सोयाबीन की नई किस्म 90 दिन में तैयार और एक हेक्टर से 38 क्विंटल तक पैदावार

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Soybean Ki New Kism

सोयाबीन की नई किस्म (Soybean Ki New Kism) : सोयाबीन की खेती हमारे देश में विविध राज्य में किसान जलवायु और तापमान के अनुसार अलग अलग किस्म के बीज की बुवाई करते है। और अच्छा उत्पादन प्राप्त कर के अपनी आय बढ़ाते है। पर कुछ साल से किसान को सोयाबीन की खेती में बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। जैसे की कम वर्षा और सोयाबीन की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग जो फसल के उत्पादन को प्रभावित करता है। और इन के कारण किसान को सोयाबीन की फसल से कमाई कम और नुकसान अधिक होता है।

किसान बंधु की इस समस्याओं को ध्यान में रख के इंदौर कृषि विकास केंद्र के वैज्ञानिकों ने सोयाबीन की नई किस्म विकसित की है। जिन का नाम है Soybean variety NRC 152 | प्रतिकूल मौसम की वजह से उत्पन्न होने वाली परिस्थिति के कारण सोयाबीन की खेती में करने में कठिनाई आती जा रही है। सोयाबीन की फसल में फैलने वाले रोग एवं कम वर्षा के कारण सोयाबीन की पैदावार प्रभावित होती है।

जिसके चलते किसानों की आय प्रभावित हो रही है। Soybean variety NRC 152 जारी कर दी है। इस सोयाबीन की उन्नत किस्म की खासियत यह है के वे बीज बुवाई के बाद मात्र 90 दिन में अच्छे से पक के तैयार हो जाती है और इस सोयाबीन किस्म को अधिक बारिश की भी जरूरत नहीं है। आज के इस ikhedutputra.com के इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेंगे की सोयाबीन की यह उन्नत किस्म एनआरसी 152 की और क्या क्या विशेषता है। इस लिए आप हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तक बने रहें।

सोयाबीन की उन्नत किस्म एनआरसी 152 की खासियत क्या है? (Soybean variety NRC 152)

सोयाबीन की यह उन्नत किस्म को हमारे देश भारत के मध्य प्रदेश राज्य के इंदौर में भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने विकसित की है। सोयाबीन की यह उन्नत किस्म NRC 152 हमारे देश के गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उतार प्रदेश, महाराष्ट्र इन राज्य के लिए उपयुक्त है। सोयाबीन की यह उन्नत किस्म जल्द पक के तैयार हो जाती है।

सोयाबीन की यह एनआरसी 152 किस्म (Soybean variety NRC 152) कृषि वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत के बाद तैयार की गई है। और इस सोयाबीन की प्राकृतिक गंध के लिए जिम्मेदार लाइपोक्सीजिनेज एसिड 2 से मुक्त है। और इस किस्म के बीज बुवाई के बाद मात्र 90 दिन में अच्छे से पक के तैयार हो जाती है। फिर भी एक हैक्टर के हिसाब से 38 क्विंटल तक का उत्पादन देती है।

सोयाबीन की यह NRC 152 के बीज आप अपने नजदीकी सिड्स कंपनी से खरीद सकते है या तो किसी एग्रो के पास भी सोयाबीन की यह उन्नत किस्म उपलब्ध होगी। इन के अलावा आप अपने पास के सोयाबीन अनुसंधान संस्थान की भी मुलाकात कर सकते है।

हमारे देश भारत में सोयाबीन का कितना उत्पादन होता है?

हमारे देश भारत में सोयाबीन का 120 लाख टन तक का उत्पादन होता है। इन में सब से ज्यादा सोयाबीन का उत्पादन मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में होता है क्यों की इस राज्य के किसान बड़े पैमाने पर सोयाबीन की खेती करते है। और विश्व के देश की बात करें तो अमरीका, ब्राजील भी सोयाबीन की खेती करने में सब से आगे है और पूरे विश्व का 80 प्रतिशत सोयाबीन उत्पादन करता है। और हमारे देश में मध्य प्रदेश सोयाबीन उत्पादन में सब से प्रथम स्थान पर है।

हमारे देश के मध्य प्रदेश में साल 2023 में सोयाबीन की फसल से किसान को बहुत नुकसान हुआ था। क्यों की सोयाबीन की फसल कीट से प्रभावित हो गई थी। इसी लिए महाराष्ट्र राज्य सोयाबीन उत्पादन में मध्य प्रदेश से भी आगे निकल गया था। पिछले साल महाराष्ट्र में सोयाबीन का उत्पादन 45.43 लाख टन हुआ था और मध्य प्रदेश में 41.7 लाख टन तक का उत्पादन प्राप्त हुआ था। पर इस साल मध्य प्रदेश में 52 लाख टन और महाराष्ट्र में 48 लाख टन तक का उत्पादन प्राप्त हुआ है।

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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को सोयाबीन की नई किस्म (Soybean Ki New Kism) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।

हमारे इस ब्लॉग ikhedutputra.com पर हर हमेेश किसान को खेती की विविध फसल के उन्नत बीज से लेकर उत्पादन और इन से होने वाली कमाई और मुनाफा तक की सारी बात बताई जाती है। इन के अलावा जो किसान के हित में सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली विविध योजना और खेती के नई तौर तरीके के बारे में भी बहुत कुछ जानने को मिलेगा।

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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