर पाएं। लेकिन फसल अवशेष जलाने से वायु प्रदूषण फैलता है। और मिट्टी की सेहत को भी नुकसान पहुंचता है। यानि इन फसल का अवशेषों का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए। ताकि इससे खेती के लिए बहुत अच्छी खाद तैयार की जा सकती है जो पैदावार बढ़ाने के साथ ही मिट्टी की उपजाऊ क्षमता भी बढ़ाने में सहायक होगी। तो चले किसान भाई जानते है की मिट्टी को उपजाऊ कैसे बनाएं (Mitti Ko Upjau Kaise Banaye) इसके बारे में बताने वाले है।

ऐसे बनाओ उपजाऊ मिट्टी (Make Fertile Soil Like This)

किसान भाई उपजाऊ मिट्टी बनाने के लिए भारत के कृषि विभाग द्वारा किसानो को सलाह दी जा रही है, की किसान रबी फसलों की कटाई के बाद शेष बची हुई फसल अवशेषों को मीट्टी में दबाकर उसकी खाद बना सकते है। इसके आलावा हरी खाद बनाने के लिए अपने खेत में ढैचा की खेती करे। जब ढैंचा अच्छी तरह से पाक जाये तब कल्टी वेटर से हरी खाद बना दे।

किसान गेहूं की पराली यानी फसल अवशेषों को रोटावेटर की सहायता से खेत कीमिट्टी में मिलाने से देसी खाद बना सकते हैं। इससे फसलों की पैदावार में बढ़ावा होने के साथ ही इसकी लागत भी आती है। कृषि विभाग की और से दी जा रही सलाह के मुताबिक किसान अपने खेत की नरवाई यानी पराली पर रोटावेटर चलाकर इसे खेत की मिट्टी में मिलाएं। फसल अवशेष यानी पराली को खेत की मिट्टी में मिला देने से ये अगली फसल के लिए खाद का काम करेगी।

खेत में ढैंचा की खाद कैसे तैयार करें (How to prepare compost in the field)

खेत में ढैंचा की खाद कैसे तैयार करें इसके लिए किसान खाली खेत में ढैंचा की बुवाई करके हरी खाद और बीज दोनों प्राप्त कर सकते हैं। ढैंचा के हरे पौधों का उपयोग हरी खाद के लिए किया जाता है। किसान भाई ढैंचा एक दलहनी फसल है और भूमि की सेहत के लिए यह काफी लाभकारी मानी जाती है। इससे भूमि की संरचना बहुत ज्यादा सुधरती है और मिट्टी उपजाऊ बनती है। किसान भाई अपने खेत की उर्वरक क्षमता बढ़ाने के लिए ढैंचा की बुवाई कर सकते हैं।

खास बात यह है कि ढैंचा की खेती के लिए कृषि विभाग की और से किसानों को 80% सब्सिडी भी दी जाती है। किसानों को इसके बीज की खरीद पर सब्सिडी दी जाती है। ढैंचा की बुवाई के लिए कई उन्नत किस्में है। जिन में से पंत ढैंचा-1, पंजाबी ढैंचा 1, सीएसडी 123, सीएसडी 137 आदि शामिल हैं। यह किस्में 130 से लेकर 150 दिन में तैयार हो जाती है।

मूंग की हरी खाद कैसे बनाएं (How to make mung bean fertilizer)

किसान भाई मूंग की हरी खाद बनना काफी आसान है। इसमें पौधे से मूंग की कटाई करने के बाद जो पत्ते और डंठल बचते हैं उन्हें खेत में दबा दिया जाता है। इसी से हरी खाद तैयार हो जाती है। मूंग की फसल 50 से 70 दिन के बहुत कम समय में तैयार हो जाती है। इसके बाद इसकी तुड़ाई करने के बाद इसके हरे पौधों कोमिट्टी पलटने वाले हल की सहायता से खेत में दबा दिया जाता है। किसान भाई मिट्टी में दबा देने के बाद ये जल्दी ही सड़ जाती हैं और अगली फसल के लिए खाद का काम करते हैं। इसी तरह मुंग की हरी खाद तैयार हो जाती है।

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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को मिट्टी को उपजाऊ कैसे बनाएं (Mitti Ko Upjau Kaise Banaye) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।

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