सौंफ की खेती करने का सही तरीका और इन से होने वाली कमाई और मुनाफा

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सौंफ एक मसाला फसल है जो हमारे देश भारत के कई राज्य में किसान बड़े पैमाने में करते है। पर सौंफ की खेती इस तरीके से करे तो उत्पादन अधिक मिलता है और मुनाफा भी अच्छा मिल शकता है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेगे की सौंफ कौन से महीने में बोई जाती है (Sounf Konse Mahine me boi jati hei) और इन की खेती करने का सही तरीका क्या है बात करे तो सौंफ कौन से महीने में बोई जाती है (Saunf Konse Mahine me boi jati hei) इन के बारे में बहुत कुछ जानेगे।

सौंफ की खेती करने का सही तरीका और इन से होनेवाला उत्पादन एवं कमाई कमाई एवं मुनाफा

Sounf Konse Mahine me boi jati hei

हमारे देश भारत में किसान सौंफ की खेती कई सारे राज्य में किसान बड़े पैमाने में करते है और सौंफ के स्वाद और खुश्बू के कारन इन का इस्तेमाल भी बहुत किया जाता है। जैसे की रसोई, अचार, मुरब्बों, शरबत, एवं सौंफ में औषोधिक गुण भी पाए जाते है। इस लिए साल भर बाजार में सौंफ की मांग बानी रहती है इस लिए इन के बाजारी दाम भी अच्छा मिलता है।

सौंफ कौन से महीने में बोई जाती है (Sounf Konse Mahine me boi jati hei)

सौंफ की की फसल आप दो मौसम में कर शकते है एक खरीफ मौसम में और रबी मौसम में पर रबी मौसम में सौंफ की उन्नत किस्में के बीज की बुवाई करने से उत्पादन अधिक मिलता है। अगर किसान खरीफ मौसम में इन की खेती करना चाहे तो जुलाई महीने में कर शकता है और रबी मौसम में थोड़ी ठंड पड़नी शुरू हो जाती है। रबी मौसम में अक्टूबर से लेकर नवंबर महीने के 7 दिन तक सौंफ की खेती कर शकते है और यही समय सौंफ की खेती के लिए उत्तम माना जाता है। शर्दी के मौसम में सौंफ की फसल अच्छी विकास करती है और उत्पादन भी अधिक प्राप्त होता है। हमारे देश के इन राज्य में सौंफ की खेती अधिक किसान भाई करते है। जैसे की गुजरात, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उतर प्रदेश, आदि राज्य में किसान सौंफ की फसल उगते है।

सौंफ की फसल से अधिक उत्पादन के लिए किसान रखे इन बातो का ध्यान

सौंफ की खेती आम तो सभी प्रकार की मिट्टी में कर शकते है पर सौंफ के पौधे की अच्छी वृद्धि और अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए आप इन की खेती इस जमीन में करे जिस जमीन में कार्बनिक पदार्थ अधिक हो और बलुई दोमट मिट्टी इन के लिए सब से अच्छी मानी जाती है। और जमीन के पी.एच की बात करे तो 6.5 से लेकर 8 तक का अच्छा माना जाता है।

सौंफ की खेती के लिए ज़मीन की तैयारी की बात करे तो दो से तीन बार गहरी जुताई कर के आखरी जुताई से पहले एक हैक्टर के हिसाब से 15 टन या इन से अधिक अच्छे से सड़ी गोबर की खाद डाले और अच्छे से मिट्टी में मिला के पाटा चला के जमीन को समतल करे इन से खाद अच्छे से मिट्टी में मिल जाता है और जब सिंचाई करे तब कोई दिखत का सामना नहीं करना पड़ता है।

सौंफ की फसल में शुष्क और ठंडे जलवायु सब से सही रहता है और न्यूतम तापमान 15℃ से लेकर 30℃ तक का अच्छा माना जाता है पर सौंफ के पौधे की अच्छी विकास के लिए 20℃ से 25℃ तक का तापमान अच्छा माना जाता है।

सौंफ की उन्नत किस्में कई सारी है जैसे की मंगलम वोलिना, गुजरात सौंफ 11, गुजरात सौंफ-2, हिसार स्वरूप, आर एफ 125, पी एफ 35, आर एफ 105, एन आर सी एस एस ए एफ 1, आर एफ 101, आर एफ 143, मेलड़ाई मीरा, कल्याणी इन से भी अधिक सौंफ की उन्नत किस्में बाजार में मौजूद है।

किसान इन उन्नत किस्में के बीज की बुवाई एक हैक्टर जमीन में करे तो 4 से 5 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है और इन बीज की बुवाई करने से पहले बीज का उपचार जरूर करे। एक कीलॉगरम सौंफ के बीज लेकर 2.5 से लेकर 3 ग्राम कार्बेन्डाजिम या केप्टान से उपचारित करे। इन के अलावा 8 से 10 ग्राम ट्राइकोडर्मा से भी बीज उपचारित कर शकते है इन के बाद 7 से 8 घंटे तक बीज को छाव में सूखा कर बुवाई कर शकते है।

सौंफ के उन्नत किस्में के बीज की बुवाई लाईन में करनी चाहिए ताकि सिंचाई और दवाई छिड़काव पर कोई दिकत ना हो। और कई किसान सौंफ की खेती छिड़काव विधि से भी करते है। और लाइन में रोपाई करने के लिए आप 60 सेंटीमीटर की दुरी रखे और पौधे से पौधे की दुरी 40 से 45 सैमी की रखनी चाहिए।

सौंफ की फसल में अधिक उत्पादन और पौधे की अच्छी विकास के लिए खाद देना बेहद जरुरी है। एक हैक्टर के हिसाब से नाइट्रोजन 80 से 85 किलोग्राम, फास्फोरस 40 से 45 किलोग्राम और पोटाश 30 से 35 किलोग्राम की मात्रा से देना चाहिए।

सौंफ की फसल में अधिक सिंचाई की जरुरत नहीं होती पर जमीन की नमी बनी रहे इस लिए योग्य समय पर सिंचाई करते रहे। इन की फसल में आप ड्रिप इरिगेशन (टपक विधि) से सिंचाई करे तो सब से अच्छा रहता है।

सौंफ की कटाई तब करे जब पौधे पर गुच्छे में बीज पूरी तरह पक जाते है तब इन के गुच्छो को काट के दो से तीन दिन तक हलकी धुप में सूखा कर यंत की मदद से इन के बीज को गुच्छे से अलग कर के साफ कर के बोरियो में भर के मार्किट में बिकने के लिए भेज शकते है।

उत्पादन और लाभ

सौंफ के अन्वेल अच्छे से विकसित हो जाने पर ही इन की कटाई की जानी चाहिए। और कटाई करने से पहले सौंफ के गुच्छे में बीज अच्छे से पक जाने के बाद ही कटाई करे। किसान ने सौंफ की खेती 10 एकड़ जमीन में की है तो आसानी से किसान को 18 से 20 लाख रुपए की कमाई कर शकता है।

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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को सौंफ कौन से महीने में बोई जाती है (Sounf Konse Mahine me boi jati hei) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सौंफ की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।

हमारे इस ब्लॉग ikhedutputra.com पर हर हमेेश किसान को खेती की विविध फसल के उन्नत बीज से लेकर उत्पादन और इन से होने वाली कमाई और मुनाफा तक की सारी बात बताई जाती है। इन के अलावा जो किसान के हित में सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली विविध योजना और खेती के नई तौर तरीके के बारे में भी बहुत कुछ जानने को मिलेगा।

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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