भारत में आप भी कर सकते हैं वनीला की खेती|वनीला की खेती कैसे की जाती है?|Vanilla Ki Kheti

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नमस्ते मेरे प्यारे किशान भाईयो आज के आर्टिकल में हम बात करने वाले है वनीला की खेती (Vanilla Ki Kheti) की सम्पूर्ण माहिती। वनीला एक सबसे महंगा मसाला है।

वनीला सुगंधीत मसाला है। वनीला केसर की तरह बहुत महंगा मसाला है। वनीला का मूल स्थान मेक्सिको माना जाता है। वनीला बेल के तना के स्वरुप में उगता है।

वनीला को बड़े बड़े वन या उधान (बगीचे) में यतो किसी पेड़ की घनी साव में उगाई जाते है क्योकि वनीला की बेल की वृद्धि धुप में अच्छी नहीं होती। इस की वृद्धि के लिए किसी पेड़ या खंभे के सहारा की जरुरत होती है।

वनीला की बेल बुवाई के बाद तीन साल के बाद उपज देती है। वनीला के बेल से जो फल एते है वही फल का आकार केप्सूल जैसा होता है इस फल में खुसबू भी बहुत अच्छी आती है।

वनीला की बेल (लता) में तीन साल के बाद पहेली उपज प्राप्त होती है और इन तीन साल के बाद लगातार 14 साल तक उपज प्राप्त कर शकते है।

वनीला की खेती (Vanilla Ki Kheti) वनीला के एक फल में कई सारे बीज निकलते है इन बीज का मसाला बना के विविध जगह पर उपयोग में लेते है।

वनीला के बीज में कई सारे एंटी ऑक्सीडेंट्स भी होते है।वनीला में इन के आलावा एंटी बैक्टीरियल गुण भी भरपूर मात्रा में मौजूद होता है। इस एंटी बैक्टीरियल गुण के कारण मानव शरीर में रोग प्रतिकारक शक्ति को बढ़ाता है।

इस के फूल में भी एक अच्छी खुश्बू आती है इस लिए वनीला के फूल गुलदस्ते में भी इस्तेमाल करते है। इन के आलावा वनीला आइसक्रीम में भी ज्यादा उपयोग में लेते है।

वनीला परफ्यूम, केक, कोल्ड ड्रिंक, एवं शराब और ब्यूटी प्रोडक्ट्स इन सब में भी वनीला का उपयोग बड़ी मात्रा में होता है। इस लिए आज कल वनीला की मांग हमारे देश में तो बढ़ती जाती है लेकिन विदेशो में भी वनीला की काफी मांग है।

इसी काफी मांग के कारण वनीला की खेती (Vanilla Ki Kheti) कर के किशान बड़े पैमाने में मुनाफा कर शकते है।

Vanilla Ki Kheti
Vanilla Ki Kheti

वनीला की खेती (Vanilla Ki Kheti) कर के किशान लाखो रुपये का मुनाफा कर शकते है। अगर आप भी वनीला की खेती करना चाहते है तो आप सहि आर्टिकल पढ़ रहे है।

इस आर्टिकल के माध्यम से आपको वनीला की खेती कैसे करे, वनिला की खेती के लिए मिट्टी की पसंदगी, तापमान एवं वातावरण, वनीला की प्रशिद्ध किस्मे (वेराइटी) कौन कौन सी है।

वनीला की बुवाई कब और कैसे करे, पौधे से पौधे की दुरी, खाद कौन सा और कितना देना होगा। वनीला की खेती में लगने वाले रोग एवं कीट, इन के आलावा वनीला की उपज एक हेक्टर में कितनी आती है।

वनीला सब के बारे में विस्तार से आज जानेगे इस आर्टिकल के भाध्यम से, बात करे तो वनीला की खेती की सारी जानकारी आपको इस आर्टिकल में मिल जायेगी। इस के लिए आपको अंत तक इस आर्टिकल में बने रहेना होगा।

Table of Contents

वनीला की खेती (Vanilla Ki Kheti) Overview

आर्टिकल का नामवनीला की खेती (Vanilla Ki Kheti)
इस आर्टिकल का उदेश्यकिशान भाई ओ को वनीला की खेती में मदद मिले
प्रसिद्ध वेराइटीV प्लेनिफोलिया, V पोम्पोना, और V तहितेसिस
बुवाई कब और केसे करेसितंबर से नवंबर
पौधे से पौधे की दुरी25 से 35 से.मी. त्रिकोण आकार में
तापमान और वातावरण15℃ से लेकर 30℃ और शेड हाउस में 20℃ से 35℃
खाद कौन सा डालेवर्मी कम्पोस्ट और अच्छे से सड़ा गोबर
आने वाले रोग एवं कीट जड़गलन, तनानष्ट हो जाना, फल नष्ट हो जाना, वनीला बग, केटरपिलर, सफ़ेदकीट, फल मक्खी
एक हेक्टरमे उपजएक हेक्टर में तक़रीबन उपज 1.5 से 1.7 लाख के बिछ रहती है
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मिट्टी की पसंदगी और तैयारी कैसे करे ?|(Vanilla Ki Kheti)

वनीला की खेती (Vanilla Ki Kheti) के लिए मिट्टी की पसंदगी करना या जानना बेहद जरूरी है। वनीला की खेती के लिए जैविक पदार्थो से भरपूर एवं मिट्टी भुरभुरी होनी चाहिए। इन के आलावा जलनिकासी अच्छी होनी चाहिए।

भूमि (जमीन) का पी.एच 6 से लेकर 7.5 के बिच में होना चाहिए। अगर आप वनीला की खेती करना चाहते है तो पहले मिट्टी का परीक्षण अवश्य करवा लीजिए

आपको पता चले की जिस मिट्टी में वनीला के पौधे बुवाई करे इस मिट्टी में क्या क्या तत्व की कमी है। वनीला की अच्छी पैदावार के लिए ए सब जानना जरूती है। और थोड़ी ढलान वाली जमीन में वनीला की खेती सब से ज्यादा की जाती है।

वनीला की खेती के लिए जमीन (मिट्टी) की तैयारी इस प्रकार करनी चाहिए ए की जमीन स्तर बना रहे और खरपतवार नियंत्रण के लिए गहरी जुताई करे।

वनीला की अच्छी उपज के लिए आप खाद में अच्छे से सड़ी गोबर का उपयोग करे या तो वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग कर शकते है। वनीला के पौधे बेल (लता) वाली फसल है इस लिए अच्छे विकास के लिए किसी खंभे या पेड़ का सहारे की जरूरत पड़ती है। वनीला को चाव में उगाया जाता है।

तापमान और जलवायु|(Vanilla Ki Kheti)

वनीला की खेती (Vanilla Ki Kheti) में तापमान की बात करे तो तापमान 15℃ से लेकर 30℃ तक का तापमान अनुकूल माना जाता है और शेड हाउस में 20℃ से 35℃ तापमान में वनीला के बेल अच्छे से विकास करते है।

वनीला के फूल एवं फल भी अच्छी वृद्धि करते है। और जलवायु की बात करे तो गर्म और आद्र जलवायु की आवश्यकता होती है। वनीला की बेल को ज्यादा गर्मी या ज्यादा ठंड के कारण अच्छी विकास नहीं होती है इस लिए चाव में वनीला की बेल अच्छे से विकास करती है।

प्रसिद्ध किस्में (वेराइटी)|(Vanilla Ki Kheti)

वनीला की खेती (Vanilla Ki Kheti) में प्रसिद्ध किस्मे में तीन प्रजातिया उगाई जाती है। इन के नाम कुच्छ इस प्रकार के है

एक तो V प्लेनिफोलिया, V पोम्पोना, और V तहितेसिस, इन में से सबसे ज्यादा V प्लेनिफोलिया किस्मे विश्वभर में लोक प्रिय है और इन की खेती ज्यादा तर किशान भइओ करते है और अच्छी उपज के साथ अच्छे दाम में बेचकर अधिक मुनाफा भी करते है।

बुवाई कैसे करे ?|(Vanilla Ki Kheti)

वनीला की खेती (Vanilla Ki Kheti) लता (बेल) वाली फसल है। वनीला की बुवाई दो तरी के से किया जाते है। एक तो बीज की बुवाई करके और दूसरा तरीका है कटिंग कर के।

वनीला के बीज की बुवाई बहुत कम किशान करते है। क्यों की इन के बीज बहुत कम उगते है। इस लिए वनीला के पौधे कटिंग द्वारा तैयार करते है या टिशू कल्चर द्वारा तैयार करा जा शकता है।

जब की लता को कटिंग कर के बुवाई करे तो वे लता जल्द विकास करते है। वनीला के बेल को अच्छे से विकास के लिए हमे बड़े पेड़ की छाव में बुवाई करनी चाहिए वनीला की बेल को धुप कम मिलनी चाहिए तब वनीला की बेल की लता जल्द विकास करती है।

वनीला की बुवाई (रोपाई) सितंबर से नवंबर मास में की जाती है। वनीला को पेड़ की छाव में पेड़ से 25 से 35 से.मी. त्रिकोण आकार में एक पेड़ के तीनो साइड गढ्ढे खोदे जाते है।

इन गढ्ढे को देशी खाद ( सड़ी गोबर) से गढ्ढे को भरा जाता है। बाद में वनीला के बेल की कलम की बुवाई करनी चाहिए। वनीला की बुवाई एक अकड़ के हिसाब करे तो 2450 से लेकर 2550 तक की कलमों की बुवाई कर शकते है।

बुवाई के बाद वनीला की बेल के आस पास जैवखाद में कूच पत्तिया डाल के वनीला के पौधे को ढंक देना चाहिए। वनीला के पौधे जो आपने बुवाई की है वही कलम जमीन में जड़ पकड़ने में 1 से लेकर 7 सप्त के समय लगते है।

जब वनीला के पौधे जमीन में जड़ पकड़ लेते ही तब बनिला के बेल में कई छोटी छोटी पत्तिया निकल ने लगाती है। और कई फूल में से कालिया भी दिखाई देती है। वनीला के बेल कम से कम तीन साल के बाद फल देते है।

खरपतवार कैसे करे ? | (Vanilla Ki Kheti)

वनीला की खेती (Vanilla Ki Kheti) में खरपतवार सही वक्त पर करते रहना चाहिए। वार्ना मुख्य फसल का विकास रूक जाता है और घास (चारो) बढ़ जाता है।

इनके वजे से कही रोग एवं कीट भी मुख्य फसल में आते है और पौधे या बेल को रोग ग्रस्त करते है। और रोग ग्रस्त पौधा या बेल के विकास अच्छे से नहीं हो पता बाद में उपज भी कम हो जाती है और किशान भाई को भारी नुकशान भी भुगतना पड़ शकता है।

इस लिए खरपतवार करना जरूरी है। वनीला की खेती (Vanilla Ki Kheti) में खरपतवार आप दो तरी के से कर शकते है। एक तो खुरपी हाथ से सलाके निदाई गुड़ाई करे

दूसरा तरीका है रासायनिक दवाई का इस्तेमाल कर के परंतु रासायनिक दवाई का उपयोग बहुत कम करना चाहिए क्यों की रासायनिक दवाई से जमीन की उपजाऊ समता धीरे धीरे कम हो जाती है।

इस लिए हमारा सुजाव हे सभी किशान भाई को की किसी भी फसल में खरपतवार खुरपी से ही करे इस में हमें फायदा रहता है।

देखभाल कैसे करे ?|(Vanilla Ki Kheti)

वनीला की खेती (Vanilla Ki Kheti) में देखभाल की बात करे तो वनीला की बेल या कलम को मुख्य खेत या ग्रीन हाउस में रोपाई (बुवाई) हो जाने के बाद इस प्रत्येक पौधे या बेल के हिसाब से देशी खाद में सड़ा हुआ गोबर या वर्मीकम्पोस्ट डालते रहना चाहिए।

वनीला के पौधे या लता की अच्छी वृद्धि के लिए और वनीला के फूल अच्छे से विकास होते रहे और फूल में से फल भी अच्छे से विकास हो के उपज में भी किशन को ज्यादा बड़ोतरी देखने को मिलेगी।

वनीला के पौधे की बुवाई हो जाने के ठीक 1 से 2 दिन के बिच में टपक या फव्वारा पद्धति से वनीला के पौधे को सिंचाई करनी चाहिए। इन के अलावा 100 लीटर पानी में 1 किलोग्राम एनपीके को अच्छी तरह से मिला घोल के छिटकाव करना चाहिए।

वनीला की बेल को मुख्य खेत या ग्रीन हाउस में तारो में अच्छे से फैला देना चाहिए। इन बेल को कम से कम 150 से 160 सि.मी. उचाई पर ही फैलानी चाहिए इस से अधिक उचाई पर नहीं फैलानी चाहिए।

सिंचाई कब करनी चाहिए?|(Vanilla Ki Kheti)

वनीला की खेती (Vanilla Ki Kheti) में वनीला के पौधे की बुवाई के बाद ठीक 2 से 3 बाद सिंचाई करनी चाहिए। वनीला की खेती में एक सप्ताह में 3 से 4 बार सिंचाई करनी चाहिए।

जमीन की नमी बनाई रखने के लिए वनीला की खेती में जरूरत मुजब सिंचाई करते रहना होगा। वनीला की खेती में सिंचाई आप टपक या फव्वारा पद्धति से करनी चाहिए। इन वनीला के पौधे को पानी की आवश्कता थोड़ी ज्यादा रहती है।

खाद कोन सा और कब देना चाहिए?|(Vanilla Ki Kheti)

वनीला की खेती (Vanilla Ki Kheti) में खाद योग्य समय देना चाहिए। क्योकि अच्छी वृद्धि बेल की और फूल, फल की करने के लिए खाद डालना बेहद जरूरी है।

वनीला के खेत में कार्बनिक खाद में सड़ा हुआ गोबर, वर्मीकम्पोस्ट, आयल केक, और पेड़ के पत्तिया, घास फुस जैसे खाद डाल शकते है।

बात करे तो नाइट्रोजन, फास्फोरस, एवं पोटाश भी दे शकते है। और इन खाद को प्रत्येक पौधे या बेल के हिसाब से एक साल में आप नाइट्रोजन 45 से 65 ग्राम और फास्फोरस 25 से 35 ग्राम और पोटाश 65 से 110 ग्राम की मात्रा में देनी चाहिए।

लगने वाले रोग एवं कीट नियंत्रण|(Vanilla Ki Kheti)

वनीला की खेती (Vanilla Ki Kheti) में कई प्रकार के रोग एवं कीट लगते है। इन रोग एवं कीट का योग्य समय पर उपचाई के नियंत्रण करना चाहिए।

वनीला के पौधे की अच्छी पौधे की वृद्धि के हेतु या फल फूल की अच्छी वृद्धि या बेहतर उपज के लिए। योग्य दवाई का छिटकाव करना चाहिए। वनीला की खेती में मुख्य तवे इस प्रकार के रोग लगते है।

इन में से जड़गलन, तनानष्ट हो जाना, फल नष्ट हो जाना, इस तारा के रोग लगते है वनीला की खेती में और किट में वनीला बग, केटरपिलर, सफ़ेदकीट, फल मक्खी, इस प्रकार के कीट ज्यादा तर वनीला की खेत में दिखाई देते है।

  • जड़गलन रोग : इस रोग को वनीला के पौधे या बेल के जड़ में लगने वाला रोग है। इस रोग लगने से बेल के पत्तिया पीले रंग की होने लगती है और धीरे धीरे बेल से पत्तिया टूट के जमीन पर गिर्जाती है। इस रोग के कारण बेल जमीन मे से जरूरी पोषक तत्व नहीं ले शकते बाद में बेल भी धीरे धीरे नष्ट हो जाती है।
  • नियत्रण में : इस रोग नियंतरण के लिए कॉपर ऑक्सी क्लोराइड 50% WP एक हेक्टर दीठ एक किलोग्राम 400 लीटर पानी के साथ घोल मिलके पर एक पौधे पर 50 मिली ग्राम पोधेकी जाड़मे सिंचाई के साथ देना चाहिए।
  • तनानष्ट हो जाना : वनीला में जब इस रोग का अटेक होता है तब पत्तिया या बेल पर भूरे रंग के दाग धब्बे किखाई देते है। और जो वनीला के पतों ग्रीन रंग के है वे भी पीले रंग में बदल जाते है और पतों बेल से गीरने लगते है।
  • नियत्रण में : इस रोग नियंत्रण के लिए हमे सल्फर का उपयोग कर शकते है। या तो कृषि विभाग के पास से इन की जानकारी लेकर योग्य दवाई का छिटकाव करना चाहिए।
  • फल नष्ट हो जाना : वनीला के फल तब नष्ट होते है जब की कोई कीट फल पर अटेक करते है। इस के कारण फल पर छोटे छोटे धब्बे दिखे देते है और फल बाद में पौधे से बिखर के नष्ट हो जाते है।
  • फल मक्खी : इस कीट का मुख्य कार्य है फल को खाना और फल को नष्ट करना। इस कीट को ज्यादा तर फल के ऊपरी हिच्छे में मादा मक्खी अंडा देती है और इन अंडे में से चूजे निकल के फल को खाते है और फल को नुकशान पहुचाते है आखिर में फल को नष्ट कर देते है। और इस के कारण उपज में भारी गिरावाट देखने को मिलेगी। बाद में किशान को मुनाफा काफी कम मिलेगा।
  • नियंत्रण में : इस प्रकार के किट के उपचार के लिए हम नीम सीडस करनाल एकसट्रैट 50 ग्राम को 16 लीटर पानी में मिलाके छिटकाव करना चाहिए। और 8 से 10 दिन के बाद 2 से 4 बार मैलाथियॉन 40 मिली+100 ग्राम गुड़ 16 लीटर पानी में मिलाके छिटकाव करना होगा।

उपज एवं तोड़ाई कब करे?|(Vanilla Ki Kheti)

वनीला की खेती (Vanilla Ki Kheti) में उपज तीन साल के बाद आती है। वनीला के फूलो को तैयार होने में 8 से 10 महीने का वक्त लगता है। इस के बाद फूल से फल बन ते है।

इस फल मे से बीज निकाल लेते है। वनीला केप्रत्येक पौधे या बेल से 2 से 3 किलोग्राम उपज मिल शक्ती है। और कुछ साल के बाद तो 5 से 6 किलोग्राम तक की उपज प्राप्त कर शकते है।

प्रत्येक पौधे या बेल से। इस वनीला के परागण करना पड़ता है। इस वनीला के फली लब्बी होती है और इसी लम्बाई को देख कर ही इस की कीमत तेय की जाती है।

इस की फलिया 14 से 15 से.मी. से भी अधिक लम्बी हे तो उसमे उपज भी ज्यादा आएगी। इस के फली में बीज की मात्रा बहुत अधिक है। इन के बीज हरे लाल रंग के द्रव्य से लिपटे होते है।

इन में से वेनिला के बीज निकाले जाते है। वनीला की एक लता से आपको 4.5 से 5.5 लाख की उपज मिल शक्ती है। हमारे देश भारत में वनीला की खूब अच्छे दाम मिलते है।

एक किलोग्राम वनीला के कम से कम 45 से 55 हजार रुपए बाजार में मिलते है। इस लिए आज कल वनीला की खेती में रुषि ज्यादा किशान भाइओ करते है और अच्छा मुनाफा भी पा शकते है

वनीला के लाभ

वनीला के रोजाना सेवन से मानव शरीर में कई फल्दे या लाभ होते है। वनीला के बीज में वनैलिन नामक सक्रिय रासायनिक तत्व अच्छी मात्रा में पाए जाते है। इस तत्व का मुख्य कार्य है मानव शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करते है

इन में गुड कोलेस्ट्रॉल स्तर की ज्यादा वृद्धि करता है। और उस में मौजूदा ऐंटी ऑक्सिडेंट्स गुण भी अधिक मात्रा में होता है। इस तत्व का मुख्य कार्य है सेल्स को मजबूत बनाना एवं कैंसर के सामने लड़ने की शक्ती प्रदान करते है।

इस में पाए जाते ऐंटी इन्फ्लेमेटरी गुण भी मानव शरीर में सभी अंगो को लाभदायक होते है। और भी ऐंटी बैक्टीरियल गुण भरी मात्रा में मौजूद होते है। इस का कार्य है की मानव शरीर में रोग प्रतिकारक शक्ती बढ़ता है

पेट साफ रखते है इन के आलावा जुखाम जैसी बीमारी को बढ़ने नहीं देते है

वनीला की खेती किन किन देश में की जाती है?

वनीला की खेती (Vanilla Ki Kheti) मुख्य तवे अमेरिका और मेक्सिको का मूल का पौधा माना जाता है। इन के आलावा कई देश में वनीला की खेती की जाती है।

इस देश के नाम इस प्रकार के है। जंजीबार, टांगो, वेस्टइंडीज, जावा, युगांडा और जमैका इन देश में भी बड़े पैमाने पे वनीला की खेती की जाती है। और अच्छा मिनाफा भी किशान करते है।

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सारांश

नमस्ते किशान भइओ इस आर्टिकल के माध्यम से आपको वनीला की खेती (Vanilla Ki Kheti) में इस के बारे में बहुत कुछ जननेको मिलेगा

वनीला की खेती (Vanilla Ki Kheti) में कोन कोन सी वेराइटी अच्छी हे। कैसे और कब बुवाई करे वनीला की खेती (Vanilla Ki Kheti) में कोन कोन सा खाद डालना चाहिए।

वनीला की खेती (Vanilla Ki Kheti) के पौधे पे लगने वाला रोग एवं कीट इन रोग और कीट से नियंत्रण कैसे करे एवं वनीला की खेती (Vanilla Ki Kheti) की उपज एवं तोड़ाई कैसे करे

वैसे बात करे तो वनीला की खेती (Vanilla Ki Kheti) के वारे में इस आर्टिकल में आपको बहुत कुछ जानने को मिला होगा। इस लिए ए आर्टिकल आपको वनीला की खेती (Vanilla Ki Kheti) करने में बहुत हेल्प फूल होगा

इस लिए हमें पता हे की ए आर्टिकल आप को बेहद पसंद आया होगा। इस लिए ए आर्टिकल को आप अपने किशान भाइओ के साथ ज्यादा से ज्यादा शेयर करे। इस आर्टिकल में अंत तक बने रहने के लिए आपका धन्यवाद

FAQ’s

Q-1. वनीला के पौधे कितने साल में फल देने लगते है?

Answer : वनीला के पौधे तीन साल में फल देने लगते है

Q-2. वनीला के प्रसिद्ध किस्मे (वेराइटी) कौन कौन सी है?

Answer : वनीला के प्रसिद्ध किस्मे तीन है इस के नाम V प्लेनिफोलिया, V पोम्पोना, और V तहितेसिस है।

Q-3. वनीला के पौधे या बेल को वातावरण केसा अनुकूल माना जाता है?

Answer : वनीला के पौधे या बेल को वातावरण गर्म और आद्र जलवायु एवं 15℃ से लेकर 30℃ तापमान अच्छा माना जाता है।

Q-4. एक किलो वनीला की कीमत बाजार में क्या मिलती है?

Answer : एक किलोग्राम वनीला की कीमत बाजार में 4.5 से 5.5 हजार रुपए तक की मिलती है

Q-5. भारत में सब से ज्यादा वनीला की खेती कहा की जाती है?

Answer : भारत में सब से ज्यादा वनीला की खेती केरल के एर्णाकुलम जिले की जाती है

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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