सरसो की फसल में बीज बुवाई के बाद किसान मोनो का छिड़काव कब कर सकते है।

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नमस्ते किसान बंधु हमारे इस आईखेडूतपुत्रा ब्लॉग में आप सभी किसान बंधु का तहेदिल से स्वागत करता हु। हम सब अच्छे से जानते है की इस साल कपास की फसल में किसान भाई को बहुत ही नुकसान हुआ है। और इन का मुख्य कारण है पिछेती बारिश और गुलाबी सुंडी का प्रकोप इन दोनो की वजह से इस साल कपास की फसल से किसान को बहुत ही नुकसान हुआ है। पर इस नुकसान की भरपाई करने के लिए आप जल्द से जल्द सरसो की उन्नत किस्में के बीज की बुवाई कर के थोड़ा बहुत नुकसान की भरपाई कर कहते है। सरसो की खेती में दवाई का छिड़काव कब करे (sarso ki kheti me dava ka chiskav kab karen) इन के बारे में जानकारी होना बेहद जरुरी है।

sarso ki kheti me dava ka chiskav kab karen

आप सब भलीभाती जानते ही है की अब सरसो की फसल की बुवाई करने का समय बहुत नजदीक आ गया है। और कई सारे किसान ने अगेती सरसो की उन्नत किस्में के बीज की बुवाई मुख्य खेत में करदी है तो कई किसान सरसो की खेती के लिए खेत तैयारी भी शुरू कर दी है। पर सरसो की खेती आप अगेती करना चाहते है तो आप नजदीकी कृषि विभाग की मुलाकात ले और इन से अगेती सरसो की खेती करने के लिए जरूरी बातो पर चर्च करे और उन्नत किस्में के बीज चुन के अक्टूबर महीने में 20 दिन बाद कर सकते है।

सरसो की खेती करने से पहले आप कृषि वैज्ञानिकों की सलाह जरूर लें और सरसो की फसल में लागत कम लगती है और मुनाफा की बात करे तो मुनाफा अधिक होता है। इस लिया किसान को उत्पादन अधिक प्राप्त होने से बंपर कमाई करने का मोका भी मिलजात है। सब से बड़ा सवाल तो यही है की कई किसान भाई को सरसो की खेती में कोन सी कीटनाशक दवाई का छिड़काव कब करना है यही खबर नहीं है। इस लिया हमारे कृषि वैज्ञानिकों और प्रगतिशील किसान ने बताया है की सरसो की फसल में बीज बुवाई से पहले एक छिड़काव करे। और दूसरा छिड़काव बुवाई हो जाने के बाद 15 से 20 दिन बाद करे। तो कोई किसान बंधु का कहेना है की सरसो की खेती में कोई रासायनिक दवाई का छिड़काव ना करे। इन का कहेना है की जो नीम के पते है इन का रस निकले और गोमूत्र दोनो को अच्छे से मिल घोल के अच्छे से छिड़काव करे। तो किसान को सरसो की फसल में लागत तो कम हो जाएगी और सरसो की फसल में कोई रोग भी नही लगेगा।

हमारे कृषि वैज्ञानिकों का क्या सुझाव है।

सरसो की खेती उन्नत तरीके से करने के लिए और अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों का कहेना है की पहले किसान जिस मिट्टी में सरसो के उन्नत बीज की बुवाई करने वाले है उस मिट्टी की जास जरूर करवाले ताकि किसान को पता चल जाए की जिस मिट्टी में सरसो के बीज की बुवाई करनी है उस मिट्टी में कोन कोन से तत्व की कमी है। और जो पौधे के विकास के लिए तत्व की कमी है इन तत्व की पूर्ति करे। यह सब हो जाने के बाद किसान इस बात का भी ध्यान रखे के जो नकली बीज की बुवाई ना करे जो सरकार मान्य और उन्नत किस्में के बीज की ही पसंदगी कर के बुवाई करे।

हमारे कृषि विभाग और कृषि वैज्ञानिकों का कहेना है की सरसो की फसल में कोई भी कीटनाशक दवाई का छिड़काव करना सरकार की तरफ से प्रतिबंध है। और इन का कहेना है की सरसो की फसल में किसान बंधु ऑर्गेनिक दवाई जैसे की नीम और गोमूत्र दोनो को अच्छे से मिल घोल के छिड़काव करे। इन दिनों का मिश्रण कर के सरसो की फसल में छिड़काव करने से कई कीट और रोग सरसो की फसल में अटैक नही करते है। और सरसो की फसल से किसान को अधिक उत्पादन प्राप्त होता है। और अच्छी कमाई भी होती है। अगर सरसो की फसल में अधिक रोग एवं कीट अटैक करते है तब आप अपनी नजदीकी कृषि विभाग (विश्वविद्यालय) की मुलाकात ले और इन से मिली जानकारी के मुताबित सरसो की फसल में योग्य दवाई का छिड़काव कर सकते है।

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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को सरसो की खेती में दवाई का छिड़काव कब करे (sarso ki kheti me dava ka chiskav kab karen) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सरसो की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।

हमारे इस ब्लॉग ikhedutputra.com पर हर हमेेश किसान को खेती की विविध फसल के उन्नत बीज से लेकर उत्पादन और इन से होने वाली कमाई और मुनाफा तक की सारी बात बताई जाती है। इन के अलावा जो किसान के हित में सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली विविध योजना और खेती के नई तौर तरीके के बारे में भी बहुत कुछ जानने को मिलेगा।

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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