इस फसल की बुवाई शुरू कर दी है तो नोटे की बारिश हो जाएंगे

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Badam Ki Kheti Keise Kare in Hindi

आप हर साल नोटों की बारिश करना चाहते है तो आप को इन फसल की बुवाई करनी चाहिए। इस फसल में चारो तरफ पैसा ही पैसा नजर आयेंगे। अभी तो आप की विश्वास नहीं आया होगा पर जैसे जैसे ए आर्टिकल आप आगे पढ़ते जाएंगे और समझते जाएंगे वैसे आप को भी विश्वास हो जाएंगे।

आप को कोई एसी फसल की जानकारी मिल जाए और आप भी इस फसल की खेती करना सुरू कर दे तो आप खुद पर नोटो की बारिश कर शकते है। वैसे तो कई प्रकार की फसल है जो किसान हर साल बुवाई करते है और अच्छा मुनाफा भी करते है पर इस फसल की बात ही कुछ और है।

तो आइए जानते ही की वे कोंसी फसल है जिनकी खेती कर के किसान नोटो की बारिश कर सकते है।

Table of Contents

वे कोन सी फसल है जिनकी खेती कर के किसान नोटो की बारिश कर शकते है

जिस फसल की खेती से आप के ऊपर नोटो की बारिश होने वाली है। और जिस फसल के नाम जानने के लिए आप भी बेसब्रीसे इंतजार करते है इस फसल का नाम बादाम की फसल है।

यदि आप ने बादाम के पेड़ की बुवाई अपने खेत में कर दी तो समझो आप के ऊपर नोटो की बारिश होने वाली है।आज के जमाने में हम सब जानते है की बादाम का उपयोग पूरे भारत में बड़े पैमाने में किया जाता है।

बादाम का उपयोग भारत में ही नही बल्कि पूरे विश्व में किया जाता है। बादाम में कई प्रकार के पोषक तत्व एवं विटामिन पाए जाते है जैसे की विटामीन ई, मैग्नेशियम, पोटैशियम, कैल्शियम, फैसफोर्स, लोहा, इनके अलावा भी कई पोषक तत्व बादाम में मौजूद होता है।

बदाम की आम जानकारी

बादाम को अंग्रेजी में अलमंड कहेते है। बादाम एक मेवा है। बादाम के पेड़ बहुत उच्चा नहीं होता। बादाम के पेड़ पर सफ़ेद और गुलाबी रंग के आते है और इन फूलो की खुश्बू भी अच्छी आती है।

बादाम की खेती किसान पहाड़ी विस्तार में बड़े पैमाने में करते है। इस बादाम के पेड़ के पतों लम्बे और मुलायम दीखते है। बादाम का सेवन करने से शरीर को बहुत ताकत मिलती है और ज्ञान वर्धक भी होता है।

बादाम का उपयोग हम विविध मिठाई में और सब्जी, सलाद, तेल, और फ्रूट स्लाट में भी बादाम का उपयोग काफी हद तक किया जाता है। बादाम का तेल बालो के लिए और त्वचा के लिए बहुत लाभ दायक माना जाता है।

इस प्रकार बादाम खाने और कई प्रकार के व्यजनो में बादाम का उपयोग किया जाता है। बादाम में मेग्नेशियम, विटामिन ई, एवं ओमेगा 3-फैटी ऐसिड, और कैल्शियम जैसे तत्व पाए जाते है।

आज के इस आर्टिकल में बादाम की खेती की संपूर्ण जानकारी आप को मिल जाएंगी। बादाम की खेती के बारे में जो भी जानकारी आप को चाहिए वही जानकारी इस आर्टिकल के अंत तक मिल जाएंगी।

बादाम की खेती कैसे करे इन हिंदी (Almonds Farming in Hindi) बादाम की खेती के लिए कौन सी मिट्टी उपयुक्त होती है, बादाम की खेती में तापमान एवं जलवायु, बादाम की उन्नत किस्मे कौन कौन सी है।

बादाम की फसल में लगने वाले रोग, बादाम की खेती में कौन कौन से खाद डालना चाहिए, बादाम के फल की तुड़ाई और एक हेक्टर में बादाम की फसल की है तो उपज कितनी प्राप्त होती है।

बादाम की खेती के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप को इस आर्टिकल के अंत तक हमारे साथ बने रहना होगा।

बादाम की खेती कैसे करते है?

बादाम की खेती भी सभी पेड़ की तरह की जाती है। बादाम का पौधा एक बार बुवाई कर के कई सालो तक इन पेड़ से उपज प्राप्त कर शकते है।

बादाम की खेती को कम बारिश वाले और पहाड़ी क्षेत्र में बड़ी आसानी से की जाती है। बादाम के पेड़ को आद्र उष्णकटिबंधीय जलवायु की आवश्यकता होती है।

बादाम के पेड़ के लिए सबसे अच्छी मिट्टी कौन सी है?

बादाम की फसल अधिक उपजाऊ मिट्टी में या तो कार्बनिक प्रदार्थ अधिक मात्रा में मौजूद हो और जल निकास की अच्छी व्यवस्था हो इस मिट्टी में बादाम की फसल अच्छे से विकास होता है।

बादाम की खेती जल भराव मिट्टी में ना के बराबर की जाती है क्यों की बादाम के पेड़ अधिक जल भराव मिट्टी में अच्छे से विकास नहीं कर शकता और पेड़ पर कई सारे रोग एवं कीट अटेक भी करते है।

बादाम के पेड़ जिस जमीन पर लगाए इस जमीन का पीएच मान 5.5 स 7.5 के बिचका होना बेहद जरूरी है।

बादाम की खेती को अनुरूप तापमान और वातावरण

बादाम की फसल आद्र उष्णकटिबंधीय जलवायु में अच्छे से वृद्धि करते है। हमारे देश में बादाम की खेती कश्मीर, उत्तराखंड, और हिमाचल प्रदेश में किसान बड़े पैमाने में करते है।

बादाम के पेड़ और फल की विकास ठंडे जलवायु में अच्छे से होती है। पर शर्दी के मौसम में पड़ने वाला पाला और बर्फीले विस्तार में पड़ने वाला बर्फ बादाम के पेड़ और फल दोनों को नुकशान पहुंचाता है।

बादाम के पेड़ की अच्छी विकास के लिए साल भर के 85 से 100 सेंटी मीटर की बारिश की आवश्यकता होती है। इन से अधिक बारिश भी बादाम के पेड़ के लिए हानिकारक मानी जाती है।

बादाम की खेती को अनुरूप तापमान 15°C से 30°C तक का अच्छा माना जाता है। बादाम के पौधे 5°C तक का तापमान सहन कर शकते है।

बादाम की कितनी किस्में होती हैं?

बादाम की खेती में भी बादाम की कई साडी उन्नत (प्रसिद्ध) किस्मे मौजूद है इन किस्मे के बादाम के पेड़ से अधिक पैदावार प्राप्त कर शकते है। इन में से कुछ बादाम के किस्मे के नाम इस प्रकार के है।

बादाम की अधिक पैदावार देने वाली और अति लोकप्रिय किस्मे के नाम है कैलिफोर्निया पेपर सेल, पियरलेस, आई.एक्स.एल, नीप्लस अल्ट्रा, नॉन पेरिल, फेसिओनेलो, थिनरोल्ड, ड्रेक, आदि किस्मे अच्छी पैदावार प्राप्त होती है।

बादाम की इन किस्मे की खेती किसान करते है तो अधिक उपज के साथ अधिक मुनाफा भी कर शकते है।

कैलिफोर्निया पेपर सेल : यह किस्मे बादाम की एक प्रमुख वैराइटी है। किस्मे के बादाम के छिलके ऊपरी छिलके के अंदर होते है। इस छिलके को आसानी से हटा शकते है।

इस वैराइटी के बादाम के फल खाने में मीठा स्वादवाले होते है और क्रीमी भी होते है। इस को आप सीधे भी खा शकते है और किसी व्यजनमे भी डाल के भी खाया जाता है।

कैलिफोर्निया पेपर शेल (California Paper Shell) इस बादाम की वैराइटी को वैज्ञानिक उन्नयन द्वारा तैयार की गई है और इस बादाम की किस्मे कैलिफोर्निया में व्यापक रूप से उगाई जाती है। और यह किस्मे विश्व भर में प्रचलित है।

पियरलेस : बादाम की यह किस्मे के ऊपरी छिलके के साथ होती है। इस किस्मे के छिलके हटाना कठिन हे। इस के फल स्वाद में मीठा और क्रीमी होता है।

बादाम के इस फल उच्च गुणवत्ता वाले माने जाते है। इस किस्मे का उत्पादन केन्टकी एवं अमेरिकी देश में अधिक किया जाता है इस किस्मे के बादाम के फल थोड़े महेगे होते है।

नीप्लस अल्ट्रा : यह एक प्रमुख बादाम की वेराइटी है। इस बादाम की पैदावार इटली में बहुत किसान करते है। इस बादाम के फल साइज में छोटे और गुणवत्ता में अधिक होते है

बादाम की इस किस्मे के बादाम विदेश में बड़े महंगे दाम में बिकते है और स्वाद में बड़े मीठे और विविध पकवान में भी इस बादाम का इस्तेमाल किया जाता है

नॉनपरेल : बादाम की यह किस्मे विश्व भर में बहुत लोकप्रिय है इस किस्मे के बादाम सफ़ेद रंग के होते है और थोड़े चिकने भी होते है एवं खाने में बड़ा स्वादिष्ट और क्रीमी होता है।

इस बादाम की किस्मे के ऊपरी हीछा पतला और बड़ी आसानी से हटा शकते है। यह बादाम अति गुणकरि और स्वाद में भी अत्यंत मीठा होता है।

बादाम की इस किस्मे के फल ज्यादातर पेस्ट, बिस्किट, और कॉकटेल जैसे खाद पदार्थो में होता है।

बादाम की खेत तैयारी कैसे करे

बादाम की खेती तैयारी में एक से दो बार गहरी जुताई करे और पाटा चलाके ज़मीन को अच्छे से समतल कर लेना चाहिए। बाद में बादाम के पौधे की रोपाई करने के लिए खड्डे तैयार कर लेना चाहिए।

बादाम के खड्डे पंक्ति में तैयार करना चाहिए। बादाम के पौधे से पौधे की दुरी 5 से 8 मीटर की रखनी चाहिए। और इन खड्डो को सितंबर या अक्टूबर महीने में तैयार कर लेना चाहिए।

बादाम के खड्डे 4 फिट गहरा और 4 फिट चौड़ा तैयार करे इन खड्डो को सड़ी गोबर की खाद और रासायनिक खाद की योग्य मात्रा से मिट्टी में अच्छे से मिला के भर देना होगा।

इन खड्डो को एक बार हलकी सिंचाई भी कर लेनी चाहिए। बाद में नर्सरी से बादाम के पौधे खरीद के इन खड्डो में फरवरी या मार्च महीने में रोपाई कर देनी चाहिए।

बादाम के पेड़ को कौन सी खाद और कितनी डालनी होगी

बादाम के पेड़ की अच्छे विकास और अधिक पैदावार के लिए योग्य समय खाद देना बेहद जरूरी है। बादाम के पेड़ को हर साल इस प्रकार से और इस मात्रा से खाद देना चाहिए।

बादाम के पेड़ को हर साल सड़ी गोबर की खाद 30 से 40 किलोग्राम, केल्सियम अमोनिया 2 से 3 किलोग्राम नाइट्रोजन 1.5 से 2 सिंगल सुपर फ़ास्फ़ोट 1 किलोग्राम इस प्रकार के खाद आप बादाम ने पेड़ को दे शकते है।

बादाम के पेड़ को सिंचाई कब करे

बादाम की फसल में सिंचाई योग्य समय पर जरूर करे। बादाम के पेड़ को शर्दी के मौसम में कम सिंचाई की आवश्यकता होती है पर गर्मी के मौसम में नमी बनी रहे इस लिए 21 से 26 दिन के अंतर में सिंचाई जरूर करे।

पहाड़ी विस्तार में जमीन अच्छी या नीची होती है तब बादाम के पेड़ की सिंचाई टपक विधि से करे जब बादाम के पौधे पर फूल फल दिखाई दे तब योग्य मात्रा में सिंचाई जरूर करे।

बादाम की तुड़ाई कब करनी चाहिए?

बादाम के पौधे मुख्य खेत में तैयार किया खड्डो में रोपाई के बाद तीन साल के बाद फल देने लगते है। बादाम के पेड़ पर फूल दिखने के बाद 7 से 8 महीने के बाद पूरी तरे से बादाम के फल पक जाते है।

बादाम के फल पेड़ से तुड़ाई करने के बाद कुछ दिनों तक छाव में सुखाया जाता है बाद में इन फल की ऊपरी छिलके को अलग कर के बादाम का बीज निकाला जाता है।

बादाम के पेड़ 8 साल बाद बडिया पैदावार देने के लिए तैयार हो जाता है। बादाम के पेड़ एक बार रोपाई हो जाने के बाद 50 साल तक लगातार फल देते है।

बादाम की उपज मुख्य तवे विविध किस्मे और विविध विस्तार पर निर्भर रखता है। बादाम के प्रत्येक पेड़ से साल भर के 2.5 से 3 किलोग्राम बादाम के बीज प्राप्त कर शकते है।

बादाम के इस बीज का बजरी दाम भी अच्छा होता है इस लिए किसान भाई बादाम की खेती कर के अच्छा मुनाफा कर शकते है। और बादाम के पेड़ एक बार लगा के कई साल तक अच्छी पैदावार भी देते है।

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FAQ’s

बादाम का पेड़ कितने साल में फल देता है?

बादाम के पौधे रोपाई के बाद 3 से 4 साल बाद फल देते है पर 6 से 8 साल बाद तो अधिक फल देने के लिए तैयार हो जाता है।

बादाम के पेड़ कितने साल तक फल देते है?

बादाम के पेड़ एक बार रोपाई हो जाने के बाद 50 साल तक बडिया पैदावार देते है

बादाम भारत में कहाँ उगाए जाते हैं?

बादाम हमारे देश भारत में ठंडे और पहाड़ी विस्तार बादाम के पौधे या पेड़ उगाते है। जैसे की हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर और आज के ज़माने में बादाम की उन्नत किस्मे की रोपाई केरल के कुछ विस्तार में बादाम की खेती की जाती है।

बादाम का पौधा कब लगाएं?

बादाम के पौधे की रोपाई फरवरी से मार्च महीने में कर देनी चाहिए

बादाम को कौन कौन सा विटामिन और पोषक तत्व पाए जाते है?

बादाम में मेग्नेशियम, विटामिन ई, एवं ओमेगा 3-फैटी ऐसिड, और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते है।

सारांश

नमस्ते किशान भाईयो इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बादाम की खेती कैसे करे इन हिंदी (Almonds Farming in Hindi) इन के बारे में बारीक़ से जानकारी मिली होगी।

Badam Ki Kheti Keise Ki Jati Hai

बादाम की उन्नत किस्मे कौन कौन सी है। इन के बारेमे भी बहुत कुछ जानने को मिला होगा। बादाम की खेती कब और कैसे की जाती है इन के बारे में भी बहुत कुछ बताया है।

बादाम की खेती एक एकड़ में करे तो उपज कितनी प्राप्त कर शकते है। और बादाम की खेती में कौन कौन से खाद और कितना देना चाहिए। इन के बारे में बहुत कुछ जानने को मिलेगा।

बादाम की खेती में ए आर्टिकल आप को बहुत हेल्पफुल होगा। उम्मीद रखते है की ए आर्टिकल आप को बहुत पसंद भी आया होगा। इस लिए ए आर्टिकल को अपने सबंधी एवं मित्रो और किशान भाई को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे।

बादाम की खेती कैसे करे इन हिंदी (Badam Ki Kheti Keise Kare in Hindi) इन आर्टिकल के अंत तक बने रहने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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