सूरजमुखी की खेती किस महीने में और कैसे की जाती है

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सूरजमुखी एक तिलहनी फसल है और इन का तिलहिनी फसल में एक खास स्थान है। सूरजमुखी के फूल पीले रंग के होते है और बीज काले रंग के होते है। इस आर्टिकल में हम सूरजमुखी की खेती किस महीने में और कैसे की जाती है (Surajmukhi Ki Kheti Kis Mahine Me Aur Keise Ki jati Hai) इन की विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।

Surajmukhi Ki Kheti Kis Mahine Me Aur Keise Ki jati Hai

हमारे देश भारत में सूरज मुखी की खेती कई राज्य में किसान करते है जैसे की हरियाणा, महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडू, आंध्रप्रदेश, और गुजरात इन सभी राज्य में सूरजमुखी की खेती किसान करते है और अच्छी कमाई भी करते है।

सूरजमुखी के फूल में मौजूद बीज में से तेल निकाले जाते है और इस तेल का उपयोग खाने के लिए और कई औषोधिक में भी किया जाता है। इन के दाने से तेल निकालने के बाद जो बाकि हिच्छा बचता है इन्हे पशु के आहार में और मुर्गी के चारे के लिए किया जाता है। सूरजमुखी के बीज बुवाई के बाद ठीक 3 से 4 महीने बाद पूरीतरह से पक के तैयार हो जाते है।

सूरजमुखी की खेती किस महीने में और कैसे की जाती है

सूरजमुखी की खेती आम तो तीनो मौसम में कर शकते है जैसे की जायद मौसम एवं खरीफ मौसम और रबी मौसम आम तीनो मौसम में कर शकते है। पर जनवरी महीने में इन की खेती करने के लिए उत्तम माना जाता है।

सूरजमुखी के लिए मिट्टी की पसंदगी कैसे करे?

सूरजमुखी की खेती आम तो सभी प्रकार की मिट्टी में कर शकते है पर अच्छी उपज और पौधे की अच्छी विकास के लिए इन की खेती बलुई दोमट मिट्टी में अच्छे से होती है और इन की खेती में जल निकास की भी व्यवस्था अच्छे से होनी चाहिए। सूरजमुखी के खेती जिस मिट्टी में करे उस मिट्टी का पी.एच. मान 5 से 7 के बिचका होना चाहिए।

सूरजमुखी की खेती रबी मौसम में और जायद मौसम में करने से किसान को अधिक कमाई भी होती है और ज्यादा मुनाफा भी होता है। इस समय पर बुवाई करने से इन की फसल में बहुत कम रोग और कीट अटैक करते है। इस लिया उपज भी ज्यादा मिलती है।

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सूरजमुखी की उन्नत किस्में

हमारे देश भारत में हमारे कृषि वैज्ञानिको ने आज के जमाने में अधिक उपज देने वाली सूरजमुखी की कई सारी उन्नत किस्में तैयार की है और इन को दो भाग में बता गया है एक तो संकर प्रजाति और संकुल किस्में है।

सूरज मुखी की उन्नत किस्में के नाम कुछ इस प्रकार से है जैसे की एस.एच. 3322, सूर्या, के.वी. एस.एच 1, मार्डन, ऍफ़ एस एच-17, इस उन्नत किस्में के बीज की बुवाई एक एकड़ में।करे तो 7 से 8.5 क्विंटल तक की उपज होती है।

सूरजमुखी की यह किस्में बुवाई के बाद 85 से 100 दिन में पक के तैयार हो जाती है। इस किस्में के फूल के बीज में 38 से 42 प्रतिशत की तेल की मात्रा पाई जाती है।

सूरजमुखी की खेती को अनुरूप तापमान और जलवायु

सूरजमुखी की खेती को अनुरूप जलवायु की बात करे तो शुष्क जलवायु की आवश्कता होती है और तापमान की बात करे तो 15°C तक का तापमान सब से अच्छा माना जाता है। इन के बीज को अच्छे से अंकुरित होने के लिए ज्यादा तापमान की ज्यादा तापमान की आवश्कता होती है। पर इन के फूल की अच्छी विकास के लिए सामान्य तापमान की आवश्कता होती है।

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सूरजमुखी खेत तैयारी कैसे करे

इन की खेती के लिए अच्छे से दो से तीन बार गहरी जुताई कर के बाद में पाटा चला के जमीन को समतल और भुरभुरी कर लेनी चहिए।

सूरजमुखी की खेत में बिज बुवाई के 10 से 15 दिन बाद एक हैक्टर जमीन में 13 से 14 टन सड़ी गोबर की खाद डाले और अच्छे से मिट्टी में मिला देना चाहिए।

सूरजमुखी के बीज की रोपाई केसे करे

सूरजमुखी के बीज की रोपाई कतार में भी कर सकते है और मैड में भी कर शकते है। इन की फसल से अधिक उपज प्राप्त करने के लिए इन की खेती मेड़ों में करे। और समतल जमीन में करने से उपज थोड़ी कम मिलती है।

सूरजमुखी के बीज से बीज की दूरी 25 से 30 सैमी तक की रखनी चाहिए। मेड़ों में इन के बीज की रोपाई 4 सैमी की गहराई और 15 सैमी की रखी जाती है।

बीज रोपाई के बाद तुरंत एक सिंचाई करे इन की खेती में सिंचाई की जरूरत ज्यादा होती है। इन के बीज को अच्छे से अंकुरित होने के लिए जमीन की नमी बनी रहनी चाहिए।

सूरजमुखी की फसल में लगने वाले रोग एवं कीट
सूरजमुखी की फसल में जब फूल किलते है तब कई प्रकार के रोग एवं कीट अटैक करते है और इन के फूलो और पत्तो को बहुत हानि पहुंचाते है

इन की फसल में इस प्रकार के रोग एवं कीट दिखाई देते है एफिड्स, जैसिड्स, हरे रंग की सुंडी और हेड बोरर जैसे कीड़ो आदि रोग एवं कीट अटैक करते है।

और इन रोग एवं कीट को सही समय और योग्य दवाई का छिड़काव कर के पौधे और फूल को मुक्त करना चाहिए।

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सूरजमुखी के फूल की कटाई और उपज

सूरजमुखी के बीज मुख्य खेत में रोपाई के बाद तकरीबन 90 से 100 दिन में पूरी तरह से पक के तैयार हो जाते है। बाद में इन फूलों की कटाई कर के इन कटे फूलो को छाया में अच्छे से सूखने के लिए रखा जाता है।

छाया में अच्छे से सुख जाने के बाद थ्रेसर मसीन की मदद से निकाला जाता है। और एक एकड़ जमीन में आप ने सूरजमुखी की उन्नत किस्में की खेती की है तो उपज 21 से 26 क्विंटल तक की मिलती है। सूरजमुखी के बीज का भाव मार्केट में अच्छा मिलता है कई बार तो 4000 से 4500 तक का भी हो जाता है। इसी लिए तो इन की खेती से किसान लाख रूपए की कमाई कर शकते है।

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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