मूंग की फसल में सिंचाई और देखभाल (Moong Ki Fasal Me Sinchai Aur Dekhbhal) : मूंग एक दलहनी फसल है। और दलहनी फसल में मूंग का एक अलग ही स्थान है। मूंग की फसल बलुई दोमट और हल्की दोमट मिट्टी में सब से अच्छे से विकास करती है और अधिक उत्पादन देती है। इन की खेती में 25℃ से लेकर 30℃ तक का तापमान अच्छा माना जाता है।
किसान ग्रीष्मकालीन ऋतु में मूंग की खेती कर के अच्छी कमाई कर शकते है। पर मूंग की खेती से अधिक उत्पादन और अच्छी कमाई के लिए किसान को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे की इन की बुवाई का समय, फसल की देखभाल, सिंचाई आदि बातो पर ध्यान रखना चाहिए तब जाकर अच्छा उत्पादन मिलता है।
आज के इस ikhedutputra.Com के इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेगे की मूंग की फसल में सिंचाई और देखभाल (Moong Ki Fasal Me Sinchai Aur Dekhbhal) कैसे करे और अच्छा उत्पादन प्राप्त कर के अधिक कमाई करें। इन सब बाते पर विस्तार से जानेंगे इस लिए आप हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तक बने रहें।
मूंग की फसल में सिंचाई और देखभाल (Moong Ki Fasal Me Sinchai Aur Dekhbhal)
किसान मूंग की फसल साल में दो बार कर शकते है एक तो बारिश के दिनों में और एक ग्रीष्मकाली ऋतु में जब बारिश के दिनों में मूंग की खेती करें तो बहुत सिंचाई की जरूरत नहीं होती है पर ग्रीष्मकालीन ऋतु में मूंग की खेती करें तो आप को सिंचाई की अधिक जरूरत होती है और यह सिंचाई आप की मिट्टी पर ज्यादा निर्भर है।
मूंग की फसल में गर्मी के दिनों में सिंचाई 7 से 10 दिन के अंतर पर करें। इन में आप 5 से 6 सिंचाई करेंगे तो मूंग की फसल अच्छे से पक के तैयार हो जाएगी। पर जब मूंग की फसल पक के समय पर है तब सिंचाई ना करें। और मूंग की फसल बुवाई के बाद जब 55 से 60 दिन की हो जाए तब सिंचाई बंध कर देनी है। इन से फलियों में दाने अच्छे से भर जाते है और अधिक उत्पादन भी प्राप्त होता है।
मूंग की फसल में सिंचाई आप अपनी मिट्टी की नमी देख कर करें इन में कोई पका समय नहीं होता की बीज बुवाई के बाद 7 से 10 दिन के अंतर में एक सिंचाई कर देनी है। इस में आप को मिट्टी की नमी देख कर सिंचाई करनी है। मूंग की फसल में अधिक सिंचाई से भी जड़ गलन जैसे रोग लग जाते है और किसान का बहुत नुकशान हो जाता है। इस लिए आप मूंग की फसल में जब भी सिंचाई करें तब मिट्टी की नमी जरूर देख के करें।
मूंग की फसल में देखभाल कैसे करें?
मूंग की फसल में देखभाल आप अच्छे से करेंगे तो उत्पादन भी अधिक प्राप्त होगा। इन में आप को समय के साथ सिंचाई और खरपतवार करना चाहिए। मूंग की फसल में अधिक खरपतवार से भी उत्पादन बहुत कम प्राप्त होता है। इस लिए समय सर खरपतवार का नियंत्रण करें। और इस खरपतवार से मूंग की फसल में कई कीट और रोग भी अटैक करते है और फसल को बर्बाद करते है। इस लिए मूंग के पौधे पर जब कोई रोग या कीट दिखाई दे तब योग्य दवाई का छिड़काव कर के इन का नियंत्रण करें।
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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को मूंग की फसल में सिंचाई और देखभाल (Moong Ki Fasal Me Sinchai Aur Dekhbhal) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।
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