सोयाबीन की टॉप 3 आरवीएस किस्में जाने इन की खासियत और उत्पादन

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Soybean Ki Rvs Variety

सोयाबीन की टॉप 3 आरवीएस किस्में (Soybean Ki Rvs Variety) : किसान खरीफ सीजन में धान के अलावा सोयाबीन की खेती अधिक करते है इन में से मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, उतर प्रदेश आदि राज्य में किसान सोयाबीन की बड़े स्तर पर खेती करते है और बंपर उत्पादन प्राप्त करते है।

किसान इस समय सोयाबीन की उन्नत किस्म की खरीदी करने में जुड़े है और सोयाबीन की खेती से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए बीज भी उन्नत किस्म के खरीदने पड़ते है तब जाकर अधिक उत्पादन और अच्छी कमाई होती है। इस साल मानसून भी हमारे देश में अच्छा रहेगा ऐसा कुछ महानुभवो का कहना है इस लिए किसान को इस सोयाबीन की आरवीएस किस्में (Rvs Soybean Variety) के बीज की खरीदी करनी चाहिए।

आज के इस ikhedutputra.Com के इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेंगे की इन सोयाबीन की टॉप 3 आरवीएस किस्में (Soybean Ki Rvs Variety) की खासियत क्या है और इन का उत्पादन किसान को कितना प्राप्त होगा इन सभी बाते को जानने के लिए आप हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तक बने रहे।

सोयाबीन की टॉप 3 आरवीएस किस्में (Soybean Ki Rvs Variety)

सोयाबीन की आरवीएस किस्में आमतौर पर कई सारी है पर इन में से हम सिर्फ तीन किस्में के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे जो अधिक उत्पादन के लिए जानी जाती है। और किसान को अच्छा उत्पादन के साथ अधिक कमाई भी होगी। सोयाबीन आरवीएसएम 2011-10 किस्म, सोयाबीन आर.वी.एस. 2001-4 किस्म, सोयाबीन आर.वी.एस.एम. 11 – 35 किस्म इन तीनो किस्म के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे

सोयाबीन आरवीएसएम 2011-10 किस्म

सोयाबीन की यह उन्नत वैरायटी ने पिछले साल अच्छा उत्पादन दिया है। सोयाबीन की यह उन्नत किस्म के बीज अधिक बुवाई करने पर भी आडा गिरने की संभावना नहीं रहती है। इन किस्म के बीज का जर्मिनेशन भी 90 से 95 प्रतिशत है। यह वैरायटी अधिक नमी वाली मिट्टी में भी अधिक उत्पादन देती है। इन के दाने माध्यम आकर के और आकर्षित दिखाई देता है।

सोयाबीन की यह वैरायटी की खासियत यह है की इस में कई बीमारी नहीं लगती है जैसे की येलो मोजेक वायरस, एरियल ब्लाइट, माईरोथिसियम पत्ती धब्बा, चारकोल रोट, फ्रॉग ऑय लीफ स्पोट आदि बीमारी के सामने अधिक सहनशील है। इन के बीज बुवाई के बाद 90 से 100 दिन में अच्छे से पक के तैयार हो जाती है। और इन की फलिया चटकनी की भी कोई संभावना नहीं रहती है। और एक एकड़ में से 10 से 12 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है।

सोयाबीन आर.वी.एस. 2001-4 किस्म

सोयाबीन की यह उन्नत किस्म हाल ही में राजमाता सिंधिया कृषि विश्व विद्यालय ने तैयार की है। और यह नवीनतम किस्म है। और सोयाबीन की यह उन्नत किस्म को मध्य भारत के विस्तार के लिए अनुसंशित की गई है। इन की खासियत यह है की इस ने दाने में 21 प्रतिशत तेल की मात्रा होती है और 42 प्रतिशत तक प्रोटीन की मात्रा पाए जाती है। इस लिए इन की कीमत भी बाजार में अधिक मिलती है।

सोयाबीन की यह उन्नत किस्में के बीज बुवाई के बाद 90 से 95 दिन में अच्छे से पक के कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इन के बाद किसान प्याज, लहसुन की आलू आदि फसल की खेती कर के अच्छी कमाई कर शकते है। इन के पौधे की जड़ मजबूत होती है इस लिए जड़ सड़न, पीला मोजेक, सेमीलूपर आदि रोग बीमारी के सामने अति सहनशील है।

सोयाबीन की इस वैरायटी के बीज की बुवाई एक हैक्टर जमीन में की है तो 26 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त होता है। पर किसान अच्छे से इन की देखभाल करते है तो अधिकतम 30 क्विंटल तक का भी उत्पादन प्राप्त होता है। इन के पौधे अधिक फैलाव होता है। इन की फसल में जब पौधा सूखा पड़ने लगे तब भी आप को सिंचाई कर के नमी बनाई रखनी है। और जर्मिनेशन की बात करेंगे तो 90 से 95 प्रतिशत है।

सोयाबीन आर.वी.एस.एम. 11 – 35 किस्म

सोयाबीन की यह उन्नत वैरायटी भी राजमाता सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय (RVSKVV) के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किया गया है। और वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है इन इस किस्म की खेती मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान इन राज्य के लिए अधिक उपयुक्त है।

सोयाबीन की यह उन्नत किस्म की खासियत यह है की इस में जड़ सड़न, पीला मोजेक वायरस, चारकोल रॉट आदि रोग बीमारी के सामने भी बहुत सहनशील है। इन के बीज की बुवाई करने के बाद 90 से 95 दिन में अच्छे से पक के कटाई के लिए तैयार हो जाती है। और इन के बीज की बुवाई एक हैक्टर जमीन में की है तो 25 से 30 क्विंटल तक की है पर अच्छे से देखभाल करने पर 35 क्विंटल तक भी उत्पादन प्रपात हो शकता है।

सोयाबीन की यह उन्नत किस्म के बीज की बुवाई एक एकड़ जमीन में करनी है तो आप को 25 से 30 किलोग्राम की जरुरत होगी। और इन के बीज से बीज की दुरी आप 17 इंच या तो 1.5 फिट तक रख शकते है।

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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को सोयाबीन की टॉप 3 आरवीएस किस्में (Soybean Ki Rvs Variety) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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