बरसात के मौसम में मूली की खेती संपूर्ण जानकारी यहां जाने और बंपर कमाई होगी

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Barsati Muli Ki Kheti

बरसाती मूली की खेती (Barsati Muli Ki Kheti) : बरसाती मूली की उन्नत खेती बरसात के दिनों पर रेट तो बहुत अधिक होते हैं बहुत ज्यादा उछाल ले रहे होते हैं लेकिन बरसात के दिनों पर मूली को करना भी उतना ज्यादा कठिन है क्योंकि इसमें रोग बीमारी ऊपर से बरसात का आ जाना और प्रॉपर साइज शेप समस्याएं काफी होती हैं लेकिन एक बात मानक चलिए दोस्तों जिस हिसाब से यदि हम बात करने वाले हैं कि इस प्रकार आप मूली को ग्रोह करें तो आपको रेट अच्छे मिलेंगे और बढ़िया तरीके से आपकी फसल भी तैयार हो जाएगी

यदि आप सही समय पर सही रोग बीमारियों को कंट्रोल कर लेंगे और सही तरीके से मूली की खेती आप करेंगे तो आपको रेट आमदा बहुत अच्छे मिलने वाले हैं तो बरसात के दिनों पर कम लागत पर बढ़िया उत्पादन देने वाली बरसाती मूली की खेती किस प्रकार करनी चाहिए और इन की उन्नत किस्में कौन कौन सी है इन सभी बाते पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारे साथ इस ikhedutputra.Com के इस आर्टिकल के अंत तक बने रहे।

बरसाती मूली की खेती (Barsati Muli Ki Kheti)

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको ए टू जेड संपूर्ण जानकारी देने वाले है। बरसाती मूली की उन्नत खेती (Muli Ki Kheti Kaise Karen) तो सही जो समय है दोस्तों वो है जुलाई यानी जून के बाद ही आप मूली की खेती करें मध्य जुलाई और अगस्त के पहले सप्ताह में और यदि आप सही समय यदि मानकर चलें तो वो है दोस्तों मध्य जुलाई में आप बेड विधि से मूली की खेती करें।

बरसात के मौसम में अधिक बारिश के कारण कई बार खेत में चारो तरफ पानी भर जाता है और फसल बर्बाद होने का खतरा रहता है इस लिए बरसात के मौसम में मूली की खेती आप बेड तैयार कर के करें तो फसल बर्बाद होने की समस्या काफी कम हो जाती है। और बेड विधि से मूली की खेती करने से पैदावार भी अधिक मुलती है।

बरसात के मौसम में मूली उन्नत किस्में कौन कौन सी है?

सर्दियों के दिनों पर या फिर गर्मियों के दिनों पर मूली की किसी वैरायटी (Radish farming variety) को उगाया जा सकता है लेकिन जब बात आती है बरसात के दिनों पर तो बरसात के दिनों पर आपको जो बेस्ट वैरायटी का चुनाव करना चाहिए सबसे पहले तो पालक पत्ता वाली वैरायटी चुनाव कर शकते है क्यों की यह पालक पाता मूली की क़िस्म अधिक बारिश को सहन कर शक्ति है।

मूली की और वैरायटी में आप सन ग्रोह की आर 33 वैरायटी, पाहुजा सीट्स की वाइट मार्बल वैरायटी, पूसा चेत की वैरायटी, माहिको की माही 22 वैरायटी, और आईवरी वाइट जो कि काफी किसानों की पसंदीदा वैरायटी है। इन किस्मों को आप लगा सकते है सब एक से बढ़कर एक वैरायटी है और स्पेशल बरसात में यदि आप मूली की खेती करते हैं तो 50 दिन 55 दिन यानी 45 से 55 दिन के आसपास में यह जो फसल है वो तैयार हो जाती है और मोटी कमाई भी देती है

बरसात के मौसम में मूली की खेती में खाद

बरसात के मौसम में आप मूली की खेती करना चाहते है तो आप को एक एकड़ के हिसाब से खाद का यह बेसल डोज देना है। इन में आप बॉय के समय एसएसपी सिंगल सुपर फास्फेट आपको लेना 50 किग्रा एमओ पोटाश 60 पर वाली 20 किग्रा गोबर की खाद दो ट्रॉली एक एकड़ में एकदम पकी हुई देसी गोबर की खाद अक्सर गोबर की खाद किसान भाई बरसात के दिनों पर इस्तेमाल करने से थोड़ा सा झिझक हैं क्योंकि रोग बीमारी का प्रकोप बढ़ जाता है।

इसके लिए आप एक काम कर सकते हैं कि मूली की फसल जड़ वाली फसल है कंद वाली फसल है तो कंद वाली फसलों में बरसात के दिनों पर मूली काफी ज्यादा प्रभावित होती है तो इसके लिए आपको एक दानेदार सिस्टमिक कीटनाशक का प्रयोग करना चाहिए जैसे बटा को आती है या फिर फर्टेरा दोनों में से कोई एक सिस्टमिक दानेदार कीटनाशक है 3 किलोग्राम प्रयोग करना चाहिए प्रति एकड़ की दर से इन तीन चारों को ठीक तरीके से मिक्स कर लीजिए और एक एकड़ में जहां पर आप मेड़ बना रहे हैं वहां पर आप प्रयोग करें

मूली की फसल में रोग बीमारी

मूली की फसल में बरसात के दिनों में कई रोग बीमारी लगती है जैसे की पत्ती को छेदने वाली पत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाली सेमी लूपर्स इल्ली का प्रकोप देखने के लिए मिलता है बॉल बर्म है कुछ बग का प्रकोप देखने के लिए मिलता है। जो पत्तियों को खाते हैं कुछ रस चूस कीट से एफिट जेसिड थ्रिप्स माइट्स का प्रकोप देखने के लिए मिलता है। पीलापन की समस्या आती है और बरसात के दिनों पर गलन डंपिंग ऑफ की समस्या क्रिटिकल यह जो सिचुएशन है ना वो काफी ज्यादा बढ़ जाती है।

सर्दियों के मौसम में आसानी से मूली की फसल में बिना स्प्रे फसल तैयार हो जाती है लेकिन जब बात आती बरसात की तो बरसात के समय दोस्तों बहुत ज्यादा फंगस का प्रकोप देखने के लिए मिलता है और फंगस का अटैक यदि एक बार हो गया तो फिर कंट्रोल करना मुश्किल वाला काम हो सकता है। इसीलिए प्रीवेंटिव में समय-समय पर आप इन दवाई इन वेस्ट कॉमिनेशन का स्प्रे कर सकते हैं।

फर्स्ट जो कॉमिनेशन है 10 दिन के आसपास की फसल होती है तो रोगोर आपको लेना है लगभग 25 एमएल 10 से 12 दिन की फसल होती है डाई मेथड 30 पर ईसी 25 एए और डाउ एग्रो साइंस की सिस्न के नाम से आती है इसको आपको लेना है 10 ग्राम फंगीसाइड है 15 लीटर पानी घोल करके स्प्रे करें और जब भी आप स्प्रे कर रहे हो किसी बेस्ट कंपनी की सिलिकॉन चिप को मिलाकर स्प्रे करना चाहिए।

सेकंड कॉमिनेशन है लगभग हमारी फसल बुवाई से 18 दिन के आसपास की होती है तो सिंजेंटा कंपनी की एक तारा आपको लेना है 8 ग्राम डाउ एग्रो साइंस की सिस्न 10 ग्राम एक बार फिर रिपीट आप कर सकते 15 लीटर पानी की दर से डोज बता रहे हैं जितनी भी आपकी फसल है तो जो डोज है वह 15 लीटर की दर से मिलाते जाइए और स्प्रे करते जाइए इसके अलावा थर्ड स्प्रे 26 से 28 दिन के आसपास की फसल होती है तो एनपी के 12610 80 ग्राम लेना है सिजेंटा कंपनी की क्वांटिटी से यदि बढ़वार अच्छी ना हो रही हो और पीलापन की समस्या हो तो क्वांटस बायो स्टिमुलेटिंग साइड 40 ग्राम रोगर 25 एमए 15 लीटर पानी में घोल करके स्प्रे करें।

फोथ स्प्रे 35 से 40 दिन की फसल होती है आईसा एग्रो की सीटोन 10 एल टॉनिक 25 एमए एममेक्टिन बजट 5 पर एसजी 10 ग्राम और एस टाम प 20 पर एसपी जो आती है 10 ग्राम और इसके साथ रोग फंगीसाइड 30 ग्राम 15 लीटर पानी घोल करके स्प्रे करना चाहिए। इस प्रकार यदि आप मूली की खेती बरसात के दिनों पर करते हैं आने वाली समस्याओं के प्रति जो भी आप स्प शेड्यूल चला रहे हैं सही चौकन में रहकर यदि आप बरसात ही मूल की खेती करेंगे तो निश्चित रूप से आपको रेट अच्छे मिलने वाले हैं।

इस प्रकार मूली की खेती बरसात के मौसम में करेंगे तो बाजार भाव अधिक मिलेंगे और इस मूली की खेती से आप को लाखो रूपए की कमाई होने वाली है।

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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को बरसाती मूली की खेती (Barsati muli ki kheti) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। कम लागत में अधिक मुनाफा यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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