सेम की खेती से होने वाली कमाई (Sem Ki Kheti Se Hone Wali Kamai) : सेम एक सब्जी वर्गी फसल है और इन की सब्जी खाने में बड़ी स्वादिष्ट होती है। वर्तमान समय में किसान परंपरागत खेती से रुख मोड़कर नकदी फसल की खेती की तरफ बढ़ रहे है। इन से किसान को अच्छी कमाई और अधिक मुनाफा होता है।
किसान सेम की खेती कर के कम समय और कम लागत में अधिक उत्पादन के साथ अच्छी कमाई कर शकता है। हमारे कई ऐसे किसान भाई है जो सेम की खेती कर रहे है। सेम की मांग बाजार में अधिक रहती है। और इन की फलिया सुख जाने पर भी कोई नुकशान नहीं होता है। इन के देने की मांग भी बाजार में बनी रहती है।
आज के इस ikhedutputra.Com के इस आर्टिकल के माध्यम से हम सेम की खेती से होने वाली कमाई (Sem Ki Kheti Se Hone Wali Kamai) और इन की खेती कैसे की जाती है इन के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
सेम की खेती से होने वाली कमाई (Sem Ki Kheti Se Hone Wali Kamai)
किसान ने सेम की खेती एक हैक्टर जमीन में की है तो हरी फलियों की पहेली तुड़ाई से 150 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है। और सेम के बाजारी भाव 25 से 30 रूपए एक किलोग्राम के होते है। इस लिए एक बार की तुड़ाई से एक लाख तक की कमाई होती है। और एक हैक्टर जमीन में सेम के बीज 25 से 30 किलोग्राम बीज की जरूरत होती है।
सेम की खेती मिट्टी, जलवायु और तापमान
सेम की खेती की अच्छी विकास और अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए दोमट मिट्टी या तो हल्की बलुई मिट्टी सब से अच्छी मानी जाती है। पर बलुई रेतीली मिट्टी में भी सेम की खेती अच्छे से कर शकते है। इन का पीएच मान की बात करें तो 5.5 से लेकर 6 तक का अच्छा माना जाता है। इन के पौधे समशीतोष्ण जलवायु में अच्छे से विकास करता है। और तापमान की बात करें तो 15 से 25 तक का सही माना जाता है। पर सर्दी के मौसम में पड़ने वाला पाला फसल को हानि पंहुचा शकता है।
सेम की उन्नत किस्म
सेम की उन्नत किस्म हमारे देश में कई सारी उतपलब्ध है इन में से कई किस्म की फलिया लंबी तो कई किस्म की फलिया चिपटी होती है। इन के रंग भी अलग अलग होते है गई हरे रंग की तो कई पीले और सफ़ेद रंग की भी होती है। जैसे की सै प्रोलिफिक, जवाहर सेम- 37, 53, 79, 85, कल्याणपुर-टाइप, एचडी- 1,18, पूसा सेम- 3, अर्का जय, रजनी, पूसा अर्ली, जेडीएल-053, अर्का विजय, जवाहर सेम- 79, एचए- 3, इन से भी अधिक सेम की उन्नत किस्म बाजार में उपलभ्द है।
सेम की खेती करने का समय और कैसे करे?
सेम की खेती करने से पहले मिट्टी की गहरी जुताई कर के समतल बना ले बाद में क्यारिया तैयार करें। इन क्यारियों में आप 1.5 से 2 फिट की दुरी पर 2 से 4 बीज की बुवाई करें। और सेम का पौधा जाल नुमा होता है इस लिए इन्हे बांस के सहारे की जरूरत होती है। इन के बांस का सहारा देने से पौधे की लता जमीन से ऊपर रहती है और कम रोग और बीमारी लगती है। इन के बीज की बुवाई उत्तरी पूर्वी विस्तार में अक्टूबर महीने से नवंबर महीने तक की जाती है। उत्तर पश्चिम विस्तार में सितंबर महीने में की जाती है। और पहाड़ी विस्तार में जून महीने से जुलाई महीने में की जाती है।
सेम की फलियों की तुड़ाई
सेम की फलियों की तुड़ाई बुवाई के बाद 3 से 4 महीने का समय लग जाता है पर एक बार तुड़ाई शुरू हो जाने के बाद 3 से 4 महीने तक हरी फलियों की तुड़ाई कर शकते है। इन की फलियों की तुड़ाई आम हरी फलियों की कर रहे है तो जब फलियों कोमल अवस्था में है तब कर लेनी चाहिए। इन के बाजार भाव भी अधिक मिलते है। और बीज प्राप्त करने के लिए इन की यह फलियों को अच्छे से सूखने दे बाद में तुड़ाई कर के धुप में कुछ दिन तक सूखने दे।
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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को सेम की खेती से होने वाली कमाई (Sem Ki Kheti Se Hone Wali Kamai) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।
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