मूंग की खेती कब की जाती है? (मूंग की बुवाई से लेकर कटाई तक संपूर्ण जानकारी)

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आज के इस आर्टिकल में हम मूंग की खेती कब की जाती है (Moong Ki Kheti Kab Ki Jati Hai) इस खेती में लगत कम और मुनाफा अधिक है।

Moong Ki Kheti Kab Ki Jati Hai

मूंग की खेती एक दलहनी फसल है। इन्हे खरीफ मौसम के बाद मुख्य खेत में बोया जाता है। हमारे देश भारत के कई राज्य में मूंग की खेती किसान करते है और अधिक उपज भी प्राप्त करते है।

भारत के राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, आदि राज्य में मूंग की खेती किसान करते है और बंपर उत्पादन भी किसान करते है।

हमारे देश के राजस्थान राज्य में मूंग की फसल लगभग 13 लाख हैक्टर के विस्तार में किसान करते है। मूंग के दाने सब्जी, दाल, पापड़, बनाया जाता है।

मूंग के दाने में प्रोटीन, पोटैशियम, विटामिन, मैग्नेशियम, कार्बोहाइड्रेट आदि पोषक तत्व अच्छी मात्रा में मौजूद होता है। मूंग के दाने की मांग बाजार में साल भर रहती है ऐसे में मूंग की खेती कर के किसान काफी अच्छी कमाई कर शकते है।

मूंग की खेती में से अधिक उपज लेने से लिए इन बातो का ध्यान रखना चाहिए। जैसे की मिट्टी की पसंदगी, मूंग के पौधे को अनुरूप वातावरण और जलवायु कैसा होना चाहिए। मूंग के उत्तम प्रकार की किस्मे के दाने की बुवाई करनी चाहिए।

बात करे तो मूंग की खेती की सारि बाते इस आर्टिकल के अंत तक आप को समज में ए जाएंगी और इस प्रकार मूंग की खेती करने से किसान को अच्छी उपज के साथ साथ अच्छी कमाई भी होगी।

मूंग की खेती कब की जाती है

मूंग की खेती खरीफ मौसम में करनी है तो जून महीना में 20 दिन बाद करे और जुलाई महीने में प्रथम 10 दिन में कर देनी चाहिए। इन के अलावा ग्रीष्मकालीन फसल में मार्च महीने के 15 दिन तक मूंग की बुवाई कर शकते है।

मूंग की फसल की बुवाई पंक्ति में या कतार में की जाती है और हर पंक्ति से पंक्ति की दुरी 35 से 45 सैमी की दुरी रखनी चाहिए। और बीज को जमीन में 3 से 4 सैमी की गहराई रखनी चाहिए।

मूंग की खेती में मिट्टी की पसंदगी

मूंग की खेती आम तो सभी प्रकार की मिट्टी में कर शक्ति है पर मूंग के पौधे की अच्छी विकास और पौधे में लगे फलियों की अच्छी वृद्धि के लिए मूंग की खेती बलुई दोमट मिट्टी में अच्छे से होती है।

मूंग की खेती जीस मिट्टी में करे उस मिट्टी का पी एच मान 6.5 से 7.5 के बिच का होता बेहद जरूरी है। इस मूंग की फसल दो मौसम में कर शकते है खरीफ और रबी मौसम में भी कर शकते है।

मूंग की खेत तैयारी में दो से तीन बार गहरी जुताई कर के पाटा चलाके जमीन को समतल कर लेना चाहिए। ताकि जल भराव की समशीय टल जाए।

मूंग की खेती में जल भराव से जड़ो सड़ जाती है और मूंग का पौधा जमीन में से जरूरी पोषक तत्व नहीं ले पाते और आखिर में पौधा नष्ट हो जाता है।

मूंग की फसल को कोई खास जलवायु की जरूरत नहीं होती वे तो सामान्य तापमान में अच्छे से वृद्धि करता है और तापमान 10°C से लेकर 35°C तक का सहन कर शकता है

मूंग की प्रसिद्ध किस्मे

मूंग की प्रमुख किस्मे कई साडी है पर इन में हम उत्तम प्रकार के मूंग की वैराइटी के नाम जानेगे और इन किस्मे के मूंग के दाने की बुवाई कर के किसान अधिकतम उपज प्राप्त कर शकते है।

हमारे देश में मूंग के उत्तम किस्मे के नाम कुछ इस प्रकार के है जो बंपर पैदावार देते है जैसे की एचएमयू 16, आर. एम. जी. – 62, पंत मूंग-1, पूजा वैशाखी, आर. एम. जी. – 344, टाइप-44, पी.डी.एम.-11, पूसा विशाल किस्म, पी.डी.एम.-5, पी.डी.एम.-8, मेहा, के. 851 आदि मूंग की उन्नत किस्मे है।

मूंग की इन में से कोई भी किस्मे की बुवाई किसान अपनी जमीन के हिसाब से कर शकता है और ज्यादा उपज भी प्राप्त कर शकता है।

मूंग के बीज की बुवाई

मूंग के बीज की बुवाई से पहेले इन बीजो को थायरम और कार्बेन्डाजिम से 2 ग्राम एक किलोग्राम बीज में उपचारित जरूर करना चाहिए। ताकि अंकुरित होने में काफी सरलता रहे और बुवाई के बाद इन्हे छोटे छोटे किट नुकसान नहीं करशकते।

मूंग के बीज की बुवाई एक हैक्टर में करनी है तो बीज की मात्रा 10 से लेकर 13 किलोग्राम पर्याप्त होती है क्यों की मूंग के बीज की बुवाई के बाद कई मूंग के पौधे नष्ट भी हो जाते है।

मूंग के बीज की बुवाई खरीफ मौसम में जून महीने से जुलाई महीने के बिच और जायद मौसम में मार्च महीने से लेकर अप्रैल महीने तक की जाती है।

मूंग की फसल में खाद कितना और कब डालना चाहिए।

मूंग की फसल में अच्छी उपज के लिए खाद योग्य समय पर अच्छी मात्रा में डालना चाहिए तब जाके बंपर पैदावार किसान प्राप्त कर शकते है।

मूंग के पौधे की जड़ो की अच्छी विकास के लिए सड़ी गोबर की खाद एक हेक्टर के हिसाब से 10 से 13 टन गोबर की खाद और नाइट्रोजन 20 से 25 किलोग्राम, फॉस्फोरस 40 से 50 किलोग्राम, 15 से 20 किलोग्राम तक डाल शकते है।

मूंग की फसल में इन के अलावा डीएपी और एसएसपी और यूरिया इस प्रकार के खाद योग्य मात्रा में डाल के मूंग की फसल में से अच्छी उपज किसान प्राप्त करते है।

मूंग की खेती में सिंचाई कब करे?

मूंग की खेती में ज्यादा सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती इन के पौधे को 10 से 15 दिन बाद एक सिंचाई जरूर करे और बाद में 10 से 13 दिन के अंतर में 3 से 6 सिंचाई करे।

मूंग के पौधे पर जब फूल दिखने लगे तब सिंचाई अवश्य करे ताकि जो फूल दिखाई देते है वे सभी फूल में से फलिया बन जाए और कम से कम फूल जमीन पर गिरे।

मूंग की खेती में सिंचाई जरुरत मुजब करे ताकि जल भराव की समशीय ना हो जब जल भराव हो जाता है तब कई रोग एवं कीट भी मूंग के पौधे पर अटैक करते है।

मूंग के फसल में लगने वाले रोग एवं कीट

मूंग की फसल में जब पौधा अंकुर होता है तब से लेकर फलियों की तुड़ाई हो जाए तब तक अच्छे से पौधे की देखभाल रखनी चाहिए। जैसे की कोई रोग या कीट अटैक करे तब योग्य दवाई का सडकाव करना चाहिए।

मूंग के पौधे में कोई रोग या कीट दिखाई दे तब दवाई का उपोग सही से कर के इन पौधे को इन रोग या कीट से मुक्त करना चाहिए नहीं तो मूंग की सारी फसल बिगड़ जाती है।

मूंग की फसल में इस प्रकार के कीट और रोग ज्यादा तर दिखाई देते है जैसे की ब्लिस्टर बीट, बालों वाली सुंडी, पीला चितकबरा रोग, पत्तों के धब्बों का रोग, इन रोग और कीट का नियंत्रण अच्छे से करे।

मूंग के फलियों की तुड़ाई और उपज

मूंग की फसल में फलियों की तुड़ाई मूंग के बीज की बुवाई के बाद 65 से 75 दिन बाद हरे रंग की फलिया सुख के हल्के काले रंग में बदल जाती है तब इन की फलियों की तुड़ाई कर लेनी चाहिए।

मूंग के फलियों की तुड़ाई के बाद इन फलियों को धुप में कुछ दिन तक रखनी चाहिए। इन के बाद जो बची हे फलिया पौधे पर इन फलियों को भी तुड़ाई कर के धुप में सूखने के लिए रख देना चाहिए।

मूंग की फलिया धुप में अच्छे से सुख जाने के बाद थ्रेशर मशीन की मदद से इन के दाने फलिया में से अलग कर लिया जाता है। और जो मूंग का पौधा है इनको चारे में उपयोग में लिया जाता है

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FAQ’s

मूंग की बुवाई का सही समय क्या है?

मूंग की बुवाई खरीफ और जायद दोनों मौसम में कर शकते है खरीफ में जून से जुलाई महीने के बिच में और जायद में मार्च से अप्रैल महीने को सही समय माना जाता है।

मूंग की खेती कितने दिन में तैयार होती है?

मूंग की खेती बुवाई के बाद 65 से 75 दिन में फलिया सूखने लगती है और 90 दिन में सभी फलिया सुख के तैयार हो जाती है

मूंग में कितने दिन में पानी देना चाहिए?

मूंग की फसल में ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती पर 10 से 13 दिन के अंतर में सिंचाई करनी चाहिए।

सारांश

नमस्ते किशान भाईयो इस आर्टिकल के माध्यम से आपको मूंग की खेती कब की जाती है (Moong Ki Kheti Kab Ki Jati Hai) इन के बारे में बारीक़ से जानकारीमिली होगी।

मूंग की उन्नत किस्मे कौन कौन सी है। इन के बारेमे भी बहुत कुछ जानने को मिला होगा। मूंग की खेती कब और कैसे की जाती है इन के बारे में भी बहुत कुछ बताया है। मूंग की खेती एक हेक्टर में करे तो उपज कितनी प्राप्त कर शकते है।

मूंग की खेती में ए आर्टिकल आप को बहुत हेल्पफुल होगा। उम्मीद रखते है की ए आर्टिकल आप को बहुत पसंद भी आया होगा। इस लिए ए आर्टिकल को अपने सबंधी एवं मित्रो और किशान भाई को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे।

मूंग की खेती कब की जाती है (Moong Ki Kheti Kab Ki Jati Hai) इन आर्टिकल के अंत तक बने रहने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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