सोयाबीन की नई वैरायटी (Soyabean Ki New Variety) : हमारे देश के कई राज्य में किसान सोयबीन की खेती करते है और अब कुछ की दिनों में मानसून की सीजन शुरू हो जाएगी इस लिए किसान खेती की तैयारी करने में लग गई है। और कई किसान खेत तैयार कर के उन्नत किस्म के बीज की खरीफ़ी और कई किसान उन्नत किस्म के बारे में जानकारी भी प्राप्त करने लगे है।
इन सभी किसान की मदद करने के लिए हमारे कृषि संस्थान के कृषि वैज्ञानिकों ने हर साल नई किस्म को तैयार करते है और समय समय पर किसान को उपलब्ध करते है। और सोयाबीन की उन्नत और नई किस्म से किसान को भी अच्छा उत्पादन और अच्छी कमाई होती है। यह सोयाबीन की नई किस्म कम समय में अच्छे से पक जाती है और किसान को पैदावार भी अधिक मिलती है इन से किसान को अच्छी कमाई होती है।
आज के इस ikhedutputra.Com के इस आर्टिकल के माध्यम से हम सोयाबीन की नई उन्नत किस्म (Soyabean Ki New Unnat Kism) के बारे में जानेगे और इन की खासियत क्या है इन सभी बाते पर विस्तार से जानेंगे। इस लिए आप हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तक जरूर बने रहे।
सोयाबीन की नई वैरायटी (Soyabean Ki New Variety)
सोयाबीन की यह नई उन्नत किस्म के बीज की बुवाई कर के किसान अधिक उत्पादन के साथ अच्छी कमाई कर शकते है। सोयाबीन की यह उन्नत किस्म के बीज किसान एक बीघे जमीन में से 10 से 12 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त कर शकते है। सोयाबीन की यह उन्नत किस्म का नाम है अंकुर अग्रसर सोयाबीन वैरायटी (Ankur Agresar Soybean variety) जो कम समय में अच्छे से पक के कटाई के लिए तैयार हो जाती है फिर भी पैदावार बंपर देती है।
सोयाबीन की उन्नत किस्म कई सारि है और यह सभी सोयाबीन उन्नत किस्म अलग अलग मिट्टी और जलवायु के हिसाब से अनुसंशित की जाती है। और सोयाबीन की यह उन्नत नई किस्म को मध्यप्रदेश के निमाड़ विस्तार के लिए अनुसंशित की गई है। पर आप किसी अलग राज्य या अलग विस्तार के लिए सोयाबीन की यह नई किस्म के बीज की बुवाई करते है तो आप को उत्पादन थोड़ा कम प्रपात हो शकता है।
सोयाबीन की अंकुर अग्रसर वैरायटी की खासियत
सोयाबीन की यह नई किस्म अंकुर अग्रसर रोगप्रतिरोधक किस्म है। इन के पौधे अर्ध फैलाने वाले और जड़ मजबूत है इस लिए गिरने की संभावना बहुत कम है। बीज बुवाई के बाद 85 से 90 दिन में अच्छे से पल के तैयार हो जाते है। इन के डेन माध्यम आकर के और सफ़ेद और पीले रंग के होते है। इन की सब से बड़ी खासियत यह है की इस की फसल में पीला मोजेक वायरस और अर्ध सहिष्णु लूपर संक्रमण के सामने भी प्रतिरोधक है। वर्तमान समय में सोयाबीन की कई सारी किस्म में पीला मोजेक तेजी से फैलता है और सारि फसल बर्बाद कर देता है और किसान को बहुत नुकशान होता है।
सोयाबीन वैरायटी अंकुर अग्रसर (Soybean variety Ankur Agresar) एक बीघे में बीज दर?
किसान को सोयाबीन की यह नई किस्म के बीज की बुवाई एक बीघा जमीन में करनी है तो 14 से 15 किलोग्राम बीज की जरूरत होगी। और सोयाबीन की यह उन्नत किस्म की उत्पादन की बात करें तो एक बीघे जमीन में से कम से कम 10 क्विंटल और अधिकतम 12 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त हो शकता है। इन के मार्किट भाव अच्छा मलने पर किसान को अच्छी कमाई के साथ अधिक मुनाफ होता है।
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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को सोयाबीन की नई उन्नत किस्म (Soyabean Ki New Unnat Kism) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।
हमारे इस ब्लॉग ikhedutputra.com पर हर हमेेश किसान को खेती की विविध फसल के उन्नत बीज से लेकर उत्पादन और इन से होने वाली कमाई और मुनाफा तक की सारी बात बताई जाती है। इन के अलावा जो किसान के हित में सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली विविध योजना और खेती के नई तौर तरीके के बारे में भी बहुत कुछ जानने को मिलेगा।
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