मिर्च की खेती में कौन सा खाद डालें (बुवाई से लेकर कटाई तक पूरी जानकारी)

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मिर्च की खेती में कौन सा खाद डालें? (Mirch Ki Kheti Me Kon Sa Khad Dale) मिर्च को हमारे देश भारत के प्रमुख मसाला फसल भी माना जाता है। मिर्च का स्वाद तीखा होता है। मिर्च की खेती हमारे देश भारत में दो प्रकार से किशान करते है।

Mirch Ki Kheti Me Kon Sa Khad Dale

एक हरी मिर्च की खेती, एवं लाल मिर्च की खेती, इस प्रकार से किशान करते है। मिर्च का प्रमुख स्थान मैक्सिको एवं गुआटेमाला है। मिर्च विविध सब्जी में एवं कई सारे दवाई में भी उपयोग में लेते है। मिर्च में कैंसर रोधी एवं जल्द दर्द मिटाने वाले तत्व भी भारी मात्रा में मौजूद होते है।

मिर्च रक्त को पतला करने में मदद करता है और हदय की बीमारी को रोकने में भी काफी मददगार होता है। इस प्रकार मानव शरीर में मिर्च उपयोगी है। और मिर्च की खेती आज के ज़माने में भारत के कई सारे राज्य में किशान बड़े पैमाने में करते है और अधिक मुनाफा भी प्राप्त करते है।

मिर्च की खेती में किन किन बातो पर ध्यान देना चाहिए।

  • मिर्च की खेती अच्छी उपजाव मिट्टी में करनी चाहिए। मिर्च के पौधे के अच्छे विकास एवं ज्यादा उपज के हेतु। मिर्च की खेती जीस मिट्टी में करे उस मिट्टी का पी.एच. मान 6.5 से 7.5 के बीच का होना चाहिए।
  • मिर्च की खेती तैयारी में दो से तीन बार गहरी जुताई कर के पाटा चला के जमीन को समतल कर लेना चाहिए ताकी मिर्च की खेती में जल भराव की समस्या ना हो मिर्च की फसल में जल निकास अच्छी होनी चाहिए वार्ना मिर्च के पौधे में जड़ गलन रोग लग तजा है और मिर्च का पौधा धीरे धीरे सुख के नष्ट हो जाता है।
  • मिर्च की खेती में आद्र शुष्क जलवायु सबसे अच्छा माना जाता है। मिर्च की खेती में अधिक बारिश या अधिक गर्मी नुकशान कारक है। मिर्च के पौधे मध्य तापमान एवं मध्य बारिश में अच्छे से विकास करते है और अधिक मात्रा में पैदावार भी प्राप्त कर शकते है। मिर्च की खेती में सर्दी के मौसम में गिरने वाला पाला बहुत नुकशान पहुचाता है और इस पाला के कारण मिर्च के पौधे में कोकडवा रोग लग जाता है और मिर्च के पौधे की वृद्धि रूक जाती है।
  • मिर्च के बीज को अंकुरित होने के लिए सामान्य तापमान की जरूरत होती है। मिर्च के पौधे की अच्छी विकास एवं पौधे पर लगे फल की अच्छी विकास के लिए कम से कम 15°C तापमान और ज्यादा से ज्यादा 35°C तापमान को सहन कर शकता है। इन से कम तापमान एवं इन से अधिक तापमान मिर्च की फसल को नुकशान पहुंचाता है।
  • मिर्च की कई सारी प्रसिद्ध किस्मे (उन्नत किस्मे) हे। इन किस्मे के नाम कुछ इस प्रकार के है। यूएस अग्रीसीडस का SW 407, SW 414, BASF का US 730,ओजस, US 702, माहिको 456, रैमिक, रीतिका, मारिया, नामधारी सीड्स का NS 2560, सकाटा ग्रीन थंडर 2006, अडवांटा AK 47, ADV 5759, रेवा, गरुडा, सानिया, रेशम, रेशमा 084, VNR 38, दूतष का DS 401, इस के अलावा भी कई सारी उन्नत किस्में है।
  • मिर्च के बीज की बुवाई आप अप्रैल माह में धरु कर शकते है। और इस बीज की गहराई मिट्टी में 0.25 इंच की रखनी चाहिए। और इस बीज से अंकुरित पौधे को मुख्य खेती में जून माह में बुवाई कर देनी चाहिए। इन के अलावा भी मार्च से जून एवं जुलाई से अक्तूबर माह में भी मिर्च की बुवाई कर शकते है। मिर्च के पौधे बुवाई के बाद 80 से 90 दिन के बाद पैदावार देते है।
  • मिर्च की खेती में कई सारे रोग एवं कीट अटेक करते है। मिर्च की खेती में इस प्रकार के रोग एवं किट अटेक करते है। जड़ गलन, पति गलन, निमोटेड, बैक्ट्रियल विल्ट, लिफ़ ब्लाइट, ऐंथरैकनोज, छछिया रोगी, माहु, हरी तेला, थ्रिप्स, सफेद मक्खी, पान कथिरी, हरी इली, इस प्रकार के रोग एवं कीट मिर्च की फसल में ज्यादा तर दिखाई देते है।
  • मिर्च की खेती में सिंचाई की जरूरत कम पड़ती है। मिर्च के पौधे पर जब फूल फल आने लगे तब सिंचाई जरूरत मुजब करनी चाहिए। और ज्यादा पानी भराव से मिर्च के पौधे के जड़ गलन रोग एवं फंगस पैदा होते है। इस लिए मिर्च की खेती में सिंचाई जरूरत मुजब करनी चाहिए।
  • मिर्च की कटाई दो प्रकार से करते है। एक हरी मिर्च की कटाई और लाल मिर्च की कटाई इस प्रकार से मिर्च की कटाई करते है। मिर्च की कटाई आप बुवाई के बाद 80 से 90 दिन के बाद कर शकते है। अगर आप एक हेक्टर में मिर्च की खेती करे तो उपज 170 से 200 क्विंटल हरी मिर्च प्राप्त कर शकते है और 25 से 35 क्विंटल लाल मिर्च प्राप्त कर शकते है।

मिर्च की खेती में कौन सा खाद डालें

मिर्च की फसल में खाद डालना बेहद जरूरी है। मिर्च के पौधे की अच्छी विकास और फल की अच्छी वृद्धि के लिए खाद डालना जरूरी है। मिर्च की खेती में इस प्रकार के खाद डाल शकते है।

एक हेक्टर के हिसाब से देशी खाद में अच्छे से सड़ा हुआ गोबर वर्मीकम्पोष्ट, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, यूरिया, एस एस पी, एवं मुरीयते ऑफ़ पोटाश, इन के अलावा मिर्च के पौधे की जड़ विक्षित एवं अच्छे विकास के लिए माइकोरिजा और ह्यूमिक एसिड भी देना चाहिए।

  • सड़ा हुआ गोबर : एक हेक्टर में 12 से 15 टन देशी खाद अच्छे से सड़ा हुआ गोबर डालना चाहिए।
  • नाइट्रोजन : नाइट्रोजन पौधे को वातावरण में से 80% किलता है और 4% पानी के माध्यम से मिलता है। इस के आलावा एक हेक्टर में हम 70 से 80 किलो नाइट्रोजन डाल शकते है। नाइट्रोजन का मुख्य हेतु है पौधे या बेल की वृद्धि करना।
    फास्फोरस : हम एक हेक्टर में फास्फोरस 35 से 40 किलो डाल शकते है। इस का माप जमीन की H.P मान के डालना चाहिए। इस तत्व का मुख्य कार्य है पौधे या बेल पर फूल की वृद्धि, फल की वृद्धि और पौधे में रोग प्रति कारक शक्ती बढ़ा देना। इस के आलावा भी ए तत्व कार्य करते है फल के आकर को बढ़ता है।
    पोटाश : हम एक हेक्टर में पोटाश 35 से 40 किलो डाल शकते है। इस तत्व का मुख्य कार्य है पौधे के जड़ो को विक्षित करना और कई रोग एवं कीट से बचाते है। जब किसी भी पौधे या बेल की जड़ मजबूती से जमीन के साथ जुड़ जाती है। पोटाश देने से पौधे की कोशिका की दीवारे मजबूत होती है और तने या बेल के कोष्ट की बड़ोतरी होती है
  • 1) जब फसल 18 दिन की हो जाए तब पहली खाद मरिनो 2 लीटर +थायमेथोकझाम 250 ग्राम +20:20:20 एच-डी 800 ग्राम पानी के साथ दीजीए।
    2) जब फसल 24 दिन की हो जाए तब दूसरी खाद यूरिया 3 किलोग्राम +एग्रोमीन मेक्ष 2.5 किलोग्राम पानी के साथ दीजीए।
    3) जब फसल 27 दिन की हो जाए तब 11:52:00 एच-डी + फरटिशोल 3 किलोग्राम पानी के साथ दीजीए।
    4) जब फसल 33 दिन की हो जाए तब तीसरी खाद 11:52:00 एच-डी 800 ग्राम + चेलामीन 1 किलोग्राम पानी के साथ दीजीए।
    5) जब फसल 38 दिन की हो जाए तब चौथी खाद” एकवाकल 2.5 लीटर बोरान 20% 1 किलोग्राम पानी के साथ दीजीए।
    6) जब फसल 42 दिन की हो जाए तब 00:52:34 एच-डी + हाइड्रोप्रो गोल्ड 2 लीटर पानी के साथ दीजीए।
    7) जब फसल 46 दिन की हो जाए तब 00:52:34 एच-डी + एग्री प्रो 1 किलोग्राम पानी के साथ दीजीए।
    8) जब फसल 51 दिन की हो जाए तब एकवाकल 2.5 लीटर बोरान 20% 1 किलोग्राम पानी के साथ दीजीए।
    9) जब फसल 56 दिन की हो जाए तब फरटिशोल 6 किलोग्राम + मरिनो 2 लीटर पानी के साथ दीजीए।
    10) जब फसल 60 दिन की हो जाए तब “कोंबीकेल 6 किलोग्राम + बोरान 20% 1 किलोग्राम पानी के साथ दीजीए
    11) जब फसल 64 दिन की हो जाए तब 13:00:45 एच-डी 800 ग्राम + हाइड्रो प्रो 2 लीटर पानी के साथ दीजीए।
    12) जब फसल 66 दिन की हो जाए तब 13:00:45 एच-डी 800 ग्राम पानी के साथ दीजीए।
    13) जब फसल 70 दिन की हो जाए तब 00:00:50 एच-डी 1600 ग्राम पानी के साथ दीजीए
    14) जब फसल 72 दिन की हो जाए तब 00:00:50 एच-डी 1600ग्राम पानी के साथ दीजीए।
    15) 72 दिन की खाद सिडयुल देते ही आपकी फसल पक जाती है।ओर बड़े बड़े फल की कटाई करके आप नजदीकी बाजार में बेचने के लिए ले जा शकते है।

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FAQ’s

Q-1. मिर्च के पौधे कितने दिन में फल देते है ?

Answer : मिर्च के पौधे बुवाई के बाद 80 से 90 दिन बाद फल देते है।

Q-2. मिर्च के पौधा कितने दिन तक फल देता है ?

Answer : मिर्च के पौधे लगभग 240 से 280 दिन तक फल देते है। इस का निर्भर किशान की देखभाल पर रखता है।

Q-3. मिर्च की खेती बक और कैसे करनी चाहिए ?

Answer : मिर्च की खेती मार्च से जून और जुलाई अक्टूबर माह में कर शकते है। मिर्च के बीज बुवाई कर के और बीज से पौधे अंकुरित हो जाने पर मुख्य खेत में बुवाई कर शकते है

Q-4. मिर्च का फल की साईज कैसे बढ़ाए जाते हैं ?

Answer : मिर्च का फल की साईज बढ़ाने की खाद 13:00:45 खाद देनी चाहिए

Q-5. एक हेक्टर में मिर्च की उपज कितनी प्राप्त होती है ?

Answer : एक हेक्टर में हरे मिर्च 170 से 200 क्विंटल और लाल 25 से 35 क्विंटल तक की उपज प्राप्त कर शकते है

सारांश

नमस्ते किशान भाइओ इस आर्टिकल के माध्यम से आपको मिर्च की खेती में कौन कौन सा खाद डालना होगा और कब देना होगा इस के बारे में बारीक़ से जानकारी मिलेगी और मिर्च की खेती के लिए कैसी मिट्टी की पसंदगी करनी चाहिए, मिर्च के पौधे को कैसा जलवायु एवं तापमान अनुकूल आता है।

मिर्च की उन्नत (प्रसिद्ध) किस्मे कौन कौन सी है, मिर्च की फसल में कौन कौन सा रोग एवं कीट अटेक करते है, मिर्च के पौधे को कौन सा खाद एवं कब देना चाहिए, मिर्च की खेती एक हेक्टर में करे तो कितनी उपज हरे मिर्च की और लाल मिर्च की कर शकते है। बात करे तो मिर्च की जानकारी इस आर्टिकल में सारी मिल जाएगी।

हमे पता है की ए आर्टिकल आप को मिर्च की खेती के लिए बहुत हेल्पफुल होगा। और ए आर्टिकल आपको बहुत पसंद भी आया होगा इस लिए इस आर्टिकल को अपने सबंधी एवं मित्रो और किशान भाई को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे। इस आर्टिकल के अंत तक बने रहने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।