अंजीर की खेती कर के लाखो की कमाई कर शकते है|Anjeer Ka Ped Kaise Lagaen

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नमस्ते किशान भाईयो आज के इस आर्टिकल में अंजीर की खेती कब करें (Anjeer Ki Kheti Kab Kare) इन के बारे में बारीक़ से जानकारी प्राप्त करेंगे। फलो में अंजीर का एक महत्त्व स्थान है। अंजीर का फल खुबज लोकप्रिय फल है। अंजीर का फल सूखा के खाते है।

अंजीर को अंग्रेजी में फिग कहेते है। अंजीर के पौधे बड़ा होकर पेड़ की तरह दिखाई देता है। अंजीर के कई वृक्ष तो बहुत विशाल और साखाई भी लम्बी और विशाल होते है। अंजीर की खेती हमारे देश भारत के कई राज्य में किशान बड़े पैमाने में करते है।

अंजीर का फल स्वास्थय वर्धक और स्वाद में स्वादिष्ट होता है। अंजीर की खेती भारत के इस राज्य में किशान करते है। गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्णाटक, इन के अलावा भी कई राज्य में अंजीर की खेती होती है। अंजीर की खेती में लगत कम और मुनाफा अधिक प्राप्त होता है।

अंजीर में कई विटामिन और पोषक तत्व पाए जाते है। जैसे की विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, प्रोटीन, कैल्शियम, फायबर, सोडियम, इस प्रकार के पोषक तत्व और विटामिन अच्छी मात्रा में मौजूद होता है।

अंजीर का फल मानव शरीर के लिए खुबज उपयोगी फल है। अंजीर के फल में से कई प्रकार की बीमारी में दवाई के लिए उपयोग में लेते है। अंजीर में औषोधिक गुण भी पाए जाता है। अंजीर के पके फल में चीनी की अच्छी मात्रा होती है।

Anjeer Ki Kheti Kab Kare
अंजीर की खेती कब करें (Anjeer Ki Kheti Kab Kare)

अंजीर का सेवन इस प्रकार की बीमारी में खुबज लाभदायक साबित होता है। जैसे की शर्दी, बुखार (जुखाम), मधुमेह, स्तन केंसर, पेट की कई बीमारी, डायबिटीज जैसी बीमारी, कब्जे को दूर करने में इस प्रकार की कई बीमारी और रोग में अंजीर और अंजीर में से बनाई दवाई खुबज उपयोगी है।

अंजीर इस प्रकार कई बीमारी और कई बीमारी के दवाई में खुबज उपयोगी है। आज ले ज़माने में अंजीर की बागबानी बहुत तेजी से हो रही है। अंजीर की खेती वैज्ञानिक तरीके से की जाए तो अंजीर के फल की पैदावार अधिक मात्रा में प्राप्त कर शकते है।

आज के इस आर्टिकल में अंजीर की खेती कब करे और कैसे करे। अंजीर की उन्नत किस्मे। और अंजीर के पेड़ कैसे लगाए, तापमान और जलवायु। अंजीर के पेड़ में लगने वाले रोग एवं कीट। अंजीर की खेती की संपूर्ण जानकारी इस आर्टिकल के अंत तक मिल जाएगी।

अंजीर की खेती की माहिती के लिए आप को इस आर्टिकल के अंत तक हमारे साथ बने रहना होगा।

अंजीर की खेती कब करें (Anjeer Ki Kheti Kab Kare)

अंजीर की खेती अच्छे पानी की वयवस्था है तो साल भार में किसी भी महीने में कर शकते है। पर ज्यादा तर अंजीर के पौधे की बुवाई वसंत ऋतु में करते है और जुलाई से अगस्त महीने में

अंजीर की खेती कब की जाती है?

अंजीर की खेती बारिश के मौसम में करनी चाहिए। इन की खेती के लिए पौधे आप भी तैयार कर शकते है। अन्यथा आप के आस पास की नर्सरी से उन्नत किस्मे जास परख के खरीद शकते है और इन अंजीर के पौधे को मुख्य खेत में खड्डा तैयार कर के इन खड्डो में बुवाई कर शकते है।

अंजीर के पौधे को जुलाई महीने से अगस्त महीने तक बुवाई कर शकते है। पर पानी की अच्छी वयवस्था हो तो अंजीर के पौधे साल में किसी भी महीने में बुवाई कर शकते है। अंजीर के पौधे की बुवाई एक हेक्टर में करे तो लगभग 250 से 260 पौधे बुवाई कर शकते है।

अंजीर के पौधे की बुवाई बारिश के मौसम में करने से पौधे की विकास अच्छी होती है। वर्षा ऋतु में अंजीर का पौधा बड़ी तेजी से वृद्धि करता है। और अंजीर के पेड़ या वृक्ष 55 से 60 साल तक फल देता है।

अंजीर की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी कौन सी है?

अंजीर का पेड़ सभी प्रकार की मिट्टी में बड़ी आसानीसे लगा शकते है। पर ज्यादा तर अंजीर के पौधे दोमट मिट्टी में या मटियार दोमट मिट्टी में अच्छे से वृद्धि और पैदावार देता है। इस लिए दोमट मिट्टी में या मटियार मिट्टी में अंजीर के पौधे की बुवाई करनी चाहिए।

दोमट मिट्टी में या मटियार मिट्टी में जल निकास आसानी से हो जाता है। अंजीर के पौधे या पेड़ को शुष्क और आद्र जलवायु की आवश्यकता होती है। अंजीर के पेड़ को ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं होती वे कम सिंचाई में अच्छे से विकास करते है।

अंजीर की खेती में लिए जमीन का पी एच मान 5 से 7.5 के बिच का अच्छा माना जाता है। और जीस जमीन पर अंजीर के पौधे की बुवाई करे उस ज़मीन की जल निकास अच्छी होनी चाहिए।

अंजीर के पौधे या पेड़ को 15°C से 30°C तक का तापमान अच्छा माना जाता है और इस तापमान में अंजीर के पेड़ और अंजीर के फल अच्छे से विकास करते है। अंजीर के पेड़ कम से कम 10°C तक का तापमान और ज्यादा से ज्यादा 35°C तक का तापमान सहन कर शकता है। इन से अधिक तापमान में अंजीर के पेड़ एवं अंजीर के फल को हानिकारक होता है।

अंजीर के पौधे मुख्य खेत में बुवाई से पहेले खेत की दो से तीन बार गहरी जुताई कर लेनी चाहिए। आखरी जुताई से पहेले सड़ी गोबर की खाद एक हेक्टर में 13 से 15 टन खाद डाल के अच्छे से मिट्टी में मिला देनी चाहिए।

खाद मिट्टी में मिला के जमीन को पाटा चला के समतल कर लेना चाहिए। ताकि जल भराव की समस्या टल जाए। इन के बाद 15 X 15 फिट के अंतर रख के खड्डा खोद के तैयार कर लेना चाहिए। इन खड्डो में जेसिक खाद और रासायनिक खाद योग्य मात्रा में मिट्टी में मिला के उन खड्डो को भर देना चाहिए।

तैयार खड्डो की एक हल्की सिंचाई कर लेनी चाहिए। बाद में इन खड्डो में अंजीर का पौधा की बुवाई करे। ताकि शुरुआती समय से बड़ी तेजी से पौधे की विकास हो शके।

अंजीर के पेड़ पर गर्मी के मौसम में फल पक के तैयार हो जाता है। अंजीर के पौधे शर्दी के मौसम में अच्छे से वृद्धि नहीं कर शकता और शर्दी के मौसम में पड़ने वाला पाला अंजीर के पेड़ एवं अंजीर के फल दोनों के लिए हानिकारक होता है।

अंजीर कितने किस्मे की होती है?

अंजीर की आज के ज़माने में कई प्रकार के उन्नत किस्मे विकसित की गई है। और मिलती है। इन में से कुछ प्रसिद्ध किस्मे के नाम इस प्रकार के है।

अंजीर की उन्नत किस्मे पंजाब अंजीर, एप्पल गुआवा, पंजाब किरण, पंजाब पिंक, श्वेता अंजीर, पुणे अंजीर, अल्लाबाद सफेदा, मार्शलीज अंजीर, चित्तीदार अंजीर, अर्का अमूल्य, सरदार, पुणेरी अंजीर और सरदार अंजीर इन प्रकार की कई सारी अंजीर की अच्छी किस्मे है।

अंजीर की इन उन्नत किस्मे के पौधे की बुवाई कर के अधिक मात्रा में अंजीर के फल की प्राप्त कर शकते है। और इन अंजीर के फल को बाजार में बेचकर अधिम मात्रा मुनाफा भी कर शकते है।

अंजीर के पौधे की बुवाई जुलाई से अगस्त महीने में की है तो ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं होती पर जब गर्मी के मौसम आते है तब अंजीर के पेड़ को अधिक सिंचाई की जरूरत होती है। शर्दी के मौसम में 15 से 20 दिन के अंतर में सिंचाई करे और गर्मी के मौसम में सप्ताह में एक सिंचाई अवश्य करे।

अंजीर के पेड़ में जब फूल फल आने लगे तब सिंचाई अवश्य करनी चाहिए। और अंजीर के पेड़ में फूल फल गर्मी के मौसम में आते है। तब सिंचाई भी योग्य समय पर करनी चाहिए।

अंजीर के पौधे की देखभाल कैसे करे?

अंजीर के पौधे की देखभाल अच्छे से करनी चाहिए क्यों की अंजीर के पौधे की अच्छी विकास और अंजीर के पौधे या पेड़ से अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए अंजीर के पौधे की देखभाल इस प्रकार करे। जब अंजीर का पौधा की बुवाई हो जाने के बाद साल में 5 से 7 बार निदाई गुड़ाई करनी चाहिए।

अंजीर के पौधे को खरपतवार रहित रखना चाहिए। और जब कोई रोग या कीट का अटेक दिखाई दे तब इस रोग एवं कीट का योग्य दवाई से अंजीर के पेड़ पौधे को मुक्त करना चाहिए। अंजीर के पेड़ में फल फूल आने लगे तब सिंचाई करनी चाहिए।

अंजीर के पेड़ को हर साल योग्य मात्रा में खाद देना चाहिए। खाद से अंजीर के पेड़ की विकास होती है और पेड़ पर लगे अंजीर के फूल एवं फल की पैदावार में भी बड़ोतरी होती है। इस प्रकार अंजीर की खेती में देखभाल करनी चाहिए।

अंजीर के पौधे या पेड़ में लगने वाले रोग एवं कीट

अंजीर के पौधे या पेड़ में ज्यादा तर इस प्रकार के रोग एवं कीट दिखाई देते है जैसे की फल की मक्खी, मिली बग, शाख का कीट, चेपा, पौधा या पेड़ सूख जाना, एंथ्राक्नोस, जड़ गलन, पौधे के पतों खाने वाली इली, इस प्रकार के रोग एवं कीट अंजीर की खेती में दिखाई देते है।

अंजीर के पौधे में इस प्रकार के रोग एवं कीट का अटेक दिखाई दे तब तुरंत योग्य दवाई का उपयोग कर के इस रोग एवं कीट से अंजीर के पौधे को मुक्त करना चाहिए।

अंजीर के पेड़ के लिए कौन सी खाद सबसे अच्छी है?

अंजीर के पेड़ के लिए अच्छे से सड़ा गोबर की खाद, वर्मीकम्पोष्ट, यूरिया, म्यूरेट, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, एसएसपी, इस प्रकार के खाद योग्य मात्रा में देनी चाहिए। ताकि अंजीर की पेड़ या पौधे की अच्छी विकास हो शके और पौधे या पेड़ पर लगने वाले फल भी अधिक प्राप्त हो शके।

अंजीर के पौधे 1 से 2 साल के हो जाए तब प्रत्यक पौधे को 15 से 25 किलोग्राम सड़ी गोबर की खाद देनी चाहिए। यूरिया 170 से 200 ग्राम, फास्फोरस 1000 से 1600 ग्राम, म्यूरेट 200 से 400 ग्राम पोटाश 250 से 350 ग्राम और नाइट्रोजन भी योग्य मात्रा में देनी चाहिए।

अंजीर के पेड़ जब 5 से 6 साल के बड़े हो जाए तब खाद की मात्रा भी बढ़ा देनी चाहिए। तब सडा गोबर प्रत्यक पेड़ को 30 से 40 किलोग्राम यूरिया 450 से 540 ग्राम फास्फोरस 1400 से 1800 ग्राम म्यूरेट 700 से 900 ग्राम इस प्रकार से खाद अंजीर के पेड़ को देनी चाहिए

अंजीर की खेती में इन खाद को मई महीने में या जून महीने में और इन के बाद सितंबर महीने में यातो अक्टूबर महीने में देना चाहिए।

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FAQ’s

अंजीर का पेड़ कितने साल में फल देता है?

अंजीर का पेड़ बुवाई के बाद ठीक 1.5 से 2 साल के अंतर में फल देता है। और अंजीर का पेड़ 55 से 60 साल तक फल देते है।

अंजीर भारत में कहां उगाया जाता है?

अंजीर भारत में गुजरात, महाराष्ट्र, कर्णाटक, तामिलनाडु, और भी कई राज्य में अंजीर के पौधे की बुवाई करते है।

अंजीर का पौधा कौन से महीने में लगाया जाता है?

अंजीर का पौधा बारिश के मौसम में जुलाई से अगस्त महीने में लगाया जाता है और अंजीर के पौधे वसंत ऋतु में कर देनी चाहिए।

अंजीर की खेती कैसे की जाती है?

अंजीर की खेती में 15°C से 30°C तक का तापमान अच्छा माना जाता है। और अंजीर की खेती में गर्म और शुष्क जलवायु अच्छा माना जाता है। अंजीर की खेती में मिट्टी का जल निकास अच्छा होना चाहिए। और जीस जमीन में अंजीर के पौधे की बुवाई करे उस मिट्टी का पि एच मान 5 से 7.5 के बिच का होना उपयुक्त माना जाता है

अंजीर की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है?

अंजीर में कई सारी उन्नत किस्मे है जैसे की पंजाब अंजीर, एप्पल गुआवा, पंजाब किरण, पंजाब पिंक, श्वेता अंजीर, पुणे अंजीर, अल्लाबाद सफेदा, मार्शलीज अंजीर, चित्तीदार अंजीर, अर्का अमूल्य, सरदार, पुणेरी अंजीर और सरदार अंजीर इस प्रकार के अंजीर की उन्नत किस्मे है। इन में से मार्शलीज अंजीर की किस्मे सब से अच्छी किस्मे है।

सारांश – अंजीर की खेती कब करें (Anjeer Ki Kheti Kab Kare)

नमस्ते किशान भाईयो इस आर्टिकल के माध्यम से आपको अंजीर की खेती कब करें (Anjeer Ki Kheti Kab Kare) इन के बारे में बारीक़ से जानकारी मिली होगी। और अंजीर की उन्नत किस्मे कौन कौन सी है। इन के बारेमे भी बहुत कुछ जानने को मिला होगा।

अंजीर की खेती कब और कैसे की जाती है और अंजीर की खेती एक हेक्टर में करे तो उपज कितनी प्राप्त कर शकते है। और अंजीर की खेती में कौन कौन से खाद और कितना देना चाहिए। इन के बारे में बहुत कुछ जानने को मिला होगा।

अंजीर की खेती में ए आर्टिकल आप को बहुत हेल्पफुल होगा। और ए आर्टिकल आप को बहुत पसंद भी आया होगा। इस लिए ए आर्टिकल को अपने सबंधी एवं मित्रो और किशान भाई को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे। इस आर्टिकल के अंत तक बने रहने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद।

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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